महा सम्मेलन
कि वे तुझे जानें
अक्टूबर 2022 महा सम्मेलन


कि वे तुझे जानें

(यूहन्ना 17:3)

मेरी हार्दिक इच्छा है कि आप यीशु को उसके कई नामों से जानो और आप उसके समान बनो।

कुछ साल पहले, एरिजोना में हमारे गृह वार्ड में एक प्रभु भोज सभा के दौरान मुझे एक जीवन बदलने वाला अनुभव हुआ था। जब प्रभु-भोज की प्रार्थना में “अपने ऊपर [यीशु मसीह] का नाम लेने,”1 बोला गया तो पवित्र आत्मा ने मुझे याद दिलाया कि यीशु के कई नाम हैं। तब मेरे मन में यह प्रश्न आया: “इस सप्ताह मुझे यीशु का कौन-सा नाम अपने ऊपर लेना चाहिए?”

मेरे दिमाग में तीन नाम आए, और मैंने उन्हें लिख लिया। उन तीन नामों में से प्रत्येक में मसीह समान गुण थे जिन्हें मैं अधिक रूप से विकसित करना चाहता था। उसके एक सप्ताह बाद, मैंने उन तीन नामों पर ध्यान केंद्रित किया और उनकी विशेषताओं को अपनाने की कोशिश की। उसी समय से, मैंने अपने आप से यह व्यक्तिगत प्रश्न पूछना जारी रखा की: “इस सप्ताह मुझे यीशु का कौन-सा नाम अपने ऊपर लेना चाहिए?” उस प्रश्न का उत्तर और उससे संबंधित मसीह समान गुणों को विकसित करने के प्रयास ने मेरे जीवन को आशीषित किया है।

अपनी इस महान प्रार्थना में, यीशु ने इस महत्वपूर्ण सच्चाई को व्यक्त किया: “और अनंत जीवन यह है, कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जानें।”2 आज मैं आपके साथ उन आशीषों और शक्ति को साझा करना चाहता हूं जो यीशु मसीह को उसके कई नामों से जानने से आती हैं।

किसी को जानने का सरल तरीका है उसका नाम जानना। यह कहा गया है कि “किसी व्यक्ति का नाम उस व्यक्ति के लिए किसी भी भाषा में सबसे मधुर और सबसे महत्वपूर्ण ध्वनि होती है।”3 क्या आपको कभी किसी को गलत नाम से पुकारने या उनका नाम भूल जाने का अनुभव हुआ है? मेरी पत्नी, एलेक्सिस, और मैंने, कभी-कभी, हमारे बच्चों में से एक को “लोला” कह कर बुलाया है। दुर्भाग्य से, जैसा कि आपने अनुमान लगाया होगा, लोला हमारा कुत्ता है! किसी का नाम भूल जाना उस व्यक्ति को यह बताता है कि आप शायद उन्हें बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं।

यीशु लोगों को नाम से जानता और पुकारता था। प्रभु ने प्राचीन इस्राएल से कहा, मत डर; क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है, मैं ने तुझे तेरे नाम से पुकारा है; तू मेरा ही है।”4 ईस्टर की सुबह, जब यीशु ने मरियम को उसके नाम से पुकारा, तो उसकी पुनरूत्थान मसीह की गवाही और भी मजबूत हो गई।5 इसी तरह, परमेश्वर ने जोसफ स्मिथ की प्रार्थना के उत्तर में उसको नाम से पुकारा।6

कुछ मामलों में, यीशु ने अपने शिष्यों को नए नाम दिए जो उनके स्वभाव, और क्षमता के सूचक थे। प्रभु ने याकूब को इस्राएल का नया नाम दिया, जिसका अर्थ है “वह जो परमेश्वर से प्रबल हो” या “परमेश्वर प्रबल हो।”7 यीशु ने याकूब और यूहन्ना को बूअनरिगस नाम दिया, जिसका अर्थ था “गर्जन के पुत्र।”8 उनके भविष्य के नेतृत्व को देखते हुए, यीशु ने शमौन को केफा या पतरस नाम दिया, जिसका अर्थ है एक चट्टान।9

