2010–2019
प्रेरित सेवकाई
अप्रैल 2018


प्रेरित सेवकाई

हम पवित्र आत्मा को और अच्छे से प्राप्त कर सकते है जब हम दूसरों की सेवा करने पर ध्यान देते है | यही कारण है की हमारे पास पृहोतिय जिम्मेदारी है उधारकर्ता की सेवा करने के लिए |

मेरे प्रिय भाइयों, इस ऐतिहासिक महा सम्मेलन में आप से बात करने के सौभाग्य के लिये मैं आभारी हूं । हमने अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे के 17वें अध्यक्ष के रूप में अध्यक्ष रसल एम. नेलसन का समर्थन किया है । जबकि मुझे उनके साथ प्रतिदिन कार्य करने की आशीष मिली है, मैंने आत्मा की पुष्टि को महसूस किया है कि अध्यक्ष नेलसन प्रभु के गिरजे का मार्गदर्शन करने के लिये परमेश्वर द्वारा नियुक्त किए गए हैं ।

यह भी मेरी गवाही है कि प्रभु ने एल्डर गेर्रित डब्लू .गोंग और एल्डर उलिस्सेस सोअरेस को बारह प्रेरितों की परिषद के सदस्यों के रूप में सेवा करने के लिये नियुक्त किया है । मैं उनसे प्रेम और उनका समर्थन करता हूं । वे अपनी सेवकई के द्वारा संसार में जीवनों को आशीषित करेंगे ।

यह महा सम्मेलन एक अन्य कारण से ऐतिहासिक है । अध्यक्ष नेलसन ने प्रभु के गिरजे के लिये उसकी सगंठित योजना को आगे बढ़ाने के लिये एक प्रेरित कदम की घोषणा की है ।इस योजना में वार्डों और स्टेकों में पौरोहित्य परिषद के लिये नये ढांचा शामिल है ताकि हम अपनी पौरोहित्य की जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से पूरा कर सकें । उन जिम्मदारियों में परमेश्वर के बच्चों की सभी को हमारी पौरोहित्य देख-भाल को करना है ।

अपने संतों कोप्रेम की देख-भाल उपलब्ध कराने के लिये परमेश्वर की योजना ने वर्षों में कई रूप लिया है । नावू के आरंभिक दिनों में, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को शहर में बड़े पैमाने पर आ रहे गरीब परिवर्तियों की देख-भाल करने के लिये एक संगठित तरीके की आवश्यकता थी । मेरी चार पड़ दादा-दादी उनमें से थे ---आएरिंगस, बेनियनस, रोमनीस, और स्मिथस । भविष्यवक्ता ने भूगोलिक परिस्थितियों के अनुसार उन संतों की देख-भाल करना संगठित किया था । इलिनौय में शहर के उन विभाजनों को “वार्ड” कहा गया था ।

जब संत मैदान के पार चले गए, उनकी एक दूसरे के प्रति देख-भाल के लिये “मंडलियों” को संगठित किया गया । मेरे पड़ नाना-दादा के माता-पिता उस स्थान से मिशन से लौट रहे थे जो अब ओकोहोमा है जब वह मंडली से रास्ते में मिले थे । वह रोग से इतने कमजोर थे कि वह और उनका साथी छोटे ठेले में पीठ के बल लेट गए थे ।

मंडली के मार्गदर्शक ने दो युवतियों को उस अकेले ठेले में हर संभव मदद करने भेजा । उनमें से एक, वह बहन थी जिसने स्विटजरलैंड में बपतिस्मा लिया था, उसने उन प्रचारकों को देखा और उसे उन पर दया आई । वह उस मंडली के संतों द्वारा बचाया गया था । वह इतना स्वस्थ हो गया कि वह अपने बचाने वाली का सहारा लेकरसॉल्ट लेक घाटी के शेष मार्ग पर चलकर गया था । वे आपस में प्रेम करने लगे और अतंत:विवाह कर लिया । वह मेरे पड़ दादा हेनरी आएरिंग, और वह मेरी पड़ दादी मारिया बोम्मेली आएरिंग थी ।

