2010–2019
परमेश्वर के साथ भागीदारी में अनुबंधित स्त्रियां
अक्टूबर 2019 महा सम्मेलन


परमेश्वर के साथ भागीदारी में अनुबंधित स्त्रियां

परमेश्वर के साथ भागीदारी में अनुबंधित महिला बनकर परमेश्वर की महान और अच्छी बेटियों ने हमेशा पालन-पोषण, मार्गदर्शन, और सेवा की है ।

आप, परमेश्वर की अनुबंधित बेटियों को संबोधन करने की आशीष के लिये मैं आभारी हूं । आज शाम, मेरा उद्देश्य आपको इस महान सेवा में प्रोत्साहित करना है जिसके लिये आप नियुक्त की गई हैं । हां, मेरी आवाज को सुनने वाली परमेश्वर की प्रत्येक बेटी को प्रभु यीशु मसीह की ओर से नियुक्त किया गया है ।

आपकी नियुक्ति उस समय आरंभ हुई थी जब आपको नश्वरता में भेजा गया था, परमेश्वर द्वारा ऐसा स्थान और समय आपके लिये चुना गया जो आपको अच्छी तरह से जानता है और आपको अपनी बेटी के रूप में प्रेम करता है । आत्मिक संसार में, वह आपको जानता था और आपको सीखाया था और आपको ऐसे स्थान पर रखा है जहां आपको बपतिस्मे के कुंड में आने का निमंत्रण दिया जाएगा । जहां, आप यीशु मसीह के नियुक्त सेवकों से इन शब्दों को सुनेंगी: “यीशु मसीह का जो अधिकार मुझे दिया गया है, मैं तुम्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा देता हूं । आमीन ।”1

जब आप पानी से बाहर निकली थी, आपने सेवा करने की अन्य नियुक्ति स्वीकार की थी । परमेश्वर की नई अनुबंधित बेटी के रूप में, आपने प्रतिज्ञा की थी और अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे में जिम्मदारी स्वीकार की थी, फिर जिसके लिये आपकी पुष्टी की गई थी । आपने परमेश्वर से यीशु मसीह के नाम को अपने ऊपर धारण करने, उसकी आज्ञाओं का पालन करने, और उसकी सेवा करने का अनुबंध किया था ।

वह प्रत्येक जो यह अनुबंध बनाता है, प्रभु उन सभी को उनकी योग्यता के अनुसार सेवा करने के लिये नियुक्त करता है । परमेश्वर के अनुबंधित बेटियां और बेटे, हालांकि, सभी एक महत्वपूर्ण और आनंददायक नियुक्ति को साझा करते हैं । यह उसके लिये दूसरों की सेवा करना है ।

बहनों से बात करते हुए, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने आपको अपने काम में शामिल होने के लिए प्रभु के आह्वान का एक अद्भुत सारांश दिया था: अध्यक्ष नेलसन आपकी नियुक्ति को इस प्रकार बताते हैं: “प्रभु ने कहा था, ‘मेरा कार्य और महिमा मनुष्य के लिये नश्वरता और अनंत जीवन लाना है ।’मूसा 1:39 । इसलिये उसकी निष्ठावान बेटी-शिष्या वास्तव में कह सकती है, ‘मेरा कार्य और मेरी महिमा अपने प्रियजनों को उस स्वर्गीय लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता करना है ।’

“अन्य मनुष्य की उसके स्वर्गीय संभावना तक पहुंचने में मदद करना स्त्री के दिव्य उद्देश्य का हिस्सा है । मां, शिक्षिका, या षोषण करने वाली संत के रूप में, वह जीवित मिट्टी को अपनी आशा के अनुरूप ढालती है । परमेश्वर के साथ भागीदारी में, उसका दिव्य लक्ष्य आत्माओं को जीने और व्यक्तियों को उत्कर्ष प्राप्त करने में मदद करना है । यह उसको बनाने का लक्ष्य है । यह वैभवशाली, शिक्षाप्रद, और सराहनीय है ।”2

