पवित्रशास्त्र
मॉरमन के वचन 1


मॉरमन के वचन

अध्याय 1

मॉरमन नफी की बड़ी पट्टियों को संक्षिप्त करता है—वह छोटी पट्टियों को अन्य पट्टियों के साथ रखता है—राजा बिन्यामीन प्रदेश में शांति स्थापित करता है । लगभग 385 ईसवी ।

1 और अब मैं, मॉरमन, जिस अभिलेख को लिख रहा हूं उसे अपने पुत्र मरोनी के हाथों में देने वाला हूं । देखो, मैंने लगभग अपने सारे नफाई लोगों को नष्ट होते देखा है ।

2 और मसीह के आने के कई सौ वर्ष पश्चात मैं इन पट्टियों को अपने पुत्र के हाथों मे दे रहा हूं । और मुझे महसूस हो रहा है कि वह मेरे लोगों के संपूर्ण विनाश को देखेगा । परन्तु परमेश्वर कृपा करके उसे बचा ले जिससे कि वह उन लोगों और मसीह के विषय में लिख सके, जिससे कि किसी समय उनको लाभ मिल सके ।

3 और अब, मैं उस संबंध में कुछ बोलूंगा जो मैंने लिखा है; क्योंकि जब मैंने नफी की पट्टियों से राजा बिन्यामीन के समय तक के विवरण को संक्षिप्त कर लिया, जिसके विषय में अमालेकी ने कहा था, मैंने उन अभिलेखों के बीच खोजा जो मुझे दिए गए थे, और मुझे ये पट्टियां मिली, जिनमें याकूब से ले कर, राजा बिन्यामीन के शासन तक के भविष्यवक्ताओं का यह थोड़ा विवरण और नफी के बहुत से वचन भी मिले हैं ।

4 और जो बातें इन पट्टियों पर हैं मुझे पसंद हैं, क्योंकि इनमें मसीह के आने की भविष्यवाणियां है; और हमारे पूर्वजों को यह पता था कि इनकी बहुत सी भविष्यवाणियां पूरी हो चुकी हैं; हां और मैं यह भी जानता हूं कि आज तक बहुत सी बातें जिनके संबंध में भविष्यवाणियां की गई थी वे पूरी हो चुकी हैं, और बहुत सी बातें आगे चलकर अवश्य पूरी होंगी—

5 इसलिए, मैंने इन बातों के विषय में अपने अभिलेख को समाप्त करना चुना है, अपने अभिलेख की शेष बातें मैं नफी की पट्टियों में से लूंगा; और अपने लोगों की बातों का सौवां भाग भी मैं नहीं लिख सकता ।

6 लेकिन देखो, मैं इन पट्टियों को लूंगा, जिनमें ये भविष्यवाणियां और प्रकटीकरण हैं, और अपने अन्य अभिलेख के साथ रखूंगा, क्योंकि वे मुझे पसंद हैं; और मैं जानता हूं कि वे मेरे भाइयों को भी पसंद होंगे ।

7 और ऐसा मैं एक सही उद्देश्य के लिए कर रहा हूं; क्योंकि प्रभु की आत्मा जो मेरे अंदर है मुझे ऐसा करने के लिए उकसा रही है । और अब, मैं सब बातें नहीं जानता; लेकिन प्रभु सब बातों को जानता है जो होने वाली हैं; इसलिए, वह अपनी इच्छा के अनुसार मुझ में कार्य कर रहा है ।

8 और परमेश्वर से मैं अपने भाइयों के लिए यही प्रार्थना करता हूं कि वे परमेश्वर के ज्ञान को फिर से प्राप्त करें, हां, मसीह की मुक्ति को; कि वे फिर से आनंदित लोग बन जाएं ।

9 और अब मैं, मॉरमन, अपने उस अभिलेख को पूरा करने जा रहा हूं जिसे मैं नफी की पट्टियों से लिख रहा हूं; और जिसे मैं परमेश्वर के दिए ज्ञान और समझ के अनुसार बना रहा हूं ।

10 इसलिए, ऐसा हुआ कि इन पट्टियों को अमालेकी द्वारा राजा बिन्यामीन के हाथों में देने के पश्चात उसने उन्हें लेकर उन अन्य पट्टियों के साथ रख दिया जिसमें वे अभिलेख थे जिसे राजाओं की एक पीढ़ी, दूसरी पीढ़ी को राजा बिन्यामीन के समय तक देती आई थी ।

11 और राजा बिन्यामीन द्वारा दिए जाने के समय से उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी दिया जाता रहा था और अंत में वे मेरे हाथ में आई हैं, और मैं, मॉरमन, परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे अब सुरक्षित रहें । और मैं जानता हूं कि वे सुरक्षित रखी जाएंगी; क्योंकि उनमें महान बातें लिखी हैं जिनके अनुसार उस महान और अंतिम दिन हम लोगों और उनके भाइयों का न्याय परमेश्वर के वचनों के अनुसार होगा ।

12 और अब इस राजा बिन्यामीन के संबंध में—उसके लोगों के बीच में कुछ विवाद था ।

13 और ऐसा भी हुआ कि लमनाइयों की सेना नफी के प्रदेश से निकलकर, उसके लोगों से यु्द्ध करने आई । लेकिन देखो, राजा बिन्यामीन ने अपनी सेना को एकत्रित किया, और वह उनके विरुद्ध खड़ा हो गया; और उसने अपनी भुजा की शक्ति के साथ लाबान की तलवार से युद्ध किया ।

14 और प्रभु की शक्ति से उन्होंने अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त की और कई हजार लमनाइयों को मार डाला । और ऐसा हुआ कि वे लमनाइयों के साथ तब तक संघर्ष करते रहे जब तक कि उन्होंने उन्हें अपने पैतृक देश से पूरी तरह बाहर नहीं खदेड़ दिया ।

15 और ऐसा हुआ कि इसके बाद झूठे मसीह हुए, और उनके मुहं बंद कर दिए गए थे, और उन्हें उनके अपराधों के अनुसार दंड दिया गया;

16 और वहां लोगों के बीच झूठे भविष्यवक्ता, और झूठे प्रचारक और शिक्षक होने, और उन सभी को उनके अपराधों के अनुसार दंड देने के पश्चात; और लमनाइयों के प्रति कई तरह के विवाद और मतभेद होने के बाद, देखो, ऐसा हुआ कि राजा बिन्यामीन, ने पवित्र भविष्यवक्ताओं की सहायता से जो उसके लोगों के बीच थे—

17 क्योंकि देखो, राजा बिन्यामीन एक पवित्र मनुष्य था और उसने अपने लोगों पर धार्मिकता से शासन किया; और प्रदेश में बहुत से पवित्र मनुष्य थे; और वे शक्ति और अधिकार के साथ परमेश्वर के वचन को बोलते थे; और लोगों के जिद्दीपन के कारण वे अधिक स्पष्टता से बोलते थे—

18 इसलिए, इनकी सहायता से, राजा बिन्यामीन ने, अपने शरीर की संपूर्ण शक्ति और अपने संपूर्ण प्राण की क्षमता, और भविष्यवक्ताओं के भी परिश्रम द्वारा, प्रदेश में शांति स्थापित की थी ।