2010–2019
स्त्रियां और घर में सुसमाचार शिक्षा
अक्टूबर 2018


स्त्रियां और घर में सुसमाचार शिक्षा

मैं आप, गिरजे की महिलाओं से, बिखरे हुए इस्राएल इकट्ठा करने में मदद करके भविष्य को आकार देने की भविष्यवक्ता संबंधी याचिका करता हूं ।

मेरी प्रिय बहनों, आपके साथ मिलना बहुत अच्छा लग रहा है । अंतिम-दिनों के संतों को यीशु मसीह के गिरजे में यह एक उत्साहजनक समय है । प्रभु ज्ञान अपने गिरजे पर उंडेल रहा है जैसा उसने वादा किया था ।

आपको याद होगा जब उसने कहा था : ”कब तक बहता जल अशुद्ध रह सकता है ? कौन सी शक्ति स्वर्ग को रोक सकेगी ? जैसे मनुष्य का अपनी कमजोर बांह फैलाकर मिसूरी नदी के निर्देशित मार्ग को रोक पाना, या इसके बहाव को उल्टा करना असंभव है, वैसे ही सर्वशक्तिमान को स्वर्ग से अंतिम-दिनों के संतों के सिरों में ज्ञान को उंडेलने से रोक पाना ।”1

प्रभु का वर्तमान में ज्ञान साझा करने का संबंध उसके लोगों के मनों और हृदयों में उंडेलने की रफ्तार को बढ़ाना है । उसने स्पष्ट किया है कि स्वर्गीय पिता की बेटियों की इस चमत्कारी रफ्तार में मुख्य भूमिका है । उस चमत्कार का एक प्रमाण अपने भविष्यवक्ता को घर और परिवार के भीतर सुसमाचार शिक्षा पर अधिक जोर देने के लिये निर्देश देना है ।

आप पूछ सकती हैं, “उसके संतों पर ज्ञान उंडेलने में मदद के लिये विश्वासी बहनें किस प्रकार मुख्य शक्ति बन सकती हैं ?” प्रभु इसका जवाब “परिवार: दुनिया के लिए एक घोषणा” में देता है । आपको शब्द याद होंगे, लेकिन शायद आप नया अर्थ देखती और समझती है कि प्रभु ने इन उत्साहजनक परिवर्तनों को पहले ही देख लिया था । उस घोषणा में, इन शब्दों में उसने बहनों को परिवार में मुख्य सुसमाचार शिक्षक होने की जिम्मेदारी दी थी: “माताएं मुख्य रूप से अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिये जिम्मेदार हैं ।”2 इसमें सुसमाचार सच्चाई और ज्ञान का पोषण शामिल है ।

घोषणा आगे कहती है: “पिता और माता एकसमान भागीदार के रूप में एक दूसरे की सहायता करने के लिये बाध्य हैं ।”3 वे एकसमान भागीदार हैं, आत्मिक विकास की संभावनाओं और ज्ञान प्राप्त करने में एकसमान हैं, और इसलिये एक दूसरे की सहायता के लिये एक हैं । वे अपने दिव्य स्वरूप में एक हैं मिलकर उत्कृष प्राप्त करने के लिये । असल में, उनका अकेले उत्कृष नहीं हो सकता है ।

फिर, क्यों, परमेश्वर की बेटियों को संगठित और एकसमान संबंध में अत्याधिक महत्वपूर्ण पोषक तत्व, स्वर्ग से मिलने वाला ज्ञान, जिसे सबको मिलना चाहिए, से पोषण करने की मुख्य जिम्मेदारी मिलती है ? जहां तक मैं देख सकता हूं, जब से संसार में परिवारों की रचना हुई है प्रभु का यही तरीका रहा है ।

यह हव्वा थी जिसे ज्ञान प्राप्त हुआ था कि परमेश्वर की सारी आज्ञाओं का पालन और परिवार बनाने के लिये आदम को ज्ञान के वृक्ष का फल खाने की आवश्यकता है । मैं नहीं जानता, यह क्यों पहले हव्वा को मिला था, लेकिन आदम और हव्वा पूर्णरूप से एक थे जब यह ज्ञान आदम पर उंडले गया था ।

