2010–2019
भरपूर आशीषें
अप्रैल 2019 महा सम्मेलन


भरपूर आशीषें

अधिकतर आशीषें जिन्हें परमेश्‍वर हमें देना चाहता है, उनके लिये हमें अपनी ओर से कार्य करने आवश्यकता होती है—यीशु मसीह में हमारे विश्वास के आधार किए गए कार्य ।

मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, हमारे स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह हम में से प्रत्येक को आशीष देने की इच्छा रखते हैं । 1 उन आशीषों तककैसेपहुंचने और प्राप्त करने का प्रश्न सदियों से धार्मिक बहस और चर्चा का विषय रहा है । 2 कुछ लोग कहते हैं कि आशीषें पूरी तरह से कमाई जाती हैं; हम उन्हें केवल अपने कार्यों के द्वारा प्राप्त करते हैं । दूसरों का तर्क है कि परमेश्वर ने पहले से ही चुना हुआ है कि वह किसे और कैसे आशीष देगा -और यह अंतिम हैं इन्हें बदला नहीं जाता । दोनों ही स्थितियां मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण हैं । स्वर्ग की आशीषें न तो अधिक उत्तेजना में किये ”अच्छे कार्यों के टोकन” के रूप में प्राप्त की जाती हैं, और न ही लाचार होकर यह प्रतिक्षा करना कि क्या हम आशीष लॉटरी जीतते हैं । नहीं, सच्चाई अति सूक्ष्म है लेकिन प्रेमी स्वर्गीय पिता और उसके संभावित उत्तराधिकारियों के --- हमारे, बीच के रिश्ते के लिए उपयुक्त है । पुनास्थापित सच्चाई से पता चलता है कि आशीषें कभी अर्जित नहीं जाती हैं, लेकिन हमारी ओर से विश्वास-प्रेरित कार्य, आरंभिक और वर्तमान दोनों आवश्यक हैं ।3

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लकड़ियों का ढेर

जब हम विचार करते हैं कि हम परमेश्वर से कैसे आशीषें प्राप्त करते हैं, तो आइए हम लकड़ी के एक विशाल ढेर से स्वर्गीय आशीषों की तुलना करें । बीच में पतली लकड़ियों का ढेर, इसके ऊपर लकड़ी के चिप्स की परत की कल्पना करें । बाद में तिनके, फिर लकड़ी के छोटे लट्ठे, और अंत में बड़े लट्ठे । लकड़ियों के इस ढेर में भारी मात्रा में ईंधन होता है, जो कई दिनों तक प्रकाश और गर्मी पैदा करने में सक्षम होता है । लकड़ियों की बगल में माचिस की एक तीली की कल्पना करें, जिस के सिरे पर फॉस्फोरस लगा होता है ।4

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मचिस के साथ लकड़ियों का ढेर

लकड़ियों के ढेर से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए, माचिस को रगड़ने और आग सुलगाने की आवश्यकता होती है । सुलगाने से जल्दी से आग पकड़ लेती है और लकड़ी के बड़े बड़े टुकड़ों को जला देती है । एक बार जब यह जलने की प्रतिक्रिया शुरू होती है, तो यह तब तक जलती रहती है जब तक कि सारी लकड़ियां जल न जाएं या आग को ऑक्सीजन मिलनी बंद न हो जाए ।

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जलती हुई लकड़ियों का ढेर

तीली रगड़ना और आग सुलगाना छोटे कार्य हैं जो लकड़ी की संभावित ऊर्जा को बाहर निकलने में सक्षम करते हैं । 5 जब तक तीली नहीं रगड़ी जाती है, तब तक कुछ नहीं होता, भले ही लकड़ी के ढेर का आकार कुछ भी हो । यदि तीली रगड़ी जाती है, लेकिन आग नहीं सुलगाई जाती, तो अकेली तीली से निकला प्रकाश और गर्मी की मात्रा न के बराबर होती है और लकड़ी में दहन ऊर्जा अंदर ही रहती है । यदि किसी भी समय पर ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाए, तो दहन क्रिया रूक जाती है ।

