2010–2019
पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य: मुहरबंदी और चंगाई
अप्रैल 2018


पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य: मुहरबंदी और चंगाई

जब हम अपने पूर्वजो के लिए अपने परिवार का इतिहास एक्र्तित करके मंदिर में प्रवेश करते है तब परमेश्वर दोनों तरफ से एक ही समय पर आशीष प्रदान करते हैं l

हमारे जीवन में कुछ पारिवारिक रिश्ते बहुत ही मधुर पर चुनौतीपूर्ण अनुभव के हो सकते हैं । हम में बहुतों ने परिवारों के बीच किसी न किसी प्रकार की अनबन का सामना किया है । इसी प्रकार की अनबन इन अंतिम दिनों में यीशु मसीह के गिरजे के दो हीरो के बीच हुई थी । पारले और ऑरसन प्रैट दो भाई थे, आरंभिक परिवर्तित, और नियुक्त प्रेरित । दोनों ने विश्वास की परिक्षा का सामना किया लेकिन अट्टू गवाही के साथ इस पर विजय प्राप्त की । दोनों ने सच्चाई के कारण बहुत बलिदान और योगदान दिया ।

Image
परले प्रात्त

नावू में रहने के दौरान, उनके रिश्ते खराब हो गये, बात बहुत अधिक बढ़ गई, 1846 में लोगों के सामने आमना-सामना हुआ । इससे इनके बीच एक गहरी और लंबी खाई पैदा हो गई । पारले ने पहल करके ऑरसन को इस खाई को पाटने के लिये लिखा, लेकिन ऑरसन ने जवाब नहीं दिया । पारले ने आगे बात नहीं बढ़ाई, यह सोचते हुए कि बातचीत हमेशा के लिये बंद हो चुकी है, जबतक की ऑरसन आगे नहीं आता ।.1

Image
ऑरसन प्रात्त

कई सालों बाद, मार्च 1853 में, ऑरसन को एक पुस्तक के प्रकाशन के बारे में पता लगा जो विलियम प्रैट, इन भाइयों के आरंभिक अमरिकियों पूर्वज के वंशजों पर लिखी गई थी । ऑरसन रोने लगा “एक छोटे बच्चे की तरह” जब उसने पारिवारिक इतिहास के मूल्यवान संग्रह को देखा । उसका हृदय पिघल गया, और उसने अपने भाई के साथ हुई अनबन को सुधारने का निर्णय लिया ।

ऑरसन ने पारले को लिखा, “मेरे प्यारे भाई, अब हमारे पूर्वज, लेफ्टिनेंट विलियम प्रैट के वंशजों में से कोई नहीं बचा है, जिसे अपने वंशजों को खोजने में इतनी गहरी रूचि हो ।” ऑरसन इसे समझने वाला पहला व्यक्ति था कि अंतिम-दिनों के संतों को पारिवारिक इतिहास को खोजने और संग्रह करने की जिम्मेदारी है, ताकि हम अपने पूर्वजों के लिये प्रतिनिधि विधियां कर सकें । उसने पत्र में आगे लिखा: “हमारे पूर्वजों के परमेश्वर का इसमें प्रभाव है । ... मैं आपसे क्षमा मांगता हूं कि मैंने आपको जवाब नहीं भेजा था । ... मैं आशा करता हूं आप मुझे क्षमा करोगे ।” 2 उनकी अट्टू गवाहियों के होते हुए, अपने पूर्वजों के प्रति उनके प्रेम ने उनके बीच की खाई को भरने, घाव पर मरहम लगाने, और क्षमा चाहने और करने में उत्प्रेरक का काम किया ।3

जब परमेश्वर हमें किसी कार्य को करने के लिये कहता है, उसकी योजना में अक्सर कई उद्देश्य होते हैं । पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य न केवल मृतक को बल्कि जीवित को भी आशीषित करता है । ऑरसन और पारले के लिये, इसने दोनों के हृदयों को एक दूसरे के प्रति बदल दिया । पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य उस चंगा करने की शक्ति को उपलब्ध कराया जो चंगा करने के लिये आवश्यक थी ।