स्त्रियों के पोषण करने के उपहारों का उपयोग करने का प्रभु का एक और उदाहरण है जब उसने हिलामन के बेटों को मजबूत किया था । मेरा गला भर जाता है जब मैं इस कहानी को पढ़ता और फिर अपनी स्वयं की मां के आश्वासन के शांत शब्दों को याद करता हूं जब मैंने सेना की सेवा के लिये घर छोड़ा था ।

हिलामन लिखता है:

“उन्हें उनकी माताओं ने सीखाया था, कि यदि वे संदेह न करें तो परमेश्वर उन्हें बचाएगा ।

“और उन्होंने यह कहते हुए अपनी माताओं के शब्दों को मेरे लिये दोहराया था: हमें इस बात पर संदेह नहीं है कि हमारी माताएं इसे जानती थी ।”4

जबकि मैं विश्वासी बहनों को परिवार में पोषण करने की मुख्य जिम्मेदारी देने के लिये प्रभु के सभी कारणों को नहीं जानता, लेकिन मैं विश्वास करता हूं इसका संबंध आपकी प्रेम करने की क्षमता से है । अपनी स्वयं से अधिक दूसरों की जरूरतों को महसूस करने के लिये बहुत अधिक प्रेम चाहिए । उदारता की यह अनुभूति उस व्यक्ति से आती है जिसे यीशु मसीह के प्रायश्चित के प्रभावों के लायक होकर पालन पोषण करने के लिये चुना गया हो । सहायता संस्था का लक्ष्य, जिसका उदाहरण मेरी मां स्वयं थी, मुझे प्रेरणा देता है: “उदारता कभी असफल नहीं होती ।”

परमेश्वर की बेटियों के रूप में, आपके पास दूसरों की आवश्यकताओं को समझने और प्रेम करने की स्वाभाविक और महान क्षमता है । इस कारण आप आत्मा की प्रेरणाओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो । इसलिये आत्मा आपका मार्गदर्शन कर सकती है कि आप क्या सोचें, आप क्या कहें, और आप लोगों का पोषण करने के लिये क्या करें ताकि प्रभु उन पर ज्ञान, सच्चाई, और साहस उंडेल सके ।

आप बहनें जो मेरी आवाज सुन रही हैं अपने जीवन की यात्रा में प्रत्येक अद्वितीय स्थान में हैं । कुछ युवतियां इस महा सम्मेलन में पहली बार आई हैं । कुछ युवतियां पालन पोषण देने की तैयारी कर रही हैं जैसा परमेश्वर उनसे चाहता है । कुछ नवविवाहिता हैं जिनके अभी बच्चे नहीं हैं, अन्य युवा मां हैं जिन के एक या अधिक बच्चे हैं । कुछ किशोर/किशोरियों की मां हैं और अन्य के बच्चे मिशन पर हैं । कुछ हैं जिनके बच्चे विश्वास में कमजोर हो गए हैं और घर से दूर हैं । कुछ अकेली हैं जिनका कोई विश्वासी साथी नहीं है । कुछ नानी/दादी हैं ।

फिर भी, आपकी निजी परिस्थितियां कुछ भी हों, आप परमेश्वर के परिवार और अपने स्वयं के परिवार का मुख्य हिस्सा हो, चाहे भविष्य में, इस संसार में, या आत्मिक संसार में । परमेश्वर का भरोसा आप पर है कि आप अपने प्रेम और यीशु मसीह में विश्वास से उसके और अपने परिवार के सदस्यों का पोषण जितना चाहें कर सकती हैं ।

आपकी स्वाभाविक चुनौती यह जानना है किसे, कैसे, और कब पोषण देना है । आपको प्रभु की सहायता की आवश्यकता होती है । वह दूसरों के हृदयों को जानता है, और वह जानता वे कब आपका पोषण स्वीकार करने को तैयार हैं । आपकी विश्वास-भरी प्रार्थना आपकी सफलता की कुंजी है । आप उसके मार्गदर्शन पर निर्भर हो सकती हैं ।

