महा सम्मेलन
हमारे हृदय में गहरा
अप्रैल 2020 महा सम्मेलन


हमारे हृदय में गहरा

प्रभु हमारी मदद करने की कोशिश कर रहा है—हम सभी की— उसके सुसमाचार को हमारे हृदयों में गहरा प्रवेश कराने के लिए ।

बहनों और भाइयों, हम बहुत शानदार समय में रहते हैं । जब हम पुनास्थापना के आरंभ होने का समारोह मनाते हैं, यह भी उपयुक्त है कि हम इस निरंतर जारी पुनास्थापना को मनाएं जिसे हम देख रहे हैं । मैं आप के साथ इस समय में रहने के लिए आनंदित हूं ।1 प्रभु उन सभी बातों को जो हमें उसे स्वीकार करने की तैयारी में मदद करती है एक स्थान पर उपलब्ध कराता है ।2

उन बातों में एक Children and Youth है जिसकी जरूरत है आप में से बहुत इस कार्यक्रम को जानते हैं जो लक्ष्य निर्धारित करने पर जोर देता है, संबंध रखने के नये प्रतीक और युवा शक्ति के लिए सम्मेलन । लेकिन हमें उन बातों को इस कार्यक्रम के उन सिद्धांतों को जिन पर इनका निर्माण किया है और इसके उद्देश्यों को धुंधला नहीं करने देना चाहिए: जोकि यीशु मसीह के सुसमाचार को हमारे बच्चों और युवाओं के हृदयों में गहराई से सीखने में मदद करना है ।3

मुझे विश्वास है कि जब हम इन सिद्धांतों को समझने लगते हैं, तो हम 8 से 18 आयु के सदस्यों के लिए इसे महज एक कार्यक्रम से अधिक के रूप में देखेंगे । हम महसूस करेंगे कि कैसे प्रभु हमारी मदद करने की कोशिश कर रहा है—हम सभी की—सुसमाचार हमारे हृदयों में गहराई से प्रवेश करे । मैं प्रार्थना करता हूं कि पवित्र आत्मा हमें एक साथ सीखने में मदद करेगी ।

रिश्ते—“उनके साथ रहें”3

पहला नियम जो मैं बताऊंगा वह रिश्तों के विषय में है । क्योंकि वे यीशु मसीह के गिरजे के बहुत ही विशेष हिस्सा हैं, हम कई बार हमारे निंरतर जारी रूपांतरण में रिश्तों के महत्व को भूल जाते हैं । हम से इस अनुबंधित मार्ग को अकेले खोजने या चलने की आशा नहीं की जाती है । हमें माता-पिता, परिवार के अन्य सदस्यों, मित्रों, और मार्गदर्शकों के प्रेम और सहारे की आवश्यकता होती है जो हमारे साथ इस मार्ग पर चल रहे हैं ।

इस प्रकार के संबंधों के लिए समय चाहिए । एक साथ होने के लिए समय । मिलकर हंसने, खेलने, सीखने और सेवा करने के लिए समय । मिलकर सीखने और सेवा करने के लिए समय । एक दूसरे के साथ सचे और ईमानदार होने के लिए समय जब हम मिलकर बेहतर होने का प्रयास करते हैं । यह परिवारों, परिषदों, कक्षाओं, और कलिसियाओं के रूप में एकत्रित होने के मुख्य उद्देश्यों में से एक है । ये प्रभावशाली ढंग से सेवा करने के आधार हैं ।5

एल्डर डेल जी. रेनलंड हमें इन रिश्तों को विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण बात बताई थी जब उन्होंने कहा था: “गिरजे में, प्रभावी ढंग से दूसरों की सेवा करने के लिए हम उन्हें विशेष रूप से देखना चाहिए—स्वर्गीय पिता की आंखों से । केवल तभी हम आत्माओं के वास्तविक मूल्य को समझना आरंभ कर सकते हैं । केवल तभी हम उस प्रेम को समझने लगते हैं जो स्वर्गीय पिता अपने सभी बच्चों से करता है ।”6

दूसरों को उस प्रकार देखना जैसे परमेश्वर देखता है एक उपहार है । मैं हम सभी को उस उपहार को पाने का निमंत्रण देता हूं । जब हमारी आंखें देखने के लिए खुलती हैं,7 तो हम दूसरों को स्वयं को परमेश्वर की तरह देखने में भी मदद कर पाएंगे ।8 अध्यक्ष हेनरी बी. आएरिंग ने कहा था: “वह बहुत महत्वपूर्ण होगा जो [युवा लोग] [आप] से सीखते हैं कि वे वास्तव में कौन हैं और वे वास्तव में क्या बन सकते हैं । मैं सोचता हूं कि वे इसे व्याख्यान से इतना अधिक नहीं सीखेंगे । वे इसे इस भावना से सीखेंगे कि आप कौन हैं, आप क्या सोचते हैं वे कौन हैं, और आप क्या सोचते हैं वे जो बन सकते हैं ।9 दूसरों को उनकी असली पहचान कराने और उद्देश्य को समझने में मदद करना, सबसे बड़े उपहारों में एक है जो हम दे सकते हैं ।10 दूसरों और स्वयं को उस प्रकार देखना जैसा परमेश्वर देखता है “हमारे हृदयों एकता और प्रेम में जोड़ता है ।”11

निरंतर बढ़ती धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के साथ जो हम पर प्रभाव डालती है, हमें उस शक्ति को जरूरत होती है जो प्रेम के रिश्तों से आती है । इसलिये जब हम गतिविधियां, सभाओं, और अन्य कार्यक्रमों की योजना बनाते हैं, तो आओ हम रिश्तों को संगठित होने और यीशु मसीह के सुसमाचार को गहराई से हमारे हृदयों में प्रवेश करने में मदद के लिए इन कार्यक्रमों के महत्वपूर्ण उद्देश्य को याद रखें ।12

प्रकटीकरण, चुनने की स्वतंत्रता, और पश्चाताप—“इन्हें स्वर्ग से जोड़ते हैं”13

अवश्य ही, यह एकसाथ जोड़ने के लिए काफी नहीं है । कई समूह और संगठन हैं जो विभिन्न कामों से एकता प्राप्त करते हैं । लेकिन जिस एकता को हम चाहते हैं वह मसीह में एक होना है, स्वयं को उसके साथ जोड़ने के लिए । 14 अपने हृदयों को स्वर्ग से जोड़ने के लिए, हमें व्यक्तिगत आत्मिक अनुभवों की आवश्यकता होती है, जैसा एल्डर एंडरसन ने बहुत खूबसूरती से अभी बताया है । ये अनुभव होते हैं जब पवित्र आत्मा परमेश्वर के वचन और प्रेम को हमारे मन और हृदय में डालती है ।16

यह प्रकटीकरण धर्मशास्त्रों के द्वारा, विशेषकर मॉरमन की पुस्तक; जीवित भविष्यवक्तओं और अन्य विश्वासी शिष्यों के शब्दों द्वारा, और शांत धीमी आवाज के द्वारा आता है ।17 ये शब्द कागज पर स्याही से, हमारे कानों में ध्वनि तरंगो, हमारे मनों में विचारों, या हृदयों में अनुभूतियों से अधिक हैं । परमेश्वर के वचन आत्मिक शक्ति है ।18 यह सच्चाई और ज्ञान है । यह हम कैसे सुनते हैं ! यह मसीह में हमारे विश्वास को आरंभ करता और बढ़ाता है और हमें उद्धारकर्ता के समान बनने की प्रेरणा देता है, यानि पश्चाताप करने और अनुबंध के मार्ग पर चलने की प्रेरणा ।20

पिछले अप्रैल, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने हमें पश्चाताप की मुख्य भूमिका को समझने में हमारी मदद की थी ।21 उन्होंने कहा थ: “जब हम पश्चाताप करना चुनते हैं, तो परिवर्तन करने का चुनाव करते हैं ! हम उद्धारकर्ता को हमारा सर्वोत्तम बनाने की अनुमति देते हैं । … हम यीशु मसीह के समान बनने का चुनाव करते हैं !”22 परिवर्तन की यह प्रक्रिया, परमेश्वर के वचन से बढ़ती है, इस प्रकार हम स्वर्ग सें जुड़ते हैं ।

अध्यक्ष नेलसन के पश्चाताप करने के निमंत्रण में मुख्य बात चुनने की स्वतंत्रता है । हमें स्वयं के लिए पश्चाताप का चुनाव करना चाहिए । सुसमाचार हमारे हृदयों में बलपूर्वक नहीं डाला जा सकता है । जैसा एल्डर रेनलंड ने कहा था, ”हमारी देख-भाल करने में हमारे स्वर्गीय पिता का लक्ष्य यह नहीं है कि उसके बच्चे जो उचित उसे करें उसके बच्चे उसे चुनें जो उचित है ।”23

Children and Youth कार्यक्रम द्वारा प्रतिस्थापित पहले के कार्यक्रमों में, विभिन्न अवस्थाओं को प्राप्त करने के लिए पूरा करने के लिए 500 से अधिक विभिन्न आवश्यकताएं थीं ।24 आज, आवश्यकरूप से केवल एक है । यह उद्धारकर्ता के समान बनने का चुनाव करने का निमंत्रण देना है । हम पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के शब्द प्राप्त करके और मसीह को हमारा सर्वोत्तम बनने की अनुमति देकर ऐसा करते हैं ।

यह लक्ष्य निर्धारित करने या आत्म सुधार करने के लिए कार्य करने से कहीं अधिक है । लक्ष्य मात्र साधन हैं जो हमें प्रकटीकरण, चुनने की स्वतंत्रता, और पश्चाताप द्वारा—मसीह के निकट आने और उसके सुसमाचार को हमारे हृदयों में गहराई से स्वीकार करने से स्वर्ग से जुड़ने में मदद करते हैं ।

वचनबद्धता और बलिदान- “उन्हें मार्गदर्शन करने दो” 25

अंतत:, यीशु मसीह के सुसमाचार को हमारे हृदयों में गहराई से प्रवेश करने के लिए, हमें इसमें वचनबद्ध होने की आवश्यकता है—इसके लिए हमारा समय और प्रतिभा देने के लिए, इसके लिए बलिदान करने के लिए ।26 हम सभी एक अर्थपूर्ण जीवन जीना चाहते हैं, और यह विशेषकर उभरती पीढ़ी के लिए सच है । वे कुछ करना चाहते हैं ।

यीशु मसीह का सुसमाचार संसार में सर्वोत्तम कारण है कार्य करने के लिए । अध्यक्ष एज्रा टाफ्ट बेनसन ने कहा था: “परमेश्वर ने हमें इस सुसमाचार को संपूर्ण संसार में ले जाने की आज्ञा दी है । यही वह कारण है जो हम सबों को आज एक करता है । केवल सुसमाचार ही संसार को इस आत्म-विनाश की विपत्ति से बचाएगा । सुसमाचार ही सभी जातियों और राष्ट्रों के मनुष्यों को शांति में संगठित करेगा । केवल सुसमाचार मानव परिवार के लिए आनंद, खुशी और उद्धार लाएगा ।”27

एल्डर डेविड ए. बेडनार ने वादा किया था, “जब हम युवाओं को कार्य करने निमंत्रण और मौका देकर उन्हें शक्ति प्रदान करते हैं, तो गिरजा चमत्कारीरूप से आगे विकास करेगा ।”28 बहुत बार हमने युवाओं को मसीह के महान कार्य में बलिदान करने का निमंत्रण नहीं दिया है । एल्डर नील ए. मैक्सवैल ने देखा था, “यदि [हमारे] युवा [परमेश्वर के कार्य द्वारा] बहुत घबरा जाते हैं तो बहुत संभव है वे संसार के कार्य द्वारा घबरा जाएं ।”29

Children and Youth कार्यक्रम युवाओं को शक्ति देने पर ध्यान देता है । वे स्वयं अपने लक्ष्यों का चुनाव करते हैं । परिषदों और कक्षा अध्यक्षताओं को उनकी भूमिका में रखा जाता है । वार्ड युवा समिति, वार्ड समिति के समान, उद्धार और उत्कर्ष पर ध्यान देती है ।30 और परिषदें और कक्षाएं अपनी सभाओं को परमेश्वर ने उन्हें जो काम दिया है, उसे के बारे में सलाह करके आरंभ करती हैं ।31

गिरजे के युवाओं के बारे में अध्यक्ष नेलसन ने कहा था: “यदि आप चुनाव करते हैं, यदि आप चाहते हैं … तो आप कुछ महान, कुछ विशाल, कुछ शानदार करने के लिए महान भागीदार बन सकते हो ।” आप उन सबों में सर्वोत्तम हो जिसे परमेश्वर ने कभी इस संसार में भेजा है । आपके पास किसी भी पिछली पीढ़ियों से अधिक समझदार और अधिक बुद्धिमान होने और संसार में अधिक प्रभाव डालने की शक्ति है ।32 एक अन्य अवसर पर, अध्यक्ष नेलसन ने युवाओं से कहा था: “मुझे आप पर संपूर्ण भरोसा है ।” मैं आपसे प्रेम करता हूं, और प्रभु भी आपसे प्रेम करता है । हम उसके लोग हैं, जो मिलकर उसके कार्य को करते हैं ।33 युवाओं, क्या आप उस भरोसे को महसूस कर सकते हो जो अध्यक्ष नेलसन को आप पर है और आप इस कार्य के लिए कितने महत्वपूर्ण हो ?

माता-पिता और वयस्क मार्गदर्शकों, मैं आपको देखने का निमंत्रण देता हूं कि युवा वैसा करें जैसा अध्यक्ष नेलसन ने कहा है । जब युवा आपके प्रेम और भरोसे को महसूस करते हैं, जब आप उन्हें मार्गदर्शन करने के लिए उत्साहित करते और सीखाते हो—और फिर उनके मार्ग से अलग हो जाते हो---वे आपको सुसमाचार के प्रति उनके ज्ञान, योग्यताओं, और दृढ़ता से चौंका देंगे ।34 वे इस महान कार्य में शामिल होने और बलिदान करने में आनंद को महसूस करेंगे । उसका सुसमाचार उनके हृदयों में अधिक गहराई से प्रवेश करेगा, और यह कार्य अधिक चमत्कारी रूप से आगे बढ़ेगा ।

प्रतिज्ञा और गवाही

मैं वादा करता हूं, जब हम इस महान कार्य के लिए—रिश्ते, प्रकटीकरण, चुनने की स्वतंत्रता, पश्चाताप, और त्याग जैसे नियमों पर पर ध्यान केंद्रित करते हैं—तो यीशु मसीह का सुसमाचार हमारे सभी के हृदयों में गहरा प्रवेश कर जाएगा । हम पुनास्थापना को इसके अंतिम उद्देश्य में, इस्राएल की मुक्ति और सिय्योन की स्थापना के लिए आगे बढ़ते हुए देखेंगे, 35 जहां मसीह राजाओं के राजा के रूप में शासन करेगा ।

मैं गवाही देता हूं कि परमेश्वर अपने लोगों को उस दिन के तैयार करने सभी आवश्यक बातों को करना जारी रखेगा । हम उसके हाथ को इस कार्य में देखें जब हम सब मिलकर “मसीह के निकट आएंगे और उसमें परिपूर्ण बनेंगे ।”36 यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।

विवरण

  1. देखें सिद्धांत और अनुबंध 45:12। अध्यक्ष नेलसन ने कहा: “बस उत्तेजना और यह सब की तात्कालिकता के बारे में सोचो: हर आदम के साथ शुरू भविष्यवक्ता हमारे दिन देखा है । और हर भविष्यवक्ता हमारे दिन के बारे में बात की है, जब इस्राएल इकट्ठा किया जाएगा और दुनिया उद्धारकर्ता के द्वितीय आगमन के लिए तैयार किया जाएगा । इस पर विचार करें ! सभी लोग हैं, जो कभी ग्रह पृथ्वी पर रहते हैं, हम जो इस अंतिम, महान सभा घटना में भाग लेने के लिए मिल रहे हैं । यह बहुत शानदार है !Russell M. Nelson, “Hope of Israel” (worldwide youth devotional, June 3, 2018), HopeofIsrael.ChurchofJesusChrist.org.

    एल्डर जैफ्री आर. हॉलैंड ने सीखाया था:

    “हम बहुत शानदार समय में रहते हैं !

    “यीशु मसीह का सुसमाचार सबसे निश्चित, सबसे सुरक्षित, सबसे विश्वसनीय, और पृथ्वी पर और स्वर्ग में, समय में और अनंत काल में सबसे फायदेमंद सत्य है। कुछ भी नहीं, कोई नहीं, कोई प्रभाव नहीं - इस गिरजे को अपने मिशन को पूरा करने और दुनिया की नींव के सामने से घोषित अपने भाग्य को साकार करने से रखेगा। … भविष्य के बारे में डरने या अंतरिम होने की कोई जरूरत नहीं है ।

    “हमारे सामने हर दूसरे युग के विपरीत, इस व्यवस्था को एक संस्थागत स्वधर्म त्याग का अनुभव नहीं होगा; यह पौरोहित्य कुंजियों का नुकसान नहीं देखेंगे; यह सर्वशक्तिमान परमेश्वर की वाणी से प्रकटीकरण की समाप्ति का सामना नहीं करेगा। … रहने के लिए बहुत शानदार समय होगा !

    “… यदि आप ने ध्यान नहीं दिया है, मैं अंतिम दिनों के बारे में तेजी हूं । … विश्वास करें । खड़े हों । विश्वासी रहें । और उस शानदार समय का उपयोग करें जिसमें हम रहते हैं !” (Facebook post, May 27, 2015; “Be Not Afraid, Only Believe” [address to Church Educational System religious educators, Feb. 6, 2015], broadcasts.ChurchofJesusChrist.org भी देखें) ।

  2. देखें यूहन्ना 1:12

  3. कुछ ही समय बाद हमें युवा पुरुषों महा अध्यक्षता के रूप में नियुक्त किया गया था, अध्यक्ष हेनरी बी आएरिंग हमारे साथ अद्वितीय चुनौतियों और अवसरों गिरजे के युवाओं का सामना आज चर्चा की । उन्होंने हमें सलाह दी कि हम उन बातों पर ध्यान केंद्रित करें जो यीशु मसीह के सुसमाचार को उनके दिलों में गहरे ले जाने में मदद करेंगे। यह सलाह हमारे लिए युवा युवकों के अध्यक्ष पद के रूप में मार्ग दिखाती रही है ।

  4. देखें “उनके साथ रहें ,” ChurchofJesusChrist.org/callings/aaronic-priesthood-quorums/my-calling/leader-instruction/be-with-them.

  5. देखें मुसायाह 18:25; मुसायाह 6:5

  6. डेल जी. रेडलंद, “परमेश्वर के आँखों द्वारा ,” Liahona, Nov. 2015, 94; देखें भी मूसा 1:4–6.

    अध्यक्ष थॉमस एस. मानसेन ने सिखाया: “हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम व्यक्तियों को वैसा न देखें जैसा वे हैं, बल्कि वे कैसे बन सकते हैं। मैं आपसे इस तरह से सोचने के लिए विनती करता हूं।” (“See Others as They May Become,” Liahona, Nov. 2012, 70).

    एल्डर नील ए. मैक्सवेल ने सिखाया, “अक्सर, गिरजे मानकों के साथ एक युवा व्यक्ति की जावक गैर-अनुपालन , या उसके प्रतीत होने वाले टकराव वाले प्रश्न, या उसके व्यक्त संदेह उसे जल्दी से लेबल करते हैं। परिणाम दूरी और, कभी-कभी, असहमति से ठुकराना हो सकते हैं। सच्चा प्रेम लेबल की तरह नहीं होता है !” (“Unto the Rising Generation,” Ensign, Apr. 1985, 9).

  7. देखें 2 राजा 6:17

  8. स्टीफन एल. रिर्चड, ने प्रथम अध्यक्षता के सदस्य के रूप में, कहा था: “विचार करने का उच्चतम प्रकार यह है कि जिस वह दूसरों में देखता है और उनके लिए उनके उस बेहतर स्वभाव को प्रकट करता है, जो उनके भीतर अच्छा है” (in Conference Report, Apr. 1950, 162; in David A. Bednar, “Quick to Observe,” Ensign, Dec. 2006, 35). 2 राजा 6:17 भी देखें ।

  9. हेनरी बी. इयरिंग , “शिक्षण एक नैतिक अधिनियम है” (address at Brigham Young University, Aug. 27, 1991), 3, speeches.byu.edu; emphasis added; see also Henry B. Eyring, “Help Them Aim High,” Liahona, Nov. 2012, 60–67.

  10. देखें मूसा 1: 3-6

  11. मुसायाह 18:21;देंखें मूसा 7:18

  12. “युवा पुरुष जिनके पास एक सक्रिय [लैटर-डे सेंट] परिवार, साथियों और नेताओं के साथ मजबूत, सकारात्मक संबंध हैं, जो उन्हें अपने स्वर्गीय पिता के साथ संबंध विकसित करने में मदद करते हैं, उनके सक्रिय रहने की सबसे अधिक संभावना है। विशिष्ट कार्यक्रम तत्व- जैसे कि रविवार का पाठ्यक्रम, [युवा पुरुष] गतिविधि कार्यक्रम, व्यक्तिगत उपलब्धि की उम्मीदें … इन रिश्तों के बिना काम प्रभावशाली होगा। महत्वपूर्ण प्रश्न यह नहीं है कि कैसे पूरी तरह से विशिष्ट कार्यक्रम तत्वों को लागू कर रहे हैं, लेकिन कैसे वे उन सकारात्मक संबंधों में योगदान करते हैं जो [अंतिम-दिनों के संत] युवकों की धार्मिक पहचान को मजबूत बनाते हैं” (“Be with Them,” ChurchofJesusChrist.org/callings/aaronic-priesthood-quorums/my-calling/leader-instruction/be-with-them में) ।

  13. देखें “Connect Them with Heaven,” ChurchofJesusChrist.org/callings/aaronic-priesthood-quorums/my-calling/leader-instruction/connect-them-with-heaven.

  14. देखें यूहन्ना15:1–5; 17:11; फिलिपियों 4:13; 1 यूहन्ना 2:6; याकूब 1:7; ओमनी 1:26; मोरोनी 10:32

  15. धर्मशास्त्र इसके उदाहरणों से भरे हैं; यहाँ सिर्फ दो हैं: 1 नफ़ी 2:16; इनोस 1:1–4.

  16. देखें लूका 24:32; 2 नफी 33:1–2; याकूब 3:2; मोरोनी 8:26; सिद्धांत और अनुभव 8:2–3

  17. देंखें 2 तिमुथियुस 3:15–16; सिद्धांत और अनुबंध 68:3-4, 66; 113:510।; 88:66113:10

  18. देखें 1 थिस्सलुनीकियों 1:5; अलमा 26:13; 31:5; हिलामन 3:29; 5:17; सिद्धांत और अनुबंध 21:4–6; 42:61; 43:8–10; 50:17–22; 68:4

  19. देखें यूहन्ना 6:63; 17:17; अलमा 5:7; सिद्धांत और अनुबंध 84:43–45; 88:66; 93:36

  20. देखें यूहन्ना 15:3; 1 पतरस 1:23; मुसायाह 1:5; अलमा 5:7, 11–13; 32:28, 41–42; 36:26; 62:45; हिलामन 14:13

  21. देखें 325 ।2 नफी 31:19-21;32:3, 5

  22. रसल एम. नेलसन, “We Can Do Better and Be Better,” Liahona, May 2019, 67.

  23. डेल जी. रेडलंद , “Choose You This Day,” Liahona, Nov. 2018, 104.

  24. इस आंकड़े स्काउटिंग कार्यक्रम की आवश्यकताओं में शामिल है, जब तक ये लड़कों और युवकों के लिए गिरजे की गतिविधि कार्यक्रम का हिस्सा थे, मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में हैं । उन क्षेत्रों में जिन्होंने स्काउटिंग में भाग नहीं लिया, यह संख्या 200 से अधिक थी । इसके अलावा, लड़कों, लड़कियों, युवकों और युवतियों के लिए विभिन्न गतिविधि कार्यक्रमों को अलग ढंग से बनाया गया था, जिसके पूरे अनुभव को परिवारों के लिए अधिक जटिल बना दिया गया था ।

  25. देखें “Let Them Lead,” ChurchofJesusChrist.org/callings/aaronic-priesthood-quorums/my-calling/leader-instruction/let-them-lead.

  26. देखें ओमनी 1:26; 3 नफी 9:20; 12:19; सिद्धांत और अनुबंध 64:34. “ऐसा धर्म है जिसमें सभी बातों का बलिदान की आवश्यकता नहीं होती है उसके पास जीवन और उद्धार के लिए आवश्यक विश्वास का उत्पादन करने की शक्ति कभी पर्याप्त नहीं होती है” (Lectures on Faith [1985], 69) ।

  27. Ezra Taft Benson, The Teachings of Ezra Taft Benson (1988), 167; in Preach My Gospel: A Guide to Missionary Service (2019), 13; see also Russell M. Nelson, “Hope of Israel,” HopeofIsrael.ChurchofJesusChrist.org.

  28. Meeting with Elder David A. Bednar; देखें भी “2020 Temple and Family History Leadership Instruction,” Feb. 27, 2020, ChurchofJesusChrist.org/family-history.

  29. Neal A. Maxwell, “Unto the Rising Generation,” 11. एल्डर मैक्सवेल ने आगे कहा: “कार्य करने के लिए, केवल किसी को प्रार्थना करने या प्रभु-भोज या वितरित करने में कितने डीकनों और शिक्षकों परिषद अध्यक्षताओं में की नियुक्ति शामिल है ? भाइयों, ये वास्तव में विशेष आत्माओं हैं, और वे महत्वपूर्ण काम कर सकते है यदि उन्हें एक मौका दिया जाए !

  30. See General Handbook: Serving in The Church of Jesus Christ of Latter-day Saints, 2.2, ChurchofJesusChrist.org.

  31. Gospel Library में बहुत से साधन उपलब्ध हैं देखें “Quorum and Class Presidency Resources,” आओ, मेरा अनुसरण करो--का उपयोग करना“Ward Callings में हारूनी पौरोहित्य परिषदों और युवतियों की कक्षाओं के लिए और युवतियों और हारूनी पौरोहित्य परिषदों साधनों में ।

  32. Russell M. Nelson, “Hope of Israel,” HopeofIsrael.ChurchofJesusChrist.org. इसी सभा के दौरान अध्यक्ष नेलसन ने कहा: “हमारे स्वर्गीय पिता ने अपनी कई सबसे महान आत्माओं को सुरक्षित रखा है- शायद, मैं कह सकता हूं, उसका बेहतरीन समूह- इस अंतिम चरण के लिए । वे महान आत्माएं वे बेहतरीन खिलाड़ी, वे नायक-आप हो !

  33. Russell M. Nelson, opening remarks in “Children and Youth: A Face to Face Event with Elder Gerrit W. Gong,” Nov. 17, 2019, broadcasts.ChurchofJesusChrist.org.

  34. अध्यक्ष नेलसन ने कहा था: “हमें युवाओं का मार्गदर्शन करने की जरूरत है, विशेष रूप से उन लोगों को जिन्हें कक्षा और परिषद अध्यक्षताओं में सेवा करने के लिए नियुक्त किया गया है और पृथक किया गया है । उन्हें पौरोहित्य अधिकार दिया जाएगा । वे सीखेंगे कि अपनी कक्षा या परिषद का मार्गदर्शन करने में प्रेरणा कैसे प्राप्त की जाए “ (in “Children and Youth Introductory Video Presentation,” Sept. 29, 2019, ChurchofJesusChrist.org).

    एल्डर क्वेंटिन एल कुक ने कहा, “हमारे युवाओं को छोटी उम्र में अधिक व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने के लिए कहा जा रहा है-माता-पिता और मार्गदर्शकों के बिना युवा अपने लिए क्या कर सकते हैं (“Adjustments to Strengthen Youth,” Liahona, Nov. 2019, 40) ।

  35. “परमेश्वर ने इस युग के लिए आत्माओं को सुरक्षित रखा है जिनके पास संसार का सामना करने का साहस और दृढ़ संकल्प है, और बुराई की सभी शक्तियां, दृश्यमान और अदृश्य, सुसमाचार का प्रचार करने और सच्चाई को बनाए रखने और सभी परिणामों से निडर हमारे परमेश्वर के सिय्योन को स्थापित करने और बनाने के लिए । उसने इस पीढ़ी में इन आत्माओं को सिय्योन की नींव रखने और एक ऐसे वंश को उठाने के लिए भेजा है जो धर्मी होगा, और परमेश्वर का सम्मान करेगा, और उसे सर्वोच्च रूप से सम्मान देगा, और सभी परिस्थितियों में उसका आज्ञाकारी होगा (“Remarks,” Deseret News, May 31, 1866, 203); Teachings of Presidents of the Church: Joseph Smith (2007), 186 भी देखें ।

  36. मरोनी 10:32