इसी प्रकार, अधिकतर आशीषें जिन्हें परमेश्‍वर हमें देना चाहता है, उनके लिये हमें अपनी ओर से कार्य करने आवश्यकता होती है—यीशु मसीह में हमारे विश्वास के आधार किए गए कार्य । उद्धारकर्ता में विश्वास कार्य और शक्ति का सिद्धांत है । 6 पहले हम विश्वास में कार्य करते हैं; फिर शक्ति आती है - परमेश्वर की इच्छा और समय के अनुसार । इसमें क्रम महत्वपूर्ण है । 7 आवश्यक कार्य हमेशा छोटा होता है जब इसकी तुलना अंततः प्राप्त आशीष से की जाती है ।8

विचार करें क्या हुआ था जब प्रतिज्ञा किए गए प्रदेश के मार्ग में प्राचीन इस्राएलियों के बीच उग्र, उड़ते हुए सर्प आए थे । जहरीले सांप का डसा जाना घातक होता था । लेकिन डसा गया व्यक्ति मूसा द्वारा पीतल के सांप को देखकर चंगा किया जा सकता था जिसे एक खंभे पर रखा जाता था । 9 किसी वस्तु को देखने में कितनी ऊर्जा खर्च होती है ? वे सभी जो प्राप्त स्वर्ग की शक्तियों को देखते थे, चंगे हो जाते थे । अन्य इस्राएली जिन्हें डसा जाता, और वे पीतल के सांप को देखने में असफल रहते तो उनकी मृत्यु हो जाती थी । शायद उन्हें देखने में विश्वास नहीं था 10 शायद उन्हें विश्वास नहीं था कि इतने सरल कार्य से प्रतिज्ञा की गई चंगाई आरंभ की जा सकती है । या शायद उन्होंने अपने हृदयों को कठोर कर दिया था और परमेश्वर के भविष्यवक्ता की सलाह को अस्वीकार कर दिया ।11

परमेश्वर से बहने वाले आशीषों को सक्रिय करने का सिद्धांत अनंत है । उन प्राचीन इस्राएलियों की तरह, हमें भी यीशु मसीह में अपने विश्वास पर कार्य करना चाहिए । परमेश्वर ने प्रकट किया है कि “इस संसार की नींव से पहले स्वर्ग में एक नियम की अपरिवर्तनीय रूप से आज्ञा दी गई थी, जिस पर सभी आशीषें आधारित हैं---और जब परमेश्वर से कोई आशीष प्राप्त करते हैं, तो यह उस आज्ञाकारिता के द्वारा होता जिस यह आधारित होती है ।”12 जब यह कहा जा रहा होता है, कि तुम आशीष नहीं कमाते; तो यह धारणा गलत है --- लेकिन आपको इसके योग्य होना पड़ता है । हमारा उद्धार केवल यीशु मसीह की योग्यता और कृपा से ही होता है । 13 उनके प्रायश्चित्त बलिदान की विशालता का अर्थ है कि लकड़ी का ढेर अनंत है; हमारे छोटे कार्य इसकी तुलना में शून्य के निकट होते हैं । लेकिन वे शून्य नहीं हैं, और वे महत्वहीन नहीं हैं; अंधरे में, जली हुई तीली को मीलों तक देखा जा सकता है । असल में, इसे स्वर्ग में देखा जा सकता है क्योंकि परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्रज्ज्वलित करने लिये विश्वास के छोटे कार्य की जरूरत होती है ।14