उसने यह प्रोत्साहन दिया था: “पिता से मेरे नाम में मांगो, विश्वास में भरोसा करते हुए कि तुम प्राप्त करोगे, और तुम्हारे पास पवित्र आत्मा होगी, जो तुम्हें सब बातों की गवाही देगी जो मानव संतान के लिये जरूरी हैं ।”5

प्रार्थना के अतिरिक्त, धर्मशास्त्रों का गहन अध्ययन पोषण करने की शक्ति का विकास करने का हिस्सा होगा । प्रतिज्ञा इस प्रकार है: “न ही तुम पहले से सोचना तुम क्या कहोगे; लेकिन अपने मनों में जीवन की बातों को निरंतर संजोकर रखना, और जो कुछ तुम को कहना होगा, वह उसी क्षण तुम्हें बता दिया जाएगा वह भाग जिसे प्रत्येक व्यक्ति को बांटा जाएगा ।”6

इसलिये आप आत्मिक बातों पर प्रार्थना करने, मनन करने, और विचार करने के लिये अधिक समय लगाएंगी । सच्चाई का ज्ञान आप पर उंडेला जाएगा और अपने परिवार का पोषण करने की आपकी शक्ति बढ़ेगी ।

ऐसा समय होंगे जब आपको लगेगा कि बेहतर पोषण करना सीखने का आपका विकास धीमा है । यह निरंतर विश्वास रखने से आएगा । उसने आपके लिये इस प्रोत्साहन को भेजा था:

“इसलिये, भलाई करने में थको मत, क्योंकि तुम एक महान कार्य की नींव रख रहे हो । और छोटी छोटी बातों से उसकी प्राप्ति होती है जो महान है ।

“देखो, प्रभु को हृदय और समर्पित मन की आवश्यकता है; और समर्पित और आज्ञाकारी इन अंतिम दिनों में सिय्योन प्रदेश के उत्तम पर्दाथ खाएंगे ।”7

आज रात आपकी उपस्थिति प्रमाण है कि आप पोषण करने के लिये प्रभु के निमंत्रण स्वीकार करती हो । यह आज रात सबसे छोटी बहन के लिये भी सच है । आप जान सकती हैं अपने परिवार में किसका पोषण करना है । यदि आप सही इच्छा से प्रार्थना करती हो, तो नाम या चेहरा आपके मन में आएगा । यदि आप जानने के लिये प्रार्थना करती हो क्या करना है या क्या कहना है, तो आप जवाब महसूस करेंगी । प्रत्येक समय जब आप आज्ञा पालन करती हैं, पोषण करने की आपकी शक्ति बढ़ती है । आप उस समय के लिये तैयार होंगी जब अपने स्वयं के बच्चों का पालन-पोषण करोगी ।

किशोरों/किशोरियों की मांए प्रार्थना कर सकती हैं कैसे उसे बेटे या बेटी का पोषण करना है जिसका पोषण करना कठिन लगता है । आप जानने के लिये प्रार्थना कर सकती है किससे आपका बच्चा आत्मिक प्रभाव प्राप्त और स्वीकार कर सकता है । परमेश्वर इस प्रकार चिंतित मांओं की हृदय से की गई प्रार्थनाओं को सुनता और जवाब देता है, और वह सहायता भेजता है ।

इसके अतिरिक्त, आज रात यहां उपस्थित नानियों/दादियों को भी अपने बच्चों और नाती/पोतों के मतभेदों और कठिनाइयों के द्वारा हृदय में पीड़ा हुई होगी । आप धर्मशास्त्रों में परिवारों के अनुभवों से उत्साह और निर्देशन ले सकती हैं ।

हव्वा और आदम के समय से, पिता इस्राएल के माध्यम से, और मॉरमन की पुस्तक में प्रत्येक परिवार पर, एक स्पष्ट सबक है: निरंतर प्रेम करते रहें ।

