2010–2019
हमारे विश्वास की कैंपफायर
अक्टूबर 2018


हमारे विश्वास की कैंपफायर

जो इसे खोजते, इसकी अनुमति देते, इसे पाने के लिये जीते हैं, विश्वास का सवेरा, कभी-कभी धीरे-धीरे, आएगा या लौट सकता है ।

प्रिय भाइयों और बहनों, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन और हमारे गिरजे के मार्गदर्शकों के माध्यम से स्वर्ग से निरंतर प्रकटीकरण प्राप्त करना आश्चर्यजनक है जो हमें, घर में और गिरजे में, अपने संपूर्ण हृदय, मन, और बल से नये और पवित्र तरीकों1 से जीने का निमंत्रण देते हैं ।

क्या आपको कभी ऐसा कार्य करने का मौका मिला है जिसके लिये आप तैयार न हों या अयोग्य महसूस किया हो लेकिन प्रयास करने से आप आशीषित हुए थे ?

मुझे मिला है । एक उदाहरण इस प्रकार है ।

कुछ वर्ष पहले, एल्डर रिचर्ड जी. स्कॉट, बारह प्रेरितों की परिषद के सदस्य ने, निमंत्रण दिया, “गैरिट, क्या आप मेरे साथ चित्रकारी करना चाहोगे ?”

एल्डर स्कॉट ने कहा चित्रकारी करने से उन्हें एकाग्र होने और रचना करने में मदद मिलती थी । उन्होंने लिखा था : “रचनात्मक बनने का प्रयास करो, बेशक परिणाम साधारण हों । ... रचनात्मकता जीवन के लिये और जिससे प्रभु ने आपको आशीषित किया है उसके लिये आभार की आत्मा को पैदा करती है । ... यदि आप बुद्धिमानी से चुनाव करते हो, तो इसमें अधिक समय नहीं लगता है ।”2

अध्यक्ष हेनरी बी. आएरिंग अपने रचनात्मक विचारों को “प्रेम की अनुभूति के द्वारा” प्रेरित बताते हैं, “सृष्टिकर्ता का प्रेम जो अपने बच्चों से उसके समान बनने की आशा करता है—रचने और निर्माण करने के लिये ।”3 अध्यक्ष आएरिंग के रचनात्मक कार्य “गवाही और विश्वास पर अद्वितीय, आत्मिक दृष्टिकोण उपलब्ध कराते हैं ।”4

अध्यक्ष बोएड के. पैकर की चित्रकारी मौलिक सुसमाचार संदेश को प्रदर्शित करती है: “परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी और उनमें सब वस्तुओं सृष्टिकर्ता है, कि संपूर्ण प्रकति उस दिव्य निर्देशित रचना की गवाही देती है, और कि प्रकृति, विज्ञान, और यीशु मसीह के सुसमाचार की बीच संपूर्ण ताल-मेल है ।”5

अलमा प्रमाणित करता है, “सभी चीजें सूचित करती हैं कि परमेश्वर है ।”6 हमारे प्राथमिक बच्चे गाते हैं, “जब कभी मैं चिड़िया को गाते सुनता या नीले आकाश को देखता हूं, ... मैं खुश होता हूं कि मैं उस सुंदर संसार में रहता हूं जिसे स्वर्गीय पिता ने मेरे लिये रचा है ।”7 लेखक विक्टर हूगो “इस विशाल विश्व में, सूर्य से मामूली कीड़े तक, सब प्राणियों और वस्तुओं के बीच चमत्कारी संबंधों की व्याख्या करते हैं । ... सभी उड़ते पक्षियों में परमेश्वर का अंश है । ... तारों का झूंड चिंटियों की बांबी है ।”8