परमेश्वर से इच्छित आशीष प्राप्त करने के लिए, विश्वास से कार्य करें, स्वर्गीय तीली को घीसें, जिस पर आशीष संभव है । उदाहरण के लिए, आशीषों को सुनिश्चित करना प्रार्थना के उद्देश्यों में से एक है जिन्हें परमेश्वर देना जाता है, लेकिन इन्हें हमारे मांगने की शर्त पर दिया जाता है । 15 अलमा अनुग्रह के लिए रोया और उसकी पीड़ाओं को दूर किया गया; वह अब अपने पापों की याद से दुखी नहीं हुआ था । उनके आनंद ने उसकी पीड़ा को पराजित कर दिया था - केवल इसलिये क्योंकि वहा यीशु मसीह में विश्वास के साथ रोया था । 16 हमारे लिये सक्रिय करने के लिए आवश्यक ऊर्जा मसीह में पर्याप्त विश्वास से परमेश्वर से ईमानदारी से प्रार्थना में मांगना और जवाब के तौर उसकी इच्छा और समय को स्वीकार करना है ।

अक्सर, आशीष के लिए आवश्यक सक्रिय ऊर्जा को मात्र देखने या मांगने से अधिक करने की आवश्यकता होती है; निरंतर, बार-बार किए गए, विश्वास से भरे कार्यों की आवश्यकता होती है । 19 वीं शताब्दी के मध्य में, ब्रिघम यंग ने उत्तरी अमेरिका में एरिजोना, बंजर क्षेत्र की खोज करने और बसने के लिए अंतिम-दिनों के संतों के एक समूह को भेजा था । एरिज़ोना पहुंचने के बाद, समूह का पानी खतम गया और उन्हें भय था कि वे मर न जाएं । उन्होंने परमेश्वर को मदद के लिये पुकारा । जल्द ही वर्षा हुई और बर्फ गिरी, जिससे उन्होंने अपने पीपे भरे और अपने जानवरों को दिया । कृतज्ञ और आनंदित होकर, वे परमेश्वर की भलाई में प्रसन्नता से साल्ट लेक सिटी वापस लौट आए । वापस लौटने पर, उन्होंने ब्रिघम यंग को अपनी खोज का विवरण दिया और अपने निष्कर्ष को बताया कि एरिजोना रहने के योग्य नहीं था ।

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बिग्रम यंग

रिपोर्ट सुनने के बाद, ब्रिघम यंग ने कमरे में एक व्यक्ति से पूछा कि वह इस खोज और चमत्कार के बारे में क्या सोचता है । उस आदमी ने, डैनियल डब्ल्यू. जोन्स ने जवाब दिया, ”मैं यहां बस जाता, आगे बढ़ता, और फिर प्रार्थना करता । भाई ब्रिघम ने भाई जोन्स पर हाथ रखा और कहा,” यह वह आदमी है जो ऐरिजोना की अगली यात्रा की जिम्मेदारी लेगा ।”17

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डेनियल डब्ल्यू. जोन्स

हम सभी ऐसे समय को याद कर सकते हैं जब हमें प्रेरणा मिली और फिर से प्रार्थना की - और परिणामस्वरूप आशीषें मिली । माइकल और मैरिएन होम्स के अनुभव इन सिद्धांतों को दिखाते हैं । माइकल और मैंने क्षेत्रीय सत्तर के रूप में एक साथ सेवा की थी । जब भी उन्हें हमारी सभाओं में प्रार्थना करने के लिए बोला जाता, तो मैं हमेशा रोमांचित हो जाता था क्योंकि उनकी गहरी आत्मिकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी; वह जानता था कि परमेश्वर के साथ कैसे बात करनी है । उसकी प्रार्थना सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगता था । हालांकि, अपने विवाह के आरंभ में, माइकल और मैरियन प्रार्थना या गिरजे नहीं आते थे । वे तीन छोटे बच्चों और एक सफल निर्माण कंपनी में व्यस्त थे । माइकल को एहसास नहीं था कि वह धार्मिक व्यक्ति था । एक शाम, उनके धर्माध्यक्ष उनके घर आए और उन्हें प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित किया ।