गिरजे के सदस्यों के तौर पर, हमारे पास अपने पूर्वजों को खोजने और पारिवारिक इतिहासों को संग्रह करने की दिव्य जिम्मेदारी है । यह मात्र उत्साहजनक शौक से कहीं बढ़कर है, क्योंकि उद्धार की विधियां परमेश्वर के सभी बच्चों के लिये जरूरी हैं ।4 हमें अपने स्वयं के ऐसे पूर्वजों की पहचान करनी है जो बिना उद्धार की विधियों को प्राप्त किए मर गए हैं । हम इन विधियों को मंदिर में प्रतिनिधि रूप में कर सकते हैं, और हमारे पूर्वज इन विधियों को चाहे तो स्वीकार कर सकते हैं ।5 हमें अपने वार्ड और स्टेक के सदस्यों को भी उनके परिवारों के नामों को खोजने के लिये उत्साहित करना चाहिए । यह बहुत ही अद्भुत है कि, पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य के माध्यम से, हम मृतक की मुक्ति में सहायता कर सकते हैं ।

लेकिन जब हम आज पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य में भाग लेते हैं, तो भविष्यवक्ताओं और प्रेरितों द्वारा वादा की गई “चंगाई” आशीषों को प्राप्त करने के योग्य भी हो जाते हैं । 6 नश्वरता में इनकी व्यापकता, विशिष्टता, और परिणाम के कारण यह आशीषें भी बहुत ही अद्भुत हैं । इस लम्बी सूचि में शामिल आशीषें ये हैं:

  • उद्धारकर्ता की और उसके प्रायश्चित बलिदान की समझ में वृद्धि,

  • हमारे जीवनों में पवित्र आत्मा के प्रभाव में वृद्धि के साथ ताकत और मार्गदर्शन को महसूस करना 7

  • विश्वास में वृद्धि, ताकि उद्धारकर्ता के प्रति परिवर्तन गहरा और स्थिर हो जाता है:

  • सीखने और पश्चाताप8 की योग्यता और प्रेरणा में वृद्धि का होना और समझना की हम कोन है, कहा से आए है और ठीक से समझ लेना की हम कहा जायेगे ,

  • हमारे हृदयों में शुद्धिकरण, पवित्रीकरण, और संयमी प्रभावों में वृद्धि,

  • प्रभु के प्रेम को महसूस करने की योग्यता में वृद्धि के माध्यम से आनंद में वृद्धि,

  • पारिवारिक आशीषों में वृद्धि, बेशक हमारे वर्तमान, भूत, या भविष्य की पारिवारिक स्थिति कैसी भी हो या हमारा पारिवारिक वृक्ष कितना भी अपरिपूर्ण क्यों न हो,

  • पूर्वजों और जीवित रिश्तेदारों के प्रति प्रेम और प्रसंशा में वृद्धि, ताकि हम अकेला महसूस ना करे ,

  • यह जानने के लिए कि शक्ति की जरूरत है और इस प्रकार, प्रभु की मदद से, दूसरों की सेवा करने के लिए शक्ति बढ़ती है,

  • उस पर विचार करने की शक्ति में वृद्धि जिसे चंगा करने की जरूरत है और इस प्रकार, प्रभु की मदद से, दूसरों की सेवा करना,

  • परेशान, टूटे, या चिंतित हृदयों को चंगा और घाव को ठीक करने में सहायता में वृद्धि ।.9

यदि आपने इनमें किसी एक आशीष के लिये प्रार्थना की है, तो पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य में भाग लें । जब आप ऐसा करते हैं, तो आपका प्रार्थनाओं का जवाब दिया जाएगा । जब मृतक की ओर से विधियां की जाती हैं, तो पृथ्वी पर परमेश्वर के बच्चे चंगे होते हैं । इसमें कोई आश्चर्य नहीं अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने गिरजे के अध्यक्ष के तौर पर अपने पहले संदेश में, कहा, “मंदिर में आपकी उपासना और वहां अपने पूर्वजों के प्रति आपकी सेवा से आपको आपके व्यक्तिगत प्रकटीकरण और शांति में वृद्धि की आशीष मिलेगी और यह अनुबंधित मार्ग पर बने रहने के आपके निश्चय को सशक्त करेगी ।”10