जिस तरह यीशु हम में से प्रत्येक को नाम से जानता है, उसी तरह हम भी यीशु को बेहतर तरीके से जानने के लिए उसके कई नामों को सीख सकते हैं। इस्राएल और पतरस के नामों की तरह, यीशु के कई नाम हैं जो हमें उसके मिशन, उद्देश्य, चरित्र और विशेषताओं को समझने में मदद करते हैं। जब हम यीशु के कई नामों को जानेंगे, तो हम उसके दिव्य मिशन और उनके निस्वार्थ चरित्र को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। उसके अनेक नामों को जानने से हमें उसके समान बनने की प्रेरणा मिलती है—जो मसीह के समान गुणों को विकसित करने के लिए हमारे जीवन में आनंद और उद्देश्य लाते हैं।

कुछ साल पहले, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने टॉपिकल गाइड में यीशु मसीह से संबंधित सभी धर्मशास्त्रों का अध्ययन किया था।10 फिर उन्होंने युवाओं को इन्हीं धर्मशास्त्रों का अध्ययन करने के लिए आमंत्रित किया। यीशु के कई नामों के बारे में, अध्यक्ष नेलसन ने कहा, “प्रार्थनापूर्वक और दृढ़ता से यह समझने की कोशिश किया करो कि यीशु मसीह जो कुछ भी है उसका अध्ययन करें उसके विभिन्न उपाधियों और नामों का आपके जीवन में व्यक्तिगत रूप से क्या अर्थ है इसको समझने का प्रयास करें।”11

अध्यक्ष नेलसन के कहने के बाद, मैंने यीशु के कई नामों की अपनी सूची बनानी शुरू की। मेरी अपनी सूची में अब तक 300 से अधिक नाम हैं, और मुझे यकीन है कि कई और भी हैं जिन्हें मैंने अभी तक खोजा नहीं है।

जबकि यीशु के कुछ नाम हैं जो केवल उसके लिए ही आरक्षित हैं,12 मैं उन पांच नामों और उपाधियों को साझा करना चाहता हूं जो हम में से प्रत्येक पर लागू होते हैं। मैं आपको आपकी अपनी सूची बनाने के लिए आमंत्रित करता हूं जिससे की आप यीशु को उसके कई नामों से जान पाएंगे। ऐसा करने पर, आप पाएंगे कि अन्य नाम भी हैं—उनके अनुरूप मसीह समान गुणों के साथ—जिनको आप यीशु के अनुबंधित शिष्य के रूप में स्वयं को ग्रहण करना चाहेंगे।13

पहला, यीशु अच्छा चरवाहा है।14 जैसे, यीशु अपनी भेड़ों को जानता है,15 “अपनी भेड़ों को नाम से पुकारता है,”16 और, परमेश्वर के मेमने के रूप में, अपनी भेड़ों के लिए अपना जीवन दे दिया।17 उसी तरह, यीशु चाहता है कि हम अच्छे चरवाहे बनें, खासकर हमारे परिवारों में और सेवकाई करनेवाले भाई-बहनों के रूप में। यीशु के प्रति अपने प्रेम को प्रदर्शित करने का एक तरीका है की उसकी भेड़ों की रखवाली करो।18 उन भेड़ों के लिए जो भटक जाती हैं, अच्छे चरवाहे जंगल में खोई हुई भेड़ को खोजने के लिए जाते हैं, फिर उनके साथ तब तक रहते है जब तक वे सुरक्षित न हो जाएं।19 अच्छे चरवाहों के रूप में, और जब स्थानीय परिस्थितियों की के अनुसार संभव हो, हमें लोगों को उनके घरों में सेवा के लिए अधिक समय देना चाहिए। हमारी सेवा में, संदेश और प्रौद्योगिकी का उपयोग व्यक्तिगत संपर्क को बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए, न कि प्रतिस्थापित करने के लिए।20