आप नहीं जान सकते कब, या कितने समय तक, मां, मार्गदर्शक, या सेवा करने वाली बहन के रूप में आपकी नियुक्ति सेवा पर केंद्रित रहेगी । प्रभु, प्रेमवश, हमारे कार्य का समय, अवधि, या क्रम का चुनाव करना हमें नहीं देता है । फिर भी आप धर्मशास्त्र और जीवित भविष्यवक्ताओं से जानते हैं कि उसके ये सब कार्य परमेश्वर की प्रत्येक बेटी को सौंपे जाएंगे, चाहे इस जीवन में या अगले जीवन में । और ये सब अनंत जीवन में प्रिय परिवार की तैयारी के लिये हैं—“जोकि परमेश्वर के सभी उपहारों में महानत्तम है ।” 3

आप अंत को ध्यान में रखकर अभी समझदारी से तैयार होने के लिये हर संभव प्रयास करेंगी । इस कार्य को सरल बनाया गया है क्योंकि इनमें से प्रत्येक कार्य के लिये लगभग एक जैसी तैयारी की जरूरत है ।

हम सेवकाई बहन होने की जिम्मेदारी के साथ आरंभ करते हैं । चाहे आपकी जिम्मेदारी एक 10 वर्ष की बेटी के रूप में हो जहां पिता की मृत्यु हो चुकी है, या सहायता संस्था की अध्यक्षा के रूप में जिसका शहर हाल ही में आग से प्रभावित हुई था, या जब आप अस्पताल में ऑपरेशन से ठीक हो रही थी—आपके पास उसकी सेवकाई बेटी होने का प्रभु से मिली अपनी नियुक्ति को पूरा करने का मौका है ।

ये बहुत ही भिन्न प्रकार की सेवकाई जिम्मेदारियां लगती हैं । फिर इन सब के लिये शक्तिशाली, प्रेमी हृदय, भयमुक्त विश्वास की आवश्यकता होती है क्योंकि प्रभु ऐसी कोई आज्ञा नहीं देता जिसके लिये वह मार्ग, और जाने और उसे करने की इच्छा तैयार न करे ।4

क्योंकि वह तैयार थी, 10 वर्ष की बेटी अपनी विधवा मां को अपनी बाहों में लेती है और जानने के लिये प्रार्थना करती है कि अपने परिवार की मदद कैसे करे । और वह इसका पालन करती है ।

सहायता संस्था अध्यक्षा ने अपने क्षेत्र में आग लगने से पहले सेवकाई की तैयारी की थी । उसे पता चला गया था और लोगों से प्रेम किया था । प्रभु से उसकी छोटी छोटी सेवाओं में मदद मिलने से यीशु मसीह में उसका विश्वास अपनी प्रार्थनाओं के उत्तर मिलने से बढ़ा था । अपनी लंबी तैयारी के कारण, वह अपनी बहनों को लोगों और परिवारों की सेवा करने के लिये संगठित करने को तैयार और उत्साहित थी ।

एक बहन जो ऑपरेशन के बाद अस्पताल में ठीक हो रही थी अपने सह मरीजों की सेवकाई करने को तैयार थी । उसने पूरा जीवन प्रभु के लिये प्रत्येक अंजान की सेवा में बिताया था मानो वह उसका पड़ोसी और मित्र हो । जब उसने अपने हृदय में अस्पताल में सेवा करना महसूस किया, तो उसने दूसरों की इतनी बहादूरी और प्रेम से सेवा की कि दूसरे मरीज आशा करने लगे थे कि वह जल्दी ठीक नहीं हो पाएगी ।

उसी तरह आप सेवकाई के लिये तैयार होती है, आप हो सकती हैं और तैयार होना चाहिए प्रभु के लिये मार्गदर्शक होने की अपनी नियुक्ति में जब यह मिलती है । लोगों का मार्गदर्शन करने और उसके वचनों को बिना भय के पढ़ाने के लिये धर्मशास्त्रों के प्रति आपके गहरे प्रेम पर आधारित यीशु मसीह में विश्वास की जरूरत होगी । तब आप अपने स्थाई साथी के रूप में पवित्र आत्मा प्राप्त करने के लिये तैयार की जाओगी । आप कहने के लिये उत्साहित होंगी, “मैं करूंगी” जब युवतियों की अध्यक्षता में आपकी सलाहकार अपनी घबराहट भरी आवाज में कहती है, “आज बहन अलवारेज बीमार हैं । कौन उनकी कक्षा को पढ़ाएगा ?”