धर्माध्यक्ष के चले जाने के बाद, माइकल और मैरियन ने निर्णय लिया कि वे प्रार्थना करने की कोशिश करेंगे । सोने से पहले, वे अपने बिस्तर के निकट घुटने बल झुकते और, असुविधाजनक होते हुए, माइकल ने प्रार्थना आरंभ की । प्रार्थना के कुछ अजीब शब्दों के बाद, माइकल अचानक यह कहते हुए रूक गया, ”मैरिएन, मैं इसे नहीं कर सकता ।” जैसे ही वह खड़ा हुआ और जाने लगा, मैरियन ने उसका हाथ पकड़ा, उसे उसके घुटनों पर वापस खींचा, और कहा , ”माइक, आप इसे कर सकते हो । फिर से प्रयास करो !” इस प्रोत्साहन से, माइकल ने एक छोटी प्रार्थना समाप्त की ।

होम्स दंपति नियमित रूप से प्रार्थना करने लगे । उन्होंने गिरजे जाने के लिए पड़ोसी के निमंत्रण को स्वीकार किया । जब वे आराधनालय में पहुंचे और आंरभिक गीत सुना, आत्मा ने उन्हें प्रेरणा दी, ”यह सच है ।” बाद में, बिना किसी के देखे और पूछे, माइकल ने सभाघर की सफाई करने में मदद की । जब उसने ऐसा किया, तो उसने एक अलग प्रभाव महसूस किया, ”यह मेरा घर है ।”

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युवा माइकल और मैरियन होम्स

माइकल और मैरियन ने गिरजे की नियुक्ति को स्वीकार किया और अपने वार्ड और स्टेक में सेवा की । वे एक-दूसरे के साथ और 3 बच्चों के साथ मुहरबंद हुए । बाद में और बच्चे पैदा हुए, जो कि 12 हो गए थे । होम्स दंपति ने दो बार मिशन अध्यक्ष और साथी के रूप में सेवा की थी ।

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माइकल और मैरियन होम्स आज

पहली बेतरतीब प्रार्थना एक छोटा लेकिन विश्वास भरा कार्य था जिसने स्वर्ग के आशीषों को सक्रिय किया । होम्स दंपति ने गिरजे जाकर और सेवा करते हुए विश्वास की अग्नि को प्रज्वलित किया था । इन वर्षों की उनके समर्पित शिष्यत्व ने ऐसी उग्र अग्नि पैदा की है जो आजतक प्रेरित करती है ।

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होम्स परिवार रिश्तेदार

हालांकि, आग को जलने के लिये लकड़ी को निरंतर ऑक्सीजन मिलनी चाहिए ताकि यह अपनी पूरी क्षमता से उर्जा पैदा करे । जैसा माइकल और मैरियन होम्स द्वारा प्रदर्शित किया गया है, मसीह में विश्वास को जारी रखने के लिये निरंतर कार्य की आवश्यकता होती है । छोटे कार्य हमें अनुबंध के मार्ग पर चलने की योग्य देते हैं और परमेश्वर द्वारा दी जाने वाली महानत्तम आशीषों की ओर ले जाते हैं । लेकिन ऑक्सीजन तभी मिलती है जब हम अपने पैरों को प्रतीकात्मकरूप से चलाते रहते हैं । कभी-कभी हमें भोजन की खोज करने के प्रकटीकरण प्राप्त करने से पहले धनुष और तीर बनाने की जरूरत होती है ।18 कभी-कभी हमें जहाज बनाना सीखने का प्रकटीकरण प्राप्त करने से पहले औजार बनाने की आवश्यकता होती है ।19 कभी-कभी, परमेश्वर के भविष्यवक्ता के निर्देश पर, हमें थोड़े से तेल और आटे से एक छोटी रोटी बनाने की ज़रूरत है । हमारे कुप्पी के तेल और घड़े के आटे को कभी न कम न होने के लिये । 20 और कभी-कभी हमें ”ढाढस रखने और जानने कि [परमेश्वर ही] परमेश्वर है” और उसके समय में भरोसा करने की जरूरत होती ।21