एक प्राचीन भविष्यवक्ता ने भी जीवित और मृतक दोनों के लिये आशीषों को देखा था । 11 एक स्वर्गीय संदेशवाहक ने यहजकेल को मंदिर का दर्शन कराया था जिसमें बहुत तेजी से सोता बह रहा था । यहजकेल को कहा गया था:

“यह सोता पूर्वी देश की ओर बह रहा है, और अरब में उतरकर तल की ओर बहेगा; ... और उसका जल मीठा हो जाएगा ।

“और जहां जहां यह नदी बहे, वहां वहां सभी प्रकार के बहुत जीवजंतु जीएंगे और मछलियां भी बहुत हो जाएंगी; ... और जल मीठा हो जाएगा; और जहां कहीं यह नदी पहुंचेगी वहां सब जंतु जीएंगे ।” 12

जल के दो गुण विशिष्ट हैं । पहला, यद्यपि छोटी धारा की कोई सहायक नदियां नहीं होती, परंतु यह एक बहुत विशाल नदी में बदल जाती है, जितना दूर यह बहती जाती है उतनी ही चौड़ी और गहरी होती जाती है । कुछ इसी प्रकार से मंदिर से निकलने वाली आशीषों के साथ भी होता है जब लोग परिवार के रूप में मुहरबंद होते हैं । पीढ़ियों में नीचे और ऊपर दोनों ओर महत्वपूर्ण विकास होता है जब विधियां परिवारों को एकसाथ जोड़ती हैं ।

दूसरा, नदी प्रत्येक वस्तु जिसको वह छुती है नया कर देती है । इस तरह मंदिर की आशीषों के पास चंगा करने की आश्चर्यजनक क्षमता है । मंदिर की आशीषें हृदयों और जीवनों को और परिवारों को चंगा कर सकती है ।

Image
बेट्टी का बेटा टॉड

मैं उदाहरण देता हूं । 1999 में, टॉड नामक एक युवक उसके दिमाग में खून की नस फटने से गिर पड़ा । यद्यपि टॉड और उसके परिवार के सदस्य गिरजे के सदस्य थे, लेकिन वे अनियमित रूप से आते थे, और किसी को मंदिर की आशीषों का अनुभव नहीं था । टॉड के जीवन की अंतिम रात को, उसकी मां, बैटी, ने उसके बगल में बेठकर उसका हाथ सहलाते हुए कहा, “टॉड, यदि तुम सच में इस दुनिया से जा रहे हो, तो मैं वादा करती हूं कि मैं स्वयं सुनिश्चित करूंगी कि तुम्हारा मंदिरकार्य पूरा किया जाए ।” अगली सुबह, टॉड को दिमागी तौर से मृत घोषित कर दिया गया । सर्जन ने टॉड के हृदय को रॉड नामक मेरे रोगी में प्रतिरोपित कर दिया ।

इस प्रतिरोपण के कुछ महिनों बाद, रॉड को उसके हृदय के दानकर्ता परिवार की पहचान पता चली और उसने उनके साथ बात करनी आरंभ की । दो साल बाद, टॉड की मां, बैटी ने, रॉड को मंदिर आने को कहा जब वह पहली बार मंदिर गई थी । रॉड और बैटी सेंट जार्ज यूटाह मंदिर के सिलिस्टियल कक्ष में पहली बार व्यक्तिगत रूप से मिले थे ।