उस शानदारी दिन जब प्रभु आपको मां के रूप में जिम्मेदारी देने के लिये नियुक्त करता है इसके लिये वही तैयारी करनी पड़ती है । लेकिन इसके लिये पहले से अधिक प्रेमी हृदय की जरूरत भी होगी । इसके लिये आपके हृदय में पहले से अधिक यीशु मसीह में विश्वास की जरूरत होगी । और इसके लिये पवित्र आत्मा के प्रभाव, निर्देशन, और दिलासा के लिये प्रार्थना करने के लिये उस से अधिक क्षमता की जरूरत होगी जिसे पहले आपने सोचा भी न हो ।

आप स्वाभाविकरूप से पूछ सकती हैं कैसे किसी भी आयु का एक पुरूष अपनी मां की आवश्यकता को जान सकता है । यह उचित प्रश्न है । पुरूष सबकुछ नहीं जान सकते हैं, लेकिन परमेश्वर से प्रकटीकरण के द्वारा हम कुछ पाठ सीख सकते हैं । और हम निरीक्षण के द्वारा भी बहुत कुछ सीख सकते हैं, जब हम आत्मा की खोज करते हैं तो हमें उसे समझने में मदद मिलेगी जो हम देखते हैं ।

हमारे विवाहित होने के बाद से मैं कैथलीन जॉनसन आईरिंग को 57 वर्षों से देख रहा हूं । वह चार लड़कों और दो लड़कियों की मां है । आजतक, उसने सौ से अधिक प्रत्यक्ष परिवार के सदस्यों पर मातृत्व का प्रभाव डालने की अपनी नियुक्ति को स्वीकार किया है और सौ से अधिक उन्हें जिन्हें उसने मां के अपने हृदय में अपनाया है ।

आप स्त्री के दिव्य मिश्न के बारे में अध्यक्ष नेलसन की खूबसूरत व्याख्या याद है—मातृत्व के उसके मिशन सहित: “मां, शिक्षिका, या षोषण करने वाली संत के रूप में, वह जीवित मिट्टी को अपनी आशा के अनुसार ढालती है । परमेश्वर के साथ भागीदारी में, उसका दिव्य लक्ष्य आत्माओं को जीने और व्यक्तियों को उत्कर्ष प्राप्त करने में मदद करना है । यह उसको बनाने का लक्ष्य है ।”5

जहां तक मैं विचार कर सकता हूं, मेरी पत्नी, कैथलीन ने, हमारे पिता की बेटियों को दी इस जिम्मेदारी को पूरा किया है । मुझे ये शब्द महत्वपूर्ण लगते हैं “वह जीवित मिट्टी को अपनी आशा के अनुसार ढालती है … परमेश्वर के साथ भागीदारी में ।” उसने दबाव नहीं डाला था । उसने ढाला था । और उसके पास अपनी आशाओं के लिये सांचा था और जिससे उसने उन्हें ढाला जिनसे वह प्रेम करती थी और पाला था । उसका सांचा यीशु मसीह का सुसमाचार था—जैसा मैं प्रार्थनापूर्ण अवलोकन द्वारा सालों से देख पाया हूं ।

परमेश्वर के साथ भागीदारी में अनुबंधित स्त्री बनना बहुत महान है और परमेश्वर की बेटियों ने हमेशा मातृत्व, निर्देशन, और सेवकाई की है, हर तरह से और स्थान पर जो उसने उनके लिये तैयार किया है । मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि आप अपने स्वर्गीय घर की यात्रा में आनंद प्राप्त करोगी जब उसके पास एक अनुबंध-पालन-करने-वाली परमेश्वर की बेटी के रूप में लौटती हैं ।

मैं गवाही देता हूं कि परमेश्वर पिता जीवित है और आपको प्रेम करता है । वह आपकी प्रार्थनाओं उत्तर देगा । उसका प्रिय पुत्र, प्रत्येक कार्य में, अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे का मार्गदर्शन करता है । अध्यक्ष रसल एम. नेलसन उसके जीवित भविष्यवक्ता हैं । और जोसफ स्मिथ ने परमेश्वर पिता और यीशु मसीह को पलमाइरा, न्यू यॉर्क में देखा और बातें की थी । मैं जानता हूं यह सत्य है । मैं भी गवाही देता हूं यीशु मसीह आपका उद्धारकर्ता है; वह आपसे प्रेम करता है । उसके प्रायश्चित के माध्यम से, आप उच्च और पवित्र नियुक्तियों से परिष्कृत और उन्नत हो सकते हैं, जो आपको मिलती हैं । मैं यह गवाही यीशु मसीह के पावन नाम में देता हूं, आमीन ।