दूसरा, यीशु आनेवाली अच्छी वस्तुओं का उच्च याजक है21 यह जानते हुए कि उसका सूली पर चढ़ाए जाने का समय निकट है, यीशु ने कहा: “ये बातें जो मैंने तुमसे कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शांति मिले। संसार में तुम्हें क्लेश होगा: परंतु तुम ढाढस बांधों, मैंने संसार को जीत लिया है।”22 आज, जब हमारी दुनिया अक्सर ध्रुवीकृत और विभाजित होती जा रही है, हमें सकारात्मकता और आशावाद का प्रचार और अभ्यास करने की बहुत आवश्यकता है। हमारे अतीत में किसी भी चुनौती के बावजूद, विश्वास हमेशा भविष्य की ओर इशारा करता है,23 आशा से भरा हुआ, जो हमें खुश रहने के लिए यीशु के निमंत्रण को पूरा करना संभव करता है।24 आनंदपूर्वक सुसमाचार को जीने से हमें आने वाली अच्छी अच्छी वस्तुओं का शिष्य बनने में मदद मिलती है।

यीशु की एक अन्य उपाधि यह है कि वह कल और आज और युगानुयुग एक–सा है25 अटल रहना एक मसीह समान गुण है। यीशु ने हमेशा अपने पिता की इच्छा को पूरा किया है,26 और हमें बचाने, मदद करने और चंगा करने के लिए उसने अपना हाथ लगातार बढ़ाया है।27 जब हम सुसमाचार को जीने में अटल रहेंगे, तो हम यीशु समान बनते चले जाएंगे।28 यद्यपि संसार लोकप्रिय बातों की ओर अधिक झूकाव महसूस करेगा जब लोग भ्रम के सिद्धांत के कारण इधर-उधर भटकते हैं,29 लेकिन अटल सुसमाचार का पालन करना हमें हमारे जीवन में तूफानों के दौरान स्थिर और अचल रहने में मदद करता है।30 हम अध्यक्ष नेलसन के “प्रभु के लिए समय निकालने” के निमंत्रण को स्वीकार करके भी हम अटल बने रह सकते हैं।31 महान आत्मिक शक्ति छोटी और सरल बातों से आती है32 जैसे “पवित्र आदतें और धार्मिक दिनचर्या” को विकसित करना33 प्रतिदिन की प्रार्थना, पश्चाताप, धर्मशास्त्र अध्ययन और दूसरों की सेवा करना।

चौथा, मसीह ही इस्राएल का एकमेव पवित्र परमेश्वर है34 यीशु का जीवन पवित्रता का उदारहण था। जब हम यीशु का अनुसरण करते हैं, तो हम भी इस्राएल में पवित्रजन बन सकते हैं।35 हम पवित्रता में वृद्धि करते हैं जब हम नियमित रूप से मंदिर जाते हैं, जहां हर प्रवेश द्वार के ऊपर “प्रभु के लिए पवित्रता” अंकित है। हर बार जब हम मंदिर में आराधना करते हैं, तो हम अपने घरों को पवित्र बनाने के लिए अधिक शक्ति का वृत्तिदान प्राप्त करते हैं।36 जिन लोगों के पास वर्तमान में मंदिर संस्तुति नहीं है, उनके लिए मैं आपको अपने धर्माध्यक्ष से मिलने और उस पवित्र स्थान में प्रवेश करने या दोबारा जाने के लिए खुद को तैयार करने को आमंत्रित करता हूं। मंदिर में समय देना हमारे जीवन में पवित्रता को बढ़ाएगा।