जब आप परमेश्वर से कोई आशीष प्राप्त करते हैं, तो आप यह निश्चित कर सकते हैं कि आपने उस आशीष से संबंधित अनंत नियम का पालन किया है । 22 लेकिन याद रखें कि ”अपरिवर्तनीय आदेश” व्यवस्था समय असंवेदनशील है, जिसका अर्थ है कि परमेश्वर के समय-अनुसार आशीषें आती हैं । यहां तक कि अपने स्वर्गीय घर 23की खोज में भी प्राचीन भविष्यवक्ता “विश्वास में मर गए, जब उन्होंने प्रतिज्ञा की वस्तुओं को प्राप्त नहीं किया, लेकिन उन्हें दूर से देखा … [और] मना लिया गया… और गले लगा लिया ।” 24 यदि परमेश्वर से मनचाही आशीष नहीं मिलती – फिर भी - आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, कि आपको और क्या करने की आवश्यकता है । इसके बजाय, जोसफ स्मिथ की सलाह “सब कार्यों को आनंद से करें जो [आपकी] क्षमता में है पर ध्यान दें, और फिर स्थिर खड़े रहें, ... अत्याधिक आश्वासन के साथ, ... [परमेश्वर] की भुजा देखें ।25 कुछ आशीषें परमेश्वर के सबसे सहासी बच्चों के लिए भी आरक्षित हैं ।26

छह महीने पहले सिद्धांत को सीखने, विश्वास को मजबूत करने और व्यक्तियों और परिवारों को मजबूत करने के लिए एक घर-केंद्रित, गिरजा समर्थित योजना आरंभ की गई थी । अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने प्रतिज्ञा की थी कि ये परिवर्तन हमें आत्मिक रूप से जीवित रहने में मदद कर सकते हैं, हमारे सुसमाचार आनंद को बढ़ा सकते हैं, और स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह के प्रति हमारे परिवर्तन को गहरा कर सकते हैं । 27 लेकिन इन आशीषों को प्राप्त करना हमारे ऊपर है । हम में से प्रत्येक के पास Come, Follow Me—For Individuals and Familiesको, धर्मशास्त्रों और अन्य Come, Follow Me समाग्रियों के साथ खोलने और अध्ययन करने की जिम्मेवारी है ।28 हमें अपने परिवार और मित्रों के साथ उन पर चर्चा करने और हमारे सब्त के दिन प्रतीकात्मक अग्नि को प्रज्वलित करने के लिये संगठित करने की आवश्यकता है । या हम अपने घरों में लकड़ियों के ढेर जिसके अंदर छिपी हुई संभाव्य उर्जा को यूंही पड़े रहने दे सकते हैं ।

मैं आपको परमेश्वर से विशेष आशीषों को प्राप्त करने के लिए विश्वासपूर्वक स्वर्गीय शक्ति को सक्रिय करने के लिए आमंत्रित करता हूं । माचिस तीली को रगड़ने और अग्नि को प्रज्वलित करने के लिए विश्वास का प्रयोग करें । जब आप धैर्यपूर्वक प्रभु की प्रतीक्षा करते हुए आवश्यक ऑक्सीजन देते रहें । इन निमंत्रणों के साथ, मैं प्रार्थना करता हूं कि पवित्र आत्मा आपका मार्गदर्शन और आपको निर्देशन देगी ताकि आपको, नीतिवचन में बताए सच्चे मनुष्य के समान “आशीष मिलती रहेगीं ।”29 मैं गवाही देता हूं कि हमारा स्वर्गीय पिता और उसके प्रिय पुत्र, यीशु मसीह, जीवित हैं आपके कल्याण के लिये चिंतित हैं, और आपको आशीष देने से खुश होते हैं, यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।