वर्षों बाद, जब लोग महाद्वीप के पार जाने की कठिनाई के विषय में बात करते थे, तो वह कहती थी, “ओह, नहीं, यह कठिन नहीं था । जब हम चलते थे, हम सारे रास्ते उस चमत्कार के बारे में बात करते हैं कि हम दोनों ने सच्चे सुसमाचार को पाया था । मेरे लिये यह सबसे खुशी का समय था जिसे मैं याद कर सकती हूं ।”

तब से, प्रभु ने अपने संतों की देख-भाल करने के लिये कई तरीकों का उपयोग किया है । अब उसने वार्ड और स्टेक स्तर पर मजबूत और संगठित परिषद से आशीषित किया है --- परिषदें जो सभी वार्ड संगठनों के साथ ताल-मेल करके कार्य करती हैं ।

नगर पालिका वार्डों, मंडलियों, और मजबूत परिषदों के लिये परमेश्वर की इच्छा में सफल होने के लिये कम से कम दो बातें जरूरी होती हैं ताकि वे संतों की देख-भाल उस प्रकार करें जिस प्रकार वह उनकी देख-भाल करता है । वे सफल होते हैं जब संत मसीह के प्रेम को स्वयं से अधिक एक दूसरे के लिये महसूस करते हैं । धर्मशास्त्र इसे “उदारता, मसीह का सच्चा प्रेम कहते हैं” (मोरोनी 7:47) । और वे सफल होते हैं जब पवित्र आत्मा देख-भाल करने वाले का यह जानने में मार्गदर्शन करती है कि प्रभु उस व्यक्ति के लिये सबसे बेहतर जानता है जिसकी वह मदद करने का प्रयास कर रहा है ।

हाल के सप्ताहों में समय के बाद, गिरजे के सदस्यों ने मेरे सामने कार्य किया है मानो किसी प्रकार वे जानते थे कि प्रभु क्या करने जा रहा था । मैं आपको केवल दो उदाहरणों को दूंगा । एक, हारूनी पौरोहित्य में एक 14 वर्ष के शिक्षक द्वारा प्रभु-भोज सभा में सरल वार्ता जो समझता है कि पौरोहित्य धारक प्रभु के लिये उनकी सेवा में पूरा कर सकते हैं । दूसरा, मलकिसिदिक पौरोहित्य धारक जो, मसीह के प्रेम से, एक परिवार की सेवा करने के लिये प्रेरित हुआ था ।

पहले, मैं आपको वार्ड प्रभु-भोज जिसमे में गया था में बोलने वाले युवक के शब्दों को बताऊंगा । याद करने का प्रयास करें आप किस प्रकार थे जब आप 14 वर्ष के थे और उसे उससे अधिक कहते हुए सुनें जो एक युवक तर्क संगत रूप से जान सकता है:

“जब मैं पिछले वर्ष 14 साल का हुआ था मुझे तब से शिक्षक परिषद का सदस्य होना सच में लगता है । एक शिक्षक के पास डीकन के सभी कर्तव्यों के साथ-साथ कुछ नये कर्तव्य होते हैं ।

“क्योंक हम से कुछ शिक्षक हैं, अन्य एक दिन होंगे, और गिरजे में प्रत्येक पौरोहित्य के द्वारा आशीषित है, इसलिये हम सबों के लिये शिक्षक के कर्तव्यों के बारे में अच्छी तरह जानना महत्वपूर्ण है ।

“सबसे पहले, सिद्धांत और अनुबंध 20:53 कहता है, ’शिक्षक का कर्तव्य हमेशा गिरजे की देख-भाल करना, और उनके साथ होना और बल देना है ।’

“दूसरा, सिद्धांत और अनुबंध 20:54–55 कहता है:

“और सुनिश्चित करना कि गिरजे में अधर्म नहो, नही एक दूसरे के साथ कटुता, नही झूठ, निंदा, नही बुरा बोलना;

“‘और सुनिश्चित करना कि गिरजा अक्सर एक साथ मिले, और यह भी देखना की सभी सदस्य अपने कर्तव्यों को पूरा करते हैं।’”