इसके कुछ समय बाद, टॉड के पिता--बैटी के पति का निधन हो गया । कुछ सालों बाद बैटी ने उसके मृतक बेटे के लिये मंदिर विधियों को प्रतिनिधिकरूप से स्वीकार करने के लिये रॉड को बुलाया था । रॉड ने कृतज्ञता से इसे किया, और प्रतिनिधि कार्य सेंट जार्ज यूटाह मंदिर में के मुहरबंदी कक्ष में संपन्न किया गया । बैटी अपने पति के साथ मुहरबंद हुई, अपने पोते, जो उसके पति के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद था, के साथ वेदी के सामने घुटने के बल झुके हुए । फिर, अपने गालों में आंखों से बहते आंसू के साथ, उन्होंने रॉड को उनके साथ वेदी के निकट शामिल होने को कहा । रॉड उनकी बगल में घुटनों के बल बेठ गया, उसके बेटे, टॉड के प्रतिनिधि के तौर पर, जिसका हृदय अभी भी रॉड की छाती में धड़क रहा था । रॉड के हृदय का दानकर्ता, टॉड, इस प्रकार अपने माता-पिता के साथ अनंतकाल के लिये मुहरबंद हो गया । टॉड की मां ने उस वादे को पूरा किया जो उन्होंने अपने मरते हुए बेटे से सालों पहले किया था ।

Image
रोड और किम उनकी शादी के दिन पर

लेकिन कहानी यहीं समाप्त नहीं हुई । अपने हृदय के प्रतिरोपण के पंद्रह वर्ष बाद, रॉड का विवाह निश्चित हुआ और उसने मुझे प्रोवो यूटाह मंदिर में मुहरबंदी करने को कहा । विवाह के दिन, मैं रॉड और उसकी सुंदर दुलहन, किम, से मुहरबंदी कक्ष के बगल वाले कक्ष में मिला, जहां उनके परिवार और नजदीकी मित्र प्रतिक्षा कर रहे थे । रॉड और किम से छोटी सी मुलाकात करने के बाद, मैंने पूछा क्या वे कुछ कहना चाहते हैं ।

रॉड ने कहा, “हां । मेरा दानकर्ता परिवार यहां है और आपसे मिलना चाहते हैं ।”

मुझे आश्चर्य हुआ और मैंने पूछा, “तुम्हारा मतलब है वे यहां है ? अभी इस समय?”

रॉड ने जवाब दिया, “हां।”

मैं एक तरफ कोने में हो गया और परिवार को मुहरबंदी कक्ष से बाहर बुलाया । बैटी, उसकी बेटी, और उसका दामाद हमारे साथ शामिल हुए । रॉड ने बैटी का गले लगकर स्वागत किया, उनके आने के लिये धन्यवाद दिया, और फिर उनसे मेरा परिचय कराया । रॉड ने कहा, “बैटी, यह एल्डर रेनलंट हैं । यही वह डॉक्टर हैं जिन्होंने कई सालों तक तुम्हारे बेटे के हृदय की देखभाल की थी ।” वह झट से आकर मेरे गले लग गई । और अगले कई मिनट तक, कमरे में हर तरफ गले लगना और खुशी के आंसूओ के साथ रोना चलता रहा ।

अपने आपे में आने के बाद, हम मुहरबंदी कक्ष में गए जहां रॉड और किम अनंतकाल के लिये मुहरबंद हुए । रॉड, किम, बेटी, और मैं गवाही दे सकते हैं कि यह एक बहुत ही स्वर्गीय और आत्मिक अनुभव था, कि हमारे साथ उस दिन अन्य लोग भी वहां थे जो नश्वरता के पर्दे के पार जा चुके थे ।

परमेश्वर, अपनी अनंत क्षमता में, दुख, हानि, और कठिनाई के होते हुए लोगों को और परिवारों को मुहरबंद और चंगा करता है । हम कई बार मंदिरों की अनुभूतियों की तुलना स्वर्ग की एक झलक से करते हैं । 13 उस दिन प्रोवो यूटाह मंदिर में, सी.  एस. लूईस के कथन का विशेष अर्थ था: “नश्वर लोग ... कुछ संसारिक दुख के विषय में कहते हैं, ’भविष्य का कोई सुख इसकी भर-पाई नहीं कर सकता है, इस अज्ञानता में कि स्वर्ग को, एकबार प्राप्त करने के बाद, यह नश्वर जीवन के दौरान महसूस की गई पीड़ा को महिमा में बदल देता है । ... आशीषित लोग कहेंगे, “हम कभी-भी स्वर्ग के सिवाय कहीं और नहीं रहते थे ।”14