हमारे पास उद्धारकर्ता का उत्साहजनक उदाहरण है जब उसने अपने स्वर्गीय पिता के विद्रोही आत्मिक बच्चों का पोषण किया था । जबकि वे और हम उस दर्द देते हैं, उद्धारकर्ता का हाथ फिर भी आगे बढ़ा हुआ है ।8 उसने 3 नफी में अपने आत्मिक बहनों और भाइयों से बोला था, जिन्हें उसने पोषण करने का असफल प्रयास किया था: “ओह ... जो इस्राएल के घराने के हो, कितनी बार मैंने तुम्हें एकत्रित किया है जैसे मूर्गी अपने चूजों को अपने परों के नीच एकत्रित करती है, और तुम्हारा पोषण किया है ।”9

जीवन की यात्रा में प्रत्येक पढ़ाव की बहनों के लिये, प्रत्येक पारिवारिक परिस्थिति में, और प्रत्येक संस्कृति में, उद्धारकर्ता आपका परिपूर्ण उदाहरण है कि कैसे आप घर में सुसमाचार सीखने पर अधिक जोर देने के उसके कार्य में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाओगी ।

आप उदारता की अपनी स्वाभाविक अनुभूति अपने परिवार में गतिविधियों और प्रथाओं के बदलावों में लाएंगी । यह अधिक आत्मिक विकास करेगा । जब आप परिवार के सदस्यों के साथ और के लिये प्रार्थना करती हैं, तो आप उनके लिये अपना और उद्धारकर्ता का प्रेम महसूस करेंगी । यह अधिक से अधिक आपका आत्मिक उपहार बन जाएगा जब आप इस पाने का प्रयास करती हैं । आपके परिवार के सदस्य इस महसूस करेंगे जब आप अधिक विश्वास से प्रार्थना करती हैं ।

जब परिवार बोलकर धर्मशास्त्रों को पढ़ने के लिये एकत्र होता है, तो आप उन्हें पहले से पढ़ लेंगी और स्वयं की तैयार के लिये उनके बारे में प्रार्थना कर चुकी होंगी । आपके पास अपने मन को जागृत करने की आत्मा के लिये प्रार्थना करने के क्षण होंगे । तब, जब पढ़ने का आपकी बारी होगी, तो परिवार के सदस्य परमेश्वर और उसके वचनों के लिये आपके प्रेम को महसूस करेंगे ।

इस प्रकार का प्रवाह किसी भी परिवार की सभा में हो सकता है यदि आप इसके लिये प्रार्थना और योजना बनाते हैं । इसके लिये प्रयास और समय की आवश्यकता होगी, लेकिन इससे चमत्कार होंगे । मुझे अपनी मां से सीखा एक सबक याद है जो मैंने बचपन में सीखा था । मैं अभी भी अपने मन उस रंगीन नक्शे को देख सकता हूं जो उन्होंने प्रेरित पौलुस की यात्राओं के लिये बनाया था । मैं हैरान होता हूं उन्हें इसे बनाने के लिये कैसे समय और शक्ति मिली थी । और आजतक मैं उस प्रेरित पौलुस के प्रति उनके प्रेम से आशीषित हूं ।

आप में से प्रत्येक को प्रभु के पुनास्थापित गिरजे में अपने परिवारों पर सच्चाई के प्रवाह में योगदान के लिए तरीके मिलेंगे । आप सब जानने के लिये प्रार्थना, अध्ययन और मनन करेंगी कि आपका विशिष्ट योगदान क्या होगा । लेकिन मैं इसे जानता हूं: आप सबों पर, परमेश्वर के बेटों के साथ समान रूप से जुआ रखा हुआ है, आप सुसमाचार शिक्षा और जीने के चमत्कार में बड़ा हिस्सा होंगी, जो इस्राएल के एकत्र होने में शीघ्रता करेगा और परमेश्वर के परिवारों को प्रभु यीशु मसीह के महिमापूर्ण वापसी के लिये तैयार करेगा । यीशु मसीह के पवित्र नाम में, आमीन ।