युवक ने आगे कहा:

“प्रभु कह रहा है हमें न केवल गिरजे की देख-भाल करने की जिम्मेदारी है लेकिन हमें गिरजे के भीतर के लोगों की देख-भाल भी मसीह के समान करने की जिम्मेदारी है क्योंकि यह उसका गिरजा है । यदि हम आज्ञाओं का पालन करने का प्रयास करते हैं, तो एक दूसरे के प्रति दयालु बने, ईमानदार बने, अच्छे मित्र बने, और मिलकर रहने में आनंदित हों, तब हम उस आत्मा को पाने और जानने के योग्य होंगे जो स्वर्गीय पिता हमसे करवाना चाहता है । यदि हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हम अपनी नियुक्ति को पूरा नहीं कर सकते हैं ।”

वह कहता रहा:

“जब शिक्षक अच्छा गृह शिक्षक होकर, गिरजे में सदस्यों का अभिवादन कर, प्रभु-भोज तैयार कर, घर में मदद कर, और शांति कायम करने वाला बनकर उचित उदाहरण रखना चुनता है, तो वह अपने पौरोहित्य का सम्मान और अपनी नियुक्ति को पूरा करता है ।

“अच्छे शिक्षक होने का अर्थ केवल गिरजे में या गिरजे की गतिविधियों में जिम्मेदार होना नहीं है । पौलुस ने सीखाया था, ‘तू विश्वसियों का उदाहरण बन जा, शब्दों में, बातचीत में, उदारता में, आत्मा में, विश्वास में, और शुद्धता में’(1 तीमूथियुस 4:12)” ।

तब युवक ने कहा ;

“चाहे हम कहीं भी हो या कुछ भी कर रहे हों, हम धार्मिकता के अच्छे उदाहरण हो सकते हैं सब समयों और सब स्थानों में ।”

“मेरे पिता और मैं बराऊन्स को घर पर सीखाते थे|1 जब भी हम वहां जाते, मुझे उनसे मिलने और उन्हें जाना बहुत अच्छा लगता था । एक बात जो मुझे बराऊन्स के बारे में अच्छी लगती थी कि जब कभी हम वहां जाते, तो वे हमें सुनने के इच्छुक होते थे और उनके पास हमेशा बांटने के लिये अच्छी कहानियां होती थी ।

“जब हम अपने वार्ड में लोगों को जानते हैं गृह शिक्षा के द्वारा, तो शिक्षक का अगला कर्तव्य पूरा करना सरल होता है, और अर्थात गिरजे में सदस्यों का अभिवादन करना । लोगों का गिरजे में स्वागत और शामिल हुआ महसूस कराने से वार्ड के सब लोग प्रेम महसूस करते हैं और प्रभु-भोज लेने के लिये तैयार होते हैं ।

“जो गिरजे आते हैं उन सदस्यों का अभिवादन करने बाद, शिक्षक प्रत्येक रविवार को प्रभु-भोज तैयार कराने में मदद करते हैं । मुझे इस वार्ड में प्रभु-भोज तैयार करना और बांटना मुझे बहुत अच्छा लगता है । यह सच में मेरे लिये आशीष है कि मैं इसे प्रत्येक रविवार करने के योग्य होता हूं ।

“कुछ सेवाएं जैसे प्रभु-भोज को बांटना को कुछ ऐसा है जो लोग देखते हैं और इसे करने के लिये हमारा धन्यवाद करते हैं लेकिन अन्य सेवा जैसे प्रभु-भोज तैयार करना बिना किसी के देखे किया जाता है । यह महत्वपूर्ण नहीं है कि लोग हमें सेवा करते देखते हैं; यह महत्वपूर्ण है कि प्रभु जानता है कि हमने उसकी सेवा की है ।

“शिक्षक के रुप में, हमें हमेशा अपने पौरोहित्य कर्तव्यों को पूरा करके गिरजे, हमारे मित्रों और हमारे परिवार को मजबूती देना का प्रयास करना चाहिए । यह हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन प्रभु कोई आज्ञा नहीं देता ’जिसे पूरा करने के लिये वह मार्ग तैयार न करे’ (1 नफी 3:7) ।”