परमेश्वर मजबूती देगा, मदद करेगा, और थामे रहेगा; 15 और वह हमें हमारे गहनत्तम संकट से परिष्कृत करेगा ।16 जब हम पारिवारिक इतिहासों को एकत्रित करते और अपने पूर्वजों की ओर से मंदिर जाते हैं, तो परमेश्वर कई वादा की गई आशीषों को जीवित और मृतक के लिये दोनों के लिए एकसाथ पूरा करता है । इसी प्रकार, हम आशीषित होते हैं जब हम अपने वार्ड और स्टेक के सदस्यों को ऐसा करने में मदद करते हैं । वे सदस्य जो मंदिर के निकट नहीं रहते हैं पारिवारिक इतिहास कार्य, मंदिर में की जाने वाली विधियों के लिये पूर्वजों के नाम एकत्रित करने में भाग लेकर इन आशीषों को भी प्राप्त कर सकते हैं ।

अध्यक्ष रसल   एम. नेलसन ने हालांकि चेतावनी दी है: “हमें पूरे दिन भर मंदिर और पारिवारिक इतिहास के अनुभवों के बारे में प्रेरणा दी जा सकती है । लेकिन हमें स्वयं इन अनुभवों का वास्तविक आनंद लेने के लिये अवश्य ही कुछ करना चाहिए ।” उन्होंने आगे कहा, “मैं आपको प्रार्थनापूर्वक विचार करने का निमंत्रण देता हूं कि किस प्रकार का त्याग --- विशेषकर समय का त्याग ---आप मंदिर और पारिवारिक इतिहास कार्य के लिये कर सकते हैं ।”17 जब आप अध्यक्ष नेलसन निमंत्रण को स्वीकार करते हैं, तो इसके आलावा आप अपने परिवार को एक साथ और जुड़ा हुआ पायेगे आशीषें आप और आपके परिवार में उस नदी के समान प्रवाहित होगी जैसे यहजकेल ने कहा था । आपको उसके लिये चंगाई मिलेगी जिसे चंगाई की जरूरत होगी ।

ऑरसन और पारले प्रैट जिन्होंने इस युग में पारिवारिक इतिहास और मंदिर कार्य की चंगाई और मुहरबंदी के प्रभावों का पहले से ही अनुभव किया था । बैटी, उसका परिवार, और रॉड ने इसका अनुभव किया था । आप भी कर सकते हैं । अपने प्रायश्चित बलिदान के द्वारा, यीशु मसीह इन आशीषों को सभी को देता है, जीवित और मृतक दोनों को । इन आशीषों के कारण, हमें जान पाएंगे कि हम, “कभी-भी स्वर्ग के सिवाय कहीं और नहीं रहते थे ।” 18 मैं यह गवाही यीशु मसीह के नाम में देता हूं, आमीन ।

विवरण

  1. देखें Parley P. Pratt to Orson Pratt, May 25, 1853, Orson Pratt Family Collection, Church History Library, Salt Lake City; in Terryl L. Givens and Matthew J. Grow, Parley P. Pratt: The Apostle Paul of Mormonism (2011), 319.

  2. Orson Pratt to Parley P. Pratt, Mar. 10, 1853, Parley P. Pratt Collection, Church History Library, Salt Lake City; in Givens and Grow, Parley P. Pratt, 319.