यीशु का एक अंतिम नाम यह है कि वह विश्वासयोग्य और सत्य है37 जिस तरह यीशु हमेशा विश्वासी और हमेशा सच्चा रहा, उसकी प्रबल इच्छा यह है कि हम इन गुणों को अपने जीवन में प्रदर्शित करें। जब हमारा विश्वास डगमगाता है, तो हम यीशु को पुकार सकते हैं, “हे प्रभु, मुझे बचा,” ठीक वैसे ही जब पतरस गलील के तूफानी समुद्र में डूबने लगा था।38 उस दिन यीशु डूबते हुए शिष्य को बचाने के लिए हाथ बढ़ाया था। उसने मेरे लिए वही किया है, और वह आपके लिए भी वही करेगा। यीशु को कभी मत छोड़ो—वह आपको कभी नहीं छोड़ेगा!

जब हम विश्वासी और सच्चे होते हैं, तो हम यीशु की बुलाहट का पालन करते हैं “मुझ में बने रहो,” जिसका अर्थ “मेरे साथ रहो।”39 जब हमारे सामने सवाल आते हैं, जब हमारे विश्वास के लिए हमारा मजाक उड़ाया जाता है, जब दुनिया के लोग हम पर तिरस्कार की उंगलियां उठाते हैं, तब भी हम विश्वासी और सच्चे रहते हैं। इन क्षणों में, हम यीशु की उस बात को याद करते हैं, “प्रत्येक विचार में मेरी ओर देखो; संदेह मत करो, भयभीत मत हो।40 जब हम ऐसा करते हैं, तो वह हमें उसके साथ हमेशा रहने के लिए आवश्यक विश्वास, आशा और शक्ति देता है।41

प्रिय भाइयों और बहनों, यीशु चाहता हैं कि हम उसे जानें क्योंकि स्वर्ग के नीचे वही एकमात्र नाम है जिससे हम बचाए जा सकते हैं।42 यीशु ही मार्ग, सत्य और जीवन है—कोई भी उसके बिना पिता के पास नहीं लौट सकता।43 यीशु ही मार्ग है! इसी कारण से, यीशु कहता है, “मेरे पास आओ,”44 “मेरे पीछे हो लो,”45 “मेरे साथ चलो,”46 और “मुझ से सीखो।”47

पूरे मन से, मैं यीशु मसीह की गवाही देता हूं—कि वह जीवित है, कि वह आपसे प्रेम करता है, और आपको आपके नाम से जानता है। वह परमेश्वर का पुत्र है,48 पिता का इकलौता पुत्र है।49 वह हमारी चट्टान है, हमारा किला है, हमारी ढाल है, हमारी शरण है, और हमारा उद्धारकर्ता है।50 वह प्रकाश है जो अंधकार में चमकता है।51 वह हमारा उद्धारकर्ता52 और हमारा मुक्तिदाता है।53 वह पुनरूत्थान और जीवन है।54 मेरी हार्दिक इच्छा है कि आप यीशु को उसके कई नामों से जानो और आप उसके समान बनो और आप यीशु मसीह के नाम पर अपने जीवन में उसके दिव्य गुणों का उदाहरण लेते रहे। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।

विवरण

  1. सिद्धांत और अनुबंध 20:77

  2. यूहन्ना 17:3; महत्व दिया गया। इस प्रार्थना के बारे में, अध्यक्ष डेविड ओ. मैके ने सिखाया: “यह पाठ सबसे शानदार प्रार्थनाओं में से एक से लिया गया है—मुझे लगता है कि यह इस दुनिया में सबसे बड़ी प्रार्थना है—प्रभु की प्रार्थना को छोड़कर और कोई नहीं। अपने विश्वासघात की रात को गतसमनी की वाटिका में प्रवेश करने से ठीक पहले यह मसीह की प्रार्थना थी। … मैं बाइबल में और अधिक किसी महत्वपूर्ण अध्याय के बारे में नहीं जानता” (in Conference Report, Oct. 1967, 5).