जब इस युवक ने समाप्त किया, मैं उसकी परिपक्वता और ज्ञान से आश्चर्यचकित था । उसने यह कहकर संक्षिप्त किया, “मैं जानता हूं हम बेहतर बनेंगे यदि हम [यीशु मसीह] के पीछे चलने का चुनाव करते हैं ।”

पौरोहित्य सेवा की एक और कहानी जो महिने पहले एक वार्ड प्रभु-भोज सभा में कही थी जिसमे में था । यह अनुभवी मेल्केसदिक पौरोहित्य धारक नहीं जानता था कि जो वह बोल रहा था पौरोहित्य परिषद को मजबूत देने के लिये प्रभु बिलकुल वैसा ही चाहता है । उसके वर्णन का सारांश है:

वह और एक गृह शिक्षक साथी को सात परिवार दिये गये थे । लगभग वे सभी किसी का आना पसंद नहीं करते थे । जब गृह शिक्षक उनके घर पहुंचे, उन्होंने दरवाजा खोलने से मना कर दिया । जब उन्हें फोन किया गया, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया । जब उन्होंने संदेश भेजा, तो उन्होंने उत्तर नहीं दिया । वरिष्ठ साथी ने अंतत: पत्र लिखने की सेवकाई आरंभ की । उसने गहरे पीले रंग के लिफाफे का प्रयोग करना आरंभ किया जवाब प्राप्त करने की आशा में|

सात परिवारों में से एक कम-सक्रिय एकल बहन थी जो यूरोप से आई थी । उसके दो छोटे बच्चे थे ।

उससे कई बार मिलने का प्रयास करने के बाद, उसे एक छपे संदेश मिला । उसने अशिष्टता से बताया था कि वह गृह शिक्षकों से नहीं मिल सकती क्योंकि वह बहुत व्यस्त थी । उसके पास दो नौकरी थी और वह सेना में भी थी । उसका मुख्य कार्य पुलिस अधिकारी का था, और उसका लक्ष्य जासूस बनना और फिर अपने देश लौट जाना और वहां अपना काम आरंभ करना था ।

गृह शिक्षक उसे कभी उसके घर में नहीं मिल पाये थे । वह अक्सर उसे संदेश भेजता था । हर महिने वह हाथ से लिखा पत्र भेजता था, साथ में प्रत्येक बच्चे के लिये छुट्टियों के कार्ड ।

उसे कोई जवाब नहीं मिला । लेकिन वह जानती थी कि उसके गृह शिक्षक कौन थे, और उन्हें कैसे संपर्क करना था, और कि वे इस पौरोहित्य सेवा में डटे रहेंगे ।

फिर एक दिन उसने उससे एक जरूरी संदेश मिला । उसे मदद की बहुत जरुरत थी । वह नहीं जानती थी कि धर्माध्यक्ष कौन था लेकिन वह अपने गृह शिक्षकों को जानती थी ।

कुछ दिनों में, उसे एक महिने की सेना प्रशिक्षण में जाना था । वह अपने साथ बच्चों को लेकर नहीं जा सकती थी । उसकी मां, जो उसके बच्चों की देख-भाल करने वाली थी, हाल ही में अपने पति की देख-भाल के लिये यूरोप गई थी जिसे मेडिकल देख-भाल की तुरंत जरुरत थी ।

इस कम-सक्रिय एकल बहन के पास अपने सबसे छोटे बच्चे को यूरोप भेजने के लिये टिकट खरीदने के लिये पैसे थे लेकिन 12 वर्ष के बेटे, एरीक, के लिये नहीं ।2 उसने अपने गृह शिक्षक से पूछा क्या वह एरीक के लिये अदिस परिवार को खोज सकता है जो 30 दिनों के उसे अपने घर में रख सकें |