  3. विशेष रूप से, ऑरसन प्रैट ने केवल यह नहीं किया विलियम प्रैट के वंशजों पर पुस्तक प्रकाशित करने में मदद ही नहीं की, बल्कि कुछ साल बाद, 1870 में, और उनके परिवार ने साल्ट लेक सिटी में एंडोमेंट हाउस में पुस्तक में मृतकों के लिए 2,600 बपतिस्मा किये थे । (see Breck England, The Life and Thought of Orson Pratt [1985], 247)।

  4. देखें जोसफ समिथ, History of the Church, 6:312–13

  5. देखें, “मंदिर में धर्मविधि के लिए दिए गए नामों First Presidency letter, Feb.   29, 2012 । पूर्वजों, जिनके नाम प्रतिनिधिक मंदिर के नियमों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं, उन्हें प्रस्तुतकर्ता से संबंधित होना चाहिए। बिना अपवाद के, गिरजे के सदस्यों को किसी भी अनधिकृत समूह से नाम, जैसे मशहूर हस्तियों और यहूदी सर्वनाश

  6. See Dallin H. Oaks, “In Wisdom and Order,” Tambuli, Dec. 1989, 18–23; D. Todd Christofferson, “The Redemption of the Dead and the Testimony of Jesus,” Liahona, Jan. 2001, 10–13; Boyd K. Packer, “Your Family History: Getting Started,” Liahona, Aug. 2003, 12–17; Thomas S. Monson, “Constant Truths for Changing Times,” Liahona, May 2005, 19–22; Henry B. Eyring, “Hearts Bound Together,” Liahona, May 2005, 77–80; M. Russell Ballard, “Faith, Family, Facts, and Fruits,” Liahona, Nov. 2007, 25–27; Russell M. Nelson, “Salvation and Exaltation,” Liahona, May 2008, 7–10; Russell M. Nelson, “Generations Linked in Love,” Liahona, May 2010, 91–94; David A. Bednar, “The Hearts of the Children Shall Turn,” Liahona, Nov. 2011, 24–27; Richard G. Scott, “The Joy of Redeeming the Dead,” Liahona, Nov. 2012, 93–95; Quentin L. Cook, “Roots and Branches,” Liahona, May 2014, 44–48; Thomas S. Monson, “Hastening the Work,” Liahona, June 2014, 4–5; Henry B. Eyring, “The Promise of Hearts Turning,” Liahona, July 2014, 4–5; David A. Bednar, “Missionary, Family History, and Temple Work,” Liahona, Oct. 2014, 14–19; Neil L. Andersen, “‘My Days’ of Temples and Technology,” Liahona, Feb. 2015, 26–33; Neil L. Andersen, “Sharing the Temple Challenge,” Family Discovery Day, Feb. 2015, LDS.org; Quentin L. Cook, “The Joy of Family History Work,” Liahona, Feb. 2016, 22–27; Gary E. Stevenson, “Where Are the Keys and Authority of the Priesthood? Liahona, May 2016, 29–32; Dieter F. Uchtdorf, “In Praise of Those Who Save,” Liahona, May 2016, 77–80; Quentin L. Cook, “See Yourself in the Temple,” Liahona, May 2016, 97–101; Dale G. Renlund, Ruth L. Renlund, and Ashley R. Renlund, “Family History and Temple Blessings,” Liahona, Feb. 2017, 34–39; Dallin H. Oaks and Kristen M. Oaks, “Connected to Eternal Families,” Family Discovery Day, Mar. 2018, LDS.org.

  7. देखें सिद्धांत और अनुबंध 109:15.

  8. देखें सिद्धांत और अनुबंध 109:21

  9. देखें Boyd K. Packer, “Balm of Gilead,” Ensign, Nov. 1987, 16–18; Jeremiah 8:22; 51:8.

  10. र्स्सल  एम. नेलसन, “ जैसे हम साथ आगे बढते हैं Liahona, Apr. 2018

  11. देखें यहजकेल 40–47; Bible Dictionary, “Ezekiel

  12. यहजकेल 47:8–9.

  13. देखें स्पेंसर  डब्लू. किम्बल, “ Glimpses of Heaven,” Ensign, Dec. 1971, 36–37.

  14. सी. एस. लुविस, The Great Divorce: A Dream (2001), 69.

  15. देखें यशायाह 41:10

  16. देखें “How Firm a Foundation,” Hymns, no. 85.

  17. रसल  एम.नेलसन और वेंडी   नेलसन, “Open the Heavens through Temple and Family History Work,” Liahona, Oct. 2017, 19

  18. Lewis, The Great Divorce, 69.