और यह कथन हमें वापस एल्डर स्कॉट के निमंत्रण को ले जाता है ।

“एल्डर स्कॉट,” मैंने जवाब दिया, “मैं देखकर अधिक चौकस और रचनात्मक बनना चाहता हूं । मैं स्वर्गीय पिता को आकाश और पानी के प्रत्येक रंग की चित्रकारी की कल्पना करके रोमांचित हूं । “लेकिन,” मैं झिझका, “एल्डर स्कॉट,” मैंने कहा, “मेरे पास चित्रकारी का हुनर नहीं है । मुझे चिंता है कि आपको मुझे सीखाने में निराशा हो सकती है ।”

एल्डर स्कॉट मुस्कराए और हमारे मिलने का समय तय किया । तय दिन, उन्होंने कागज, रंग, और ब्रुश को तैयार किए । उन्होंने कुछ रूपरेखा बनाई और मेरे लिये कागज गीला करने में मदद की ।

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सूर्यास्त पर कैंपफायर

हमने नमूने के लिये उनकी चित्रकारी सूर्यास्त पर कैंपफायर का उपयोग किया था । जब हमने चित्रकारी की, हमने विश्वास के विषय में बात की—कैसे हम कैंपफायर की ज्योति और गर्माहट को देखते हैं, हम अंधकार और अनिश्चितता को भूल जाते हैं—कैसे, कभी कभी, लंबी, सुनसान रातें को, हमारे विश्वास का कैंपफायर आशा और आश्वासन दे सकता है । और सवेरा अवश्य होता है । हमारे विश्वास का कैंपफायर—हमारी यादें, अनुभव, और परमेश्वर की भलाई और हमारे जीवन में दया में विश्वास की विरासत ने—हमें कठिन समयों में मजबूत किया है ।

उनके लिये मेरी गवाही है, जो इसे खोजते, इसकी अनुमति देते, इसे पाने के लिये जीते हैं, विश्वास का सवेरा, कभी-कभी धीरे-धीरे, आएगा या लौट सकता है । ज्योति आएगी, जब हम इसकी इच्छा करते और खोजते हैं, जब हम परमेश्वर की आज्ञाओं के प्रति धैर्यवान और आज्ञाकारी होते, जब हम परमेश्वर की दया, चंगाई, और अनुबंधों को स्वीकार करते हैं ।

जब हमने चित्रकारी आरंभ की, एल्डर स्कॉट ने उत्साहित किया, “गैरिट, एक पाठ से भी जिसकी आप चित्रकारी करोगे कुछ ऐसा होगा जिसे आप याद रखना चाहोगे ।” एल्डर स्कॉट सही थे । हमारे विश्वास की कैंपफायर की चित्रकारी जिसे बनाने में एल्डर स्कॉट ने मेरी मदद की थी मैं उसे संजोकर रखता हूं । मेरी चित्रकारी योग्यता सीमित थी और रहेगी, लेकिन हमारे विश्वास की कैंपफायर की यादें हमें पांच तरीकों से उत्साह दे सकती है ।

पहला, हमारे विश्वास की कैंपफायर हमें संपूर्ण रचना में आनंद पाने के लिये उत्साहित कर सकता है ।

उचित नये कामों की कल्पना करने, सीखने, करने में आनंद मिलता है । यह विशेषकर सत्य है जब हम स्वर्गीय पिता और उसके पुत्र, यीशु मसीह में विश्वास और भरोसे को बढ़ाते हैं । हम स्वयं से उतना प्रेम नहीं कर सकते हैं कि हम स्वयं को बचा सकें । लेकिन स्वर्गीय पिता हम से उससे अधिक प्रेम करता और हमें जानाता है जितना हम स्वयं से प्रेम करते या स्वयं को जानते हैं । हम प्रभु पर भरोसा कर सकते हैं और अपनी स्वयं के समझदारी का सहारा नहीं लेते ।9

क्या आप कभी किसी के जन्मदिन पर एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिसे निमंत्रण नहीं दिया गया ?

क्या आपको कभी आखिर में चुना गया, या नहीं चुना गया, जब टीमें चुनी गई थी ?

क्या अपने स्कूल का टेस्ट, नौकरी का साक्षात्कार, ऐसे अवसर की तैयारी की है जिसे आप सचमुच में चाहते थे—और आपने महसूस किया आप असफल हो गए ?