गृह शिक्षक ने जवाब दिया वह भरपूर प्रयास करेगा । फिर उसने अपने पौरोहित्य मार्गदर्शकों से संपर्क किया । धर्माध्यक्ष जो पीठासीन उच्चयाजक थे उन्होंने सहायता संस्था की अध्यक्षा सहित, वार्ड परिषद के सदस्यों से बात करने की अनुमति दी ।

सहायता संस्था अध्यक्षा ने जल्द ही चार अच्छी अदिस परिवारों को खोज लिया, जिनके पास एरीक की आयु के बच्चे थे, जो उसे एक समय में एक सप्ताह के लिये रखने को तैयार थे । अगले महिने तक, इन परिवारों ने एरीक को भोजन दिया, उसे अपने बड़े या छोटे परिवार में रहने का स्थान दिया, उसे अपने साथ गर्मियों की छुट्टी पर ले गये, उसे गिरजे लाए, उसे अपनी पारिवारिक घरेलु संध्या में शामिल किया, इत्यादि ।

एरीक की आयु के लड़के वाले परिवारों ने उसे उनकी डीकन परिषद सभा और गतिविधियों में शामिल किया । इस 30 दिन की अवधि के दौरान, एरीक पहली बार अपने जीवन में प्रत्येक रविवार को गिरजे गया था ।

उसकी मां के प्रशिक्षण से लौटने के बाद, एरीक ने गिरजा आना जारी रखा, अक्सर उन चार अदिस परिवारों के साथ या अन्यों के साथ जो उसके मित्र बन गये थे, उसकी मां के गृह शिक्षक के साथ भी । समय के साथ, वह डीकन नियुक्त हुआ और नियमित रूप से प्रभु-भोज बांटना आरंभ किया ।

अब, हम एरीक के भविष्य को देखते हैं । हमें आश्चर्य नहीं होगा यदि वह अपनी मां के देश में गिरजा का मार्गदर्शक बन जाता है जब उसका परिवार वहां लौटता है --- यह सबकुछ उन संतों के कारण जिन्होंने मिलकर एकता में धर्मध्यक्ष के निर्देशन में और अपने हृदयों और पवित्र आत्मा की ताकत से उदारता के कारण सेवा की थी ।

हम जानते हैं कि परमेश्वर के राज्य में बचाए जाने के लिये उदारता आवश्यक है । मोरोनी ने लिखा था: “यदि तुममें उदारता नहीं है तो किसी भी तरीके से तुम परमेश्वर के राज्य में नहीं बचाए जा सकते हो” (मोरोनी 10:21;ईथर 12:34 भी देखें)

हम यह भी जानते हैं कि उदारता एक उपहार है जो हमें हमारा सबकुछ करने के बाद प्रदान किया जाता है । हमें हमेशा “हृदय की पूरी ऊर्जा से पिता से प्रार्थना करो, जिससे कि तुम उसके उस प्रेम से परिपूर्ण हो सको, जिसे उसने उन सभी लोगों को प्रदान किया है जो उसके पुत्र, यीशु मसीह के सच्चे अनुयाई हैं” (मोरोनी 7:48) ।

मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि पवित्र आत्मा को सर्वोत्तम रूप से प्राप्त करते हैं जब दूसरों की सेवा में केंद्रित होते हैं । इसलिये हमें उद्धारकर्ता की सेवा करने के लिये हमारे पास पौरोहित्य जिम्मेदारी है । जब हम दूसरों की सेवा में लगे रहते हैं, हम स्वयं के लिये कम सोचते हैं, और पवित्र आत्मा अधिक सरलता से हमारे पास आती और हमें प्रदान किए उदारता के उपहार को पाने की हमारी आजीवन खोज में मदद करती है ।

मैं अपनी गवाही देता हूं कि प्रभु ने अपनी योजना में पहले से ही महान कदमआगे बढ़ा लिया है ताकि हम अपनी पौरोहित्य सेवकाइयों में अत्याधिक प्रेरित और उदार बन सकें ।मैं उसके प्रेम का आभारी हूं, जो वह इतनी उदारता से हमें देता है । यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।

विवरण

  1. नाम बदला गया है ।

  2. नाम बदला गया है ।