2010–2019
समापन टिप्पणियां
अक्टूबर 2019 महा सम्मेलन


समापन टिप्पणियां

प्रभु के समान होने के लिये मन और हृदय के संपूर्ण रूपांतरण की व्यक्तिगत योग्यता की आवश्यकता होती है ।

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, जब हम इस ऐतिहासिक सम्मेलन के अंत में आते हैं, तो हम प्रभु को उन संदेशों और हमें प्रेरित करने वाले संगीत के लिए धन्यवाद देते हैं । हमने सच में एक आत्मिक प्रीतिभोज का आनंद लिया है ।

हम जानते हैं कि यीशु मसीह का पुनास्थापति सुसमाचार उन लोगों को आशा और खुशी देगा, जो उनके सिद्धांत को सुनेंगे और समझेंगे । हम यह भी जानते हैं कि प्रत्येक घर विश्वास का सच्चा शरणस्थान बन सकता है, जहां शांति, प्रेम और प्रभु की आत्मा वास कर सकती है ।

अवश्य ही, पुनास्थापना के ताज का गहना पवित्र मंदिर है । इसकी पावन विधियां और अनुबंध ऐसे लोगों को तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो उसके द्वितीय आगमन पर उद्धारकर्ता का स्वागत करने के लिए तैयार हैं । वर्तमान में हमारे पास 166 समर्पित मंदिर हैं, और अधिक आ रहे हैं ।

प्रत्येक नए और पुनर्निर्मित मंदिर के समर्पण से पहले एक खुला घर आयोजित किया जाएगा । बