पवित्रशास्त्र
मॉरमन 5


अध्याय 5

मॉरमन रक्तपात और नरसंहार के युद्ध में फिर से नफाई सेनाओं का नेतृत्व करता है—मॉरमन की पुस्तक पूरे इस्राएल को यह मनवाने के लिए आएगी कि यीशु ही मसीह है—अपने अविश्वास के कारण, लमनाई तितर-बितर हो जाएंगे, और आत्मा उनके साथ प्रयास करना बंद कर देगी—अंतिम दिनों में उन्हें सुसमाचार अन्य जातियों से प्राप्त होगा । लगभग 375–384 ईसवी ।

1 और ऐसा हुआ कि मैं नफाइयों के बीच गया, और उनकी सहायता न करने की जो शपथ मैंने ली थी उसके लिए मैंने पश्चाताप किया; और उन्होंने अपनी सेनाओं की कमान फिर से मुझे सौंप दी, क्योंकि उन्होंने मेरी तरफ ऐसे देखा जैसे कि मैं उन्हें उनकी परेशानियों से मुक्ति दिला सकता हूं ।

2 परन्तु देखो, मैं निराश था, क्योंकि मैं प्रभु के न्याय को जानता था जो उन पर आनेवाला था; क्योंकि उन्होंने अपनी बुराइयों के लिए पश्चाताप नहीं किया था, परन्तु उस अस्तित्व को बिना पुकारे अपने जीवन के लिए संघर्ष किया था जिसने उन्हें बनाया था ।

3 और ऐसा हुआ कि जब हम यरदन नगर की तरफ भाग रहे थे तभी लमनाइयों ने हम पर आक्रमण कर दिया; परन्तु देखो, उन्हें पीछे हटा दिया गया जिससे कि उस समय वे नगर पर कब्जा न कर सकें ।

4 और ऐसा हुआ कि उन्होंने हम पर फिर से आक्रमण किया, और हमने नगर को संभाला । और अन्य नगर भी थे जिनकी देखरेख नफाइयों द्वारा हुई, जिसकी किलाबंदी के कारण हमारे देश के निवासियों को नष्ट करने के लिए वे उस प्रदेश में प्रवेश नहीं कर पाए जो हमारे सामने थी ।

5 परन्तु ऐसा हुआ कि जिस भी प्रदेश से हम गए, और वहां रह रहे निवासी जो एकत्रित नहीं हुए उन्हें लमनाइयों ने नष्ट कर दिया, और उनके शहर, और गांव, और नगर जला दिए गए; और इस प्रकार तीन सौ नवासी वर्ष बीत गए ।

6 और ऐसा हुआ कि तीन सौ अस्सीवें वर्ष में युद्ध करने के लिए लमनाइयों ने हम पर फिर से आक्रमण कर दिया, और हमने निडरता से उनका सामना किया; परन्तु वह सब व्यर्थ था, क्योंकि उनकी संख्या इतनी अधिक थी कि उन्होंने नफाई लोगों को अपने पैरों तले कुचल दिया ।

7 और ऐसा हुआ कि हम फिर से भागने लगे, और जो तेज गति से भागे वे लमनाइयों से बच गए, और जो लमनाइयों से तेज गति से नहीं भाग सके उन्हें मारकर नष्ट कर दिया गया ।

8 और अब देखो, मैं, मॉरमन, नहीं चाहता था कि मेरी आंखों के सामने रक्तपात और नरसंहार के इस प्रकार भयानक दृश्य में पड़ते हुए लोगों की आत्माओं को कष्ट पहुंचे; परन्तु मैं इतना अवश्य जानता था कि इन बातों को ज्ञात कराया जाएगा, और जितनी बातें छिपी हुई हैं उन्हें घर की छतों से प्रकट किया जाएगा—

9 और यह भी कि इन बातों का ज्ञात इन लोगों में से बचे हुए लोगों को कराया जाएगा, और अन्य जातियों को भी, जिन्हें प्रभु ने कहा है कि ये इन लोगों को तितर-बितर करेंगे, और उनके बीच इन लोगों की गिनती नहीं होगी—इसलिए जिसे मैंने देखा है उसके पूरे विवरण को लिखने का साहस न करते हुए, उस आज्ञा के कारण मैं एक छोटा सा विवरण लिख रहा हूं जिसे मैंने प्राप्त किया है, और इसलिए भी कि इन लोगों की दुष्टता के कारण तुम्हें शायद अधिक दुख न हो ।

10 और अब देखो, यह मैं इनके वंशों के लिए लिख रहा हूं, और उन अन्य जातियों के लिए भी जिन्हें इस्राएल के घराने की चिंता है, जो समझते हैं और जानते हैं कि इनके लिए आशीषें कहां से आती हैं ।

11 क्योंकि मैं जानता हूं कि इस्राएल के घराने की विपत्ति का दुख कैसा होगा; हां, वे इन लोगों के विनाश का दुख मनाएंगे; वे इस बात का दुख मानएंगे कि इन लोगों ने पश्चाताप नहीं किया था जिससे कि यीशु उन्हें अपनी मजबूत बाहों की सुरक्षित घेरे में ले सके ।

12 अब ये बातें याकूब के घराने के बचे हुए लोगों के लिए लिखी गई हैं; और ये इस प्रकार लिखी गई हैं, क्योंकि परमेश्वर को ज्ञात है कि दुष्टता में ये बातें उन तक नहीं पहुंचेंगी; और इन्हें प्रभु के पास छिपाना होगा ताकि यह उसके उपयुक्त समय में बाहर आ सकें ।

13 और यह आज्ञा है जिसे मैंने प्राप्त किया है; और देखो, ये सब बातें प्रभु की आज्ञा के अनुसार तब बाहर आएंगी जब वह अपने ज्ञान में इनके आने के उचित समय को देखेगा ।

14 और देखो, ये नास्तिक यहूदियों में जाएंगी; और इस उद्देश्य से ये जाएंगी—कि उन्हें विश्वास दिलाया जा सके कि यीशु ही मसीह है, जीवित परमेश्वर का पुत्र; जिससे कि पिता अपने प्रिय पुत्र के द्वारा, यहूदियों को या इस्राएल के पूरे घराने को उनकी उस विरासत की धरती पर पुन:स्थापित करने के अपने महान और अनंत उद्देश्य को पूरा कर सके, जिसे उनके प्रभु परमेश्वर ने अपने अनुबंध को पूरा करने के लिए उन्हें दिया है ।

15 और इसलिए भी कि इन लोगों के वंश उसके सुसमाचार पर पूरी तरह से विश्वास कर सकें, जो अन्य जातियों से उनके बीच जाएगा; क्योंकि ये लोग तितर-बितर होंगे, और इतने बुरे, भ्रष्ट, और घृणास्पद होंगे जो कि उस व्याख्या से बढ़कर होगा जो कभी भी हमारे बीच हुआ हो, हां, लमनाइयों के बीच की भी, और ऐसा उनके अविश्वास और मूर्तिपूजा को कारण होगा ।

16 क्योंकि देखो, प्रभु की आत्मा ने तो पहले से ही उनके पूर्वजों के साथ प्रयास करना बंद कर दिया है; और संसार में वे बिना मसीह और परमेश्वर के हैं; और लगभग वे हवा द्वारा भूसी के समान उड़ाए गए हैं ।

17 एक समय पर वे आनंदित लोग थे, और उनके चरवाहे के रूप में उनके पास मसीह था; हां, यहां तक कि उनका मार्दगर्शन पिता परमेश्वर द्वारा होता था ।

18 परन्तु अब, देखो, उनका मार्गदर्शन शैतान द्वारा होता है, वैसे ही जैसे कि हवा से भूसी उड़ाई जाती है, या वैसे ही जैसे कि एक नाव जो बिना पाल या पतवार के लहरों पर उछाली जाती है, या किसी के सहारे के बिना बहती है; और जैसे वह बहती है, वैसे ही वे भी हैं ।

19 और देखो, प्रभु ने उनकी आशीषों को सुरक्षित रख लिया है जिसे हो सकता है कि वे प्राप्त कर सकते थे क्योंकि अन्य जाति अब प्रदेश के अधिकारी होंगे ।

20 परन्तु देखो, ऐसा होगा कि वे भगा दिए जाएंगे और अन्य जातियों द्वारा तितर-बितर किये जाएंगे; और भगाए और अन्य जातियों द्वारा तितर-बितर किये जाने के पश्चात, देखो, तब प्रभु अपने उस अनुबंध को याद करेगा जिसे उसने इब्राहीम और इस्राएल के घराने के साथ बनाया था ।

21 और प्रभु धर्मी लोगों की उन प्रार्थनाओं को भी याद करेगा जो उनके लिए उससे की गई थीं ।

22 और फिर, हे तुम अन्य जातियों, सिवाय पश्चाताप करने और अपने बुरे मार्गों से फिरने के अलावा तुम परमेश्वर के सामर्थ्य के आगे कैसे टिके रह सकते हो ?

23 क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर के हाथों में हो ? क्या तुम नहीं जानते कि उसके पास सारी शक्तियां हैं, और उसकी महान आज्ञा से धरती कागज के एक टुकड़े के समान लपेटी जा सकती है ?

24 इसलिए, तुम पश्चाताप करो, और स्वयं को उसके समाने विनम्र बनाओ, कहीं ऐसा न हो कि उसका न्याय तुम पर पड़ जाए—कहीं ऐसा न हो कि याकूब के बचे हुए वंश तुम्हारे बीच में एक शेर के समान आएं, और तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े कर दें, और कोई तुम्हें बचानेवाला न हो ।