क्या आपने उस संबंध के लिये प्रार्थना की है जो, किसी भी कारण से, ठीक से निभाया नहीं गया ?

क्या आपने पुराने रोग का सामना किया है, पति/पत्नी द्वारा त्याग दिया गया है, अपने परिवार के लिये कष्ट सहा है ?

हमारा उद्धारकर्ता हमारी परिस्थितियां जानता है । जब हम परमेश्वर से प्राप्त स्वतंत्रता और मानवता और विश्वास में अपनी योग्यता का उपयोग करते हैं, तो हमारा उद्धारकर्ता, यीशु मसीह, जीवन की चुनौतियों और आनंद का अनुभव करने में हमारी मदद कर सकता है । विश्वास में भरोसा करने इच्छा और चाहत शामिल होती है । विश्वास परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने से भी आता है, जोकि हमें आशीषित करने को दिये हैं जब हम उसके अनुबंधित मार्ग पर चलते हैं ।

जब हमने अनिश्चितता, अकेलापन, हताशा, क्रोध, हार, या निराशा, परमेश्वर और उसके गिरजे से अलगाव, को महसूस किया है, या महसूस करते हैं, तो उनके लिये उसके अनुबंधित मार्ग में फिर से प्रवेश करने के लिये अतिरिक्त प्रयास और विश्वास की आवश्यकता हो सकती है । लेकिन यह इसके लायक है ! कृपया आओ, या वापस आओ, प्रभु यीशु मसीह के पास ! परमेश्वर का प्रेम मृत्यु के फंदे से अधिक मजबूत है—संसारिक या आत्मिक ।10 हमारे उद्धारकर्ता का प्रायश्चित असीमित और अनंत है । हम में से प्रत्येक संदेह करता और असफल होता है । हम शायद, कुछ समय के लिये, अपने मार्ग से भटक सकते हैं । प्रिय परमेश्वर हमें दिलासा देता है, चाहे हम कहीं भी हों या हमने कुछ भी किया हो, हम सदैव उसकी ओर लौट सकते हैं । वह हमें गले लगाने को तैयार है ।11

दूसरा, हमारे विश्वास की कैंपफायर हमें नये, उच्च, और आत्म से परिपूर्ण पवित्र तरीकों से सेवकाई करने के लिये उत्साहित कर सकती है ।

इन तरीकों से चमत्कार और अनुबंधों की आशीषें आती हैं—जहां हम परमेश्वर के प्रेम को महसूस करते और उस आत्मा में अन्यों की सेवकाई करने का प्रयास करते हैं ।

हाल ही में, बहन गोंग और मैं एक पिता और परिवार से मिले थे जो उस विश्वासी पौरोहित्य भाई से आशीषित हुआ था जो उनके धर्माध्यक्ष के पास आया और पूछा क्या वह उस पिता का गृह-शिक्षक साथी बन सकता था । यह पिता सक्रिय नहीं था और गृह शिक्षा में दिलचस्पी नहीं रखता था । लेकिन, जब पिता का हृदय परिवर्तन हुआ, वह और इस प्रेमी पौरोहित्य भाई ने “उनके” परिवारों से मुलाकात करना आरंभ किया । इस प्रकार की एक मुलाकात के बाद, उसकी पत्नी—जो तब स्वयं भी गिरजा नहीं जाती थी—ने अपने पति से पूछा कैसा चल रहा था । पिता ने स्वीकार किया, “मैंने कुछ नया महसूस किया है”—फिर किचन में बियर लेने चला गया ।12

लेकिन एक के बाद दूसरी बात होती है: आत्मिक अनुभव, सेवकाई, हृदय परिवर्तन, मंदिर तैयारी कक्षा, गिरजा आना, पवित्र मंदिर में एक परिवार के तौर पर मुहरबंद होना । कल्पना करें बच्चे और नाती/पोते अपने पिता और मां के कितने आभारी हैं, और उसे सेवा करने वाले भाई के, जो मित्र और साथी के रूप में दूसरों से प्रेम और सेवा करने, उनके पिता के साथ आया था ।