विवरण

  1. देखें सिद्धांत और अनुबंध41:1; 78:17; 104:33

  2. उदाहरण के लिये, देखें Craig Harline, A World Ablaze: The Rise of Martin Luther and the Birth of the Reformation (2017), 20 । ऐसी ही एक बहस ऑगस्टीन और उसके विरोधी पेलागियस के बीच हुई थी (d. -420) । पेलागियस ने कहा कि ”मनुष्य के भीतर भला करने के लिये [यह] निश्चित रूप से होता था, और कि उन्होंने उन अच्छाई पर काम करके और परमेश्वर की सभी आज्ञाओं को मानते हुए परमेश्वर का अनुग्रह प्राप्त किया ।” ऑगस्टाइन ने जोरदार असहमति जताई । Eric Metaxas, Martin Luther: The Man Who Rediscovered God and Changed the World (2017), 296 भी देखें । लूथर ने सिखाया कि कार्य कभी भी परमेश्वर के अनुग्रह की ओर नहीं ले जा सकता; विश्वास अनुग्रह अनुग्रह की ओर ले जाते हैं और अच्छे कार्य इसके बाद होते है; ”विश्वास को अलग करना उतना ही असंभव है, जितना आग से गर्मी और प्रकाश को अलग करना असंभव है ।”

  3. देखें सिद्धांत और अनुबंध 82:10

  4. यह कैंप माचिस की तीली है, ”कहीं भी रगड़ें” । आधुनिक सुरक्षा माचिस, जैसे कि रसोई की माचिस, के डिब्बे पर फास्फोरस होता है बजाय माचिस की तीली पर ।

  5. ये क्रियाएं प्रज्वलित करने के लिए ”सक्रिय ऊर्जा” को बनाती हैं । शब्द ”सक्रिय ऊर्जा” 1889 में स्वीडीश वैज्ञानिक संवाते अरहेनियस ने बनाया था ।

  6. देखेें Lectures on Faith (1985), 3 ।

  7. देखें David A. Bednar, “Ask in Faith,” Liahona, मई 2008, 94 ।

  8. देखें मुसायाह 2:24–25

  9. देखें गिनती 21:6–9

  10. देखें 1 Nephi 17:41

  11. देखें1 नफी 17:42

  12. सिद्धांत और अनुबंध 130:20–21

  13. देखें 2 नफी 10:24; 25:23

  14. देखें अलमा 60:11, 21; Dallin H. Oaks, “Small and Simple Things,” Liahona, मई 2018, 89–92; M. Russell Ballard “Be Anxiously Engaged,” Liahona, नव. 2012, 29–31 ।

  15. देखें Bible Dictionary, “Prayer”; मोरोनी 7:48 भी देखें ।

  16. देखें अलमा 36:18–21; इनोस 1:5–8 भी देखें ।

  17. Daniel W. Jones, 40 Years Among the Indians, (1960), 222 ।

  18. देखें 1 नफी 16:23

  19. देखें 1 नफी 17:9

  20. देखें 1 राजा 17:10–16

  21. सिद्धांत और अनुबंध 101:16

  22. देखें सिद्धांत और अनुबंध 130:20–21

  23. देखें इब्रानियों 11:16

  24. इब्रानियों 11:13

  25. सिद्धांत और अनुबंध 123:17

  26. देखें Jeffrey R. Holland, “An High Priest of Good Things to Come,” Liahona, नव. 2000, 42-45 । एल्डर हॉलैंड ने कहा, “कुछ आशीषें जल्दी आती हैं, कुछ देर से आती हैं, और कुछ स्वर्ग तक नहीं आते हैं; लेकिन जो यीशु मसीह के सुसमाचार को गले लगाते हैं, उनके लिये वे आती हैं ।”

  27. देखें Russell M. Nelson, “Opening Remarks,” Liahona, नव. 2018, 6–8 ।

  28. देखें Quentin L. Cook, “Deep and Lasting Conversion to Heavenly Father and the Lord Jesus Christ,” Liahona नव. -12 ।

  29. नीतिवचन 28:20