  3. Dale Carnegie, How to Win Friends and Influence People, rev. ed. (1981), 83.

  4. यशायाह 43:1; महत्व जोड़ा गया है।

  5. देखें यूहन्ना 20:16

  6. देखें जोसफ स्मिथ—इतिहास 1:17

  7. Bible Dictionary, “Israel.”

  8. मरकुस 3:17

  9. देखें लूका 6:14; यूहन्ना 1:42.

  10. देखें रसल एम. नेलसन, “I Studied More Than 2,200 Scriptures about the Savior in Six Weeks: Here Is a Little of What I Learned,” Inspiration (blog), Feb. 28, 2017, ChurchofJesusChrist.org. इस अनुभव के बाद, अध्यक्ष नेलसन ने कहा, “मैं एक अलग व्यक्ति हू!” (“Drawing the Power of Jesus Christ into Our Lives,” Liahona, मई 2017, 39)।

  11. रसल एम. नेलसन “Prophets, Leadership, and Divine Law” (worldwide devotional for young adults, Jan. 8, 2017), broadcasts.ChurchofJesusChrist.org.

  12. उदाहरण के लिए, यीशु ही मसीह है, महान यहोवा, मरे हुओं में से जी उठा पहलौठा, और परमेश्वर का एकलौता पुत्र है।

  13. टॉपिकल गाइड में यीशु से संबंधित धर्मशास्त्रों का अध्ययन करने के लिए अध्यक्ष नेलसन के निमंत्रण के अलावा, आप “Christ, names of” के तहत बाइबल शब्दकोश में भी यीशु के कई नामों का अध्ययन कर सकते हैं। आप एल्डर जेफरी आर. हॉलैंड की किताब Witness for His Names (2019) और एल्डर रोनाल्ड ए. रासबैंड की भक्तिपूर्ण वार्ता का भी अध्ययन कर सकते हैं“ “Name above All Names” (Brigham Young University–Hawaii devotional, Oct. 20, 2020), speeches.byuh.edu.

  14. देखें यूहन्ना 10:11

  15. देखें यूहन्ना 10:14

  16. यूहन्ना 10:3

  17. देखें यूहन्ना 10:11–15; 1नफी 11:31–33.

  18. देखें यूहन्ना 21:15-17

  19. मुझे विशेष रूप से लूका 15:4का जोसफ स्मिथ अनुवाद पसंद है, जिसमें लिखा है, “तुम में से कौन है, जिसके पास सौ भेड़ें हैं, यदि वह उनमें से एक को खो देता है, तो निन्यानबे को छोड़कर जंगल में नहीं जाता है, जो कि है खो गया, जब तक कि वह उसे ढूंढ न ले?” ( लूका 15:4, फुटनोट a, महत्व दिया गया)।

  20. जैसा कि एल्डर डेविड ए. बेडनार ने कहा: “हर कोई सोचता है कि एक पाठ पर्याप्त है [सेवा के लिए]। ऐसे मौके आते हैं जब आपको घर में रहने की जरूरत होती है और आपको लोगों की आंखों में देखने की जरूरत होती है, क्योंकि आपको घर में ही प्रेरणा और प्रकटीकरण मिलने वाला है जो आपको कही और नहीं मिलेगा” (“An Evening with Elder David A. Bednar” [broadcast for religious educators], Feb. 7, 2020], broadcasts.ChurchofJesusChrist.org)।

  21. देखें इब्रानियों 09:11

  22. यहून्ना 16:33

  23. See Jeffrey R. Holland, “‘Remember Lot’s Wife’: Faith Is for the Future” (Brigham Young University devotional, Jan. 13, 2009), 2, speeches.byu.edu. “विश्वास हमेशा भविष्य की ओर इशारा करता है। विश्वास का संबंध हमेशा उन आशीषों और सच्ची घटनाओं से होता है जो अभी तक हमारे जीवन में अभी भी पूरी तरह से प्रभावित नहीं हुई है।”

  24. देखें मत्ती 9:2; मरकुस 6:50; यूहन्ना 16:33; 3 नफी 1:13; सिद्धांत और अनुबंध 61:36.

  25. देखें इब्रानियों 13:8; Bible Dictionary भी देखें, “मसीह, के नाम।”

  26. देखें यूहन्ना8:29.

  27. देखें अलमा 5:33; अलमा 19:36; 3 नफी 9:14.

  28. उदाहरण के लिए देखें, डेविड ए बेडनार, “More Diligent and Concerned at Home,” Liahona, नवंबर 2009, 20. हमें अधिक अटल होने और बनने की जरूरत है।”

  29. देखें इफिसियों 4:14

  30. देखें मुसायाह 5:15.

  31. रसल एम नेलसन“Make Time for the Lord, ” Liahona, नवंबर 2021, 120।

  32. देखें अलमा 37:6.

  33. यह एक वाक्य है जिसे अध्यक्ष डालिन एच. ओक्स ने अपने सेवकाई में कई बार दोहराया है। देखें, उदाहरण के लिए, “YSA Face to Face with Elder Oaks and Elder Ballard” (broadcast for young single adults, Nov. 19, 2017), ChurchofJesusChrist.org

  34. देखें 2 नफी 9:18–19, 41

  35. युवा वयस्कों के लिए हाल ही में विश्वव्यापी भक्ति सभा में, बहन वेंडी नेलसन ने एक प्रश्न रखा जो उन्होंने कहा कि जीवन बदल सकता है, आत्मविश्वास बढ़ सकता है और चिंता कम कर सकता है, प्रेरित कर सकता है, कृतज्ञता बढ़ा सकता है और तनाव कम कर सकता है, प्रलोभन का विरोध करने में मदद कर सकता है, और आनंद, आराम, प्यार और शांति ला सकता है। वह प्रश्न था “एक पवित्र युवा वयस्क क्या कर सकता है?” फिर उन्होंने इस प्रश्न को लगातार तीन दिनों तक प्रत्येक दिन लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। देखें “One Question That Can Change Your Life” (worldwide devotional for young adults, May 15, 2022), broadcasts.ChurchofJesusChrist.org.

  36. देखें सिद्धांत और अनुबंध 109:12–13, 22

  37. देखें प्रकाशितवाक्य 19:11.

  38. मत्ती 14:30

  39. यूहन्ना 15:4Abide के लिए ग्रीक शब्द μείνατε (meinate या menó) है, जिसका अर्थ है ठहरना या रहना।

  40. सिद्धांत और अनुबंध 6:36

  41. एल्डर जेफरी आर. हॉलैंड ने एक बार नोट किया था कि, स्पेनिश में, अंग्रेजी वाक्यांश “एबाइड इन मी” का अनुवाद “permaneced en mi” के रूप में किया जाता है। उन्होंने जारी रखा: “इसका अर्थ है ‘रहना--लेकिन हमेशा के लिए रहना।’ … पूरी तरह से आओ, अपने लिए और उन सभी पीढ़ियों के लिए जो तुम्हारे पीछे आने वाली हैं, और हम एक दूसरे को बहुत अंत तक मजबूत होने में मदद करेंगे ”(“Abide in Me,” Liahona, मई 2004, 32)।

  42. देखें 2 नफी 31:21

  43. देखें यूहन्ना 14:6.

  44. मत्ती 11:28; 3 नफी 9:14, 22.

  45. मत्ती 16:24; लूका 18:22; यूहन्ना 21:19; 2 नफी 31:10

  46. प्रकाशितवाक्य 3:4; मूसा 6:34.

  47. मत्ती 11:29; सिद्धांत और अनुबंध 19:23.

  48. देखें 3 नफी 09:15

  49. देखें यूहन्ना 1:14; अलमा 5:48

  50. देखें 2 शमूएल 22:2–3.

  51. देखें सिद्धांत और अनुबंध 06:21

  52. देखें लूका 2:11

  53. देखें सिद्धांत और अनुबंध 18:11-13

  54. देखें यूहन्ना 11:25