विश्वास की तीसरी कैंपफायर का प्रोत्साहन: रचनात्मक सुसमाचार आनंद और आशीषें आती हैं जब हम प्रभु और दूसरों को अपने सारे मन और अपने सारे प्राण से प्रेम करने का प्रयास करते हैं ।

धर्मशास्त्र हमें अपने सारे प्रयासों को प्रेम और सेवा की वेदी पर रखने के लिये निमंत्रण देते हैं । पुराने नियम में, व्यवस्थाविवरण हमें प्रभु हमारे परमेश्वर से अपनी सारे मन, अपने सारे प्राण, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम करने की सलाह देते हैं ।13 यहोशू उपदेश देता है, “प्रभु अपने परमेश्वर से प्रेम रखो, उसके सारे मार्गों पर चलो, उसकी आज्ञाएं मानो, उसकी भक्ति में लौलीन रहो, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी सेवा करो ।”14

नये नियम में, हमारा उद्धारकर्ता दो महान आज्ञाएं बताता है : “तुम प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख; और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख ।”15

यीशु मसीह के अन्य नियम, मॉरमन की पुस्तक में: राजा बिन्यामीन ने “अपने शरीर की संपूर्ण शक्ति और अपने संपूर्ण प्राण की क्षमता” से परिश्रम किया और प्रदेश में शांति स्थापित की थी ।16 सिद्धांत और अनुबंध में, जैसा प्रत्येक प्रचारक जानता है, प्रभु हमें “अपने संपूर्ण हृदय, सामर्थ्य, मन, और शक्ति से उसकी सेवा” करने को कहता है ।17 जब संतों ने जैक्सन प्रांत में प्रवेश किया था, प्रभु ने उन्हें सब्त का दिन पवित्र रखने की आज्ञा दी थी, “प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय, अपनी सारी शक्ति, बुद्धि, और प्रेम से रखोगे; और यीशु मसीह के नाम में उसकी सेवा करोगे ।”18

हम अपने सारे प्राणों को उच्च और पवित्र तरीकों से परमेश्वर और अपने आस-पास के लोगों से प्रेम की खोज में समर्पित करने और हमारे हृदयों और हमारे घरों और गिरजे में स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह में हमारे विश्वास को मजबूत करने के निमंत्रण में आनंदित होते हैं ।

चौथा, हमारे विश्वास की कैंपफायर हमें धार्मिक जीवन का नियमित नमूना स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित करता है जो विश्वास और आत्मिकता को गहरा करता है ।

ये पवित्र आदतें, धार्मिक दिनचर्या, या प्रार्थनापूर्ण नमूने में शामिल हो सकते हैं प्रार्थना, धर्मशास्त्र अध्ययन, उपवास, प्रभु-भोज की विधि के माध्यम से हमारे उद्धारकर्ता और अनुबंधो को याद करना, प्रचारक, मंदिर और पारिवार इतिहास, और सेवाओं द्वारा सुसमाचार आशीषों को साझा करना, अपने आत्मिक विचारों की दैनिकी रखना, और इत्यादि ।

जब धार्मिक नमूने और आत्मिक इच्छाएं मिलती हैं, तो समय और अनंतता एकसाथ मिलते हैं । आत्मिक ज्योति और जीवन आते हैं जब नियमित धार्मिक अनुसरण हमें हमारे स्वर्गीय पिता और हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह के निकट ले जाते हैं । जब हम व्यवस्था की आत्मा और शब्द से प्रेम करते हैं, तो अनंतकाल की बातें हमारी आत्माओं पर स्वर्ग से ओस के समान टपकती हैं ।19 प्रतिदिन की आज्ञाकारिता और ताजे जीवन के जल के साथ, हमें प्रतिदिन की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये जवाब, विश्वास, और बल, और सुसमाचार के साथ धैय, दृष्टिकोण, और आनंद के अवसर मिलते हैं ।

पांचवां, जब हम परमेश्वर से प्रेम करने के लिये नये और पवित्र तरीकों को पाने का प्रयास करते हुए परिचित नमूनों के सर्वोत्तम का पालन करते हैं और स्वयं की मदद और दूसरों को उससे मिलने को तैयार करते हैं, तो हमारे विश्वास की कैंपफायर हमें स्मरण कराने को उत्साहित कर सकती है कि परिपूर्णता मसीह में है, स्वयं हम में या संसारिक परिपूर्णता में नहीं ।

परमेश्वर के निमंत्रण प्रेम और संभावनाओं से भरे हैं क्योंकि यीशु मसीह ही “मार्ग, सच्चाई, और जीवन है ।”20 उन्हें जो बोझ से दबा महसूस करते हैं, वह निमंत्रण देता है, “मेरे पास आओ,” और वे जो उसके निकट आते हैं, वह प्रतिज्ञा करता है, “मैं तुम्हें विश्राम दूंगा ।”21 “मसीह के पास आओ, और उसमें परिपूर्ण बनो, . . . परमेश्वर से अपनी योग्यता, बुद्धि और बल से प्रेम करो, तब उसका अनुग्रह तुम्हारे लिये पर्याप्त है, जिससे कि उसके अनुग्रह द्वारा तुम मसीह में परिपूर्ण हो सको ।”22

इस आश्वासन “उसके अनुग्रह द्वारा तुम मसीह में परिपूर्ण हो सको” में दिलासा, शांति, और प्रतिज्ञा भी है कि हम प्रभु में विश्वास और भरोसे के साथ निरंतर आगे बढ़ सकते हैं, तब भी जब हालात वैसे नहीं होते हैं जैसा हम आशा करते, चाहते, या शायद जिसके लायक होते हैं, जिसमें हमारी कोई गलती नहीं होती है, बेशक हमने अपना सर्वोत्तम किया हो ।

कई बार और तरीकों में, हम सब अपर्याप्त, अनिश्चित, शायद अयोग्य महसूस करते हैं । फिर भी, परमेश्वर से प्रेम करने और अपने पड़ोसी की सेवा करने में हमारे विश्वासपूर्ण प्रयासों में, हम परमेश्वर के प्रेम और आवश्यक प्रेरणा को उनके और हमारे जीवनों में नये और पवित्र तरीकों से महसूस कर सकते हैं ।

करूणा के साथ, हमारा उद्धारकर्ता उस्ताहित और प्रतिज्ञा करता है कि हम “मसीह में दृढ़ता से ... आशा की परिपूर्ण चमक, और परमेश्वर और सभी मनुष्य से प्रेम करते हुए आगे बढ़”23 सकते हैं । हमारे उद्धारकर्ता मसीह के प्रायश्चित का सिद्धांत, और उसके अनुबंधित मार्ग के प्रति हमारी संपूर्ण आज्ञाकारिता हमें उस सच्चाइयां जानने में मदद और स्वतंत्र करती हैं ।24

मैं गवाही देता हूं उसके सुसमाचार की परिपूर्णता और सुख की उसकी योजना पुनास्थापित किए गए हैं और अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे में, पवित्र धर्मशास्त्रों में, और भविष्यवक्ताओं द्वारा सीखाए जाते हैं भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ से लेकर आज अध्यक्ष रसल एम. नेलसन तक । मैं गवाही देता हूं उसके अनुबंधित मार्ग महानत्तम उपहारों की ओर ले जाते हैं जिसका वादा हमारे प्रिय स्वर्गीय पिता करते हैं: “तुम्हें अनंत जीवन मिलेगा ।”25

मैं आशा करता हूं उसकी आशीषें और निरंतर आनंद हमारा होगा, जब हम अपने हृदयों और आशाओं और प्रतिबद्धता को हमारे विश्वास की कैंपफायर के निकट मजबूत करते हैं, मैं यीशु मसीह के आशीषित और पवित्र नाम में प्रार्थना करता हूं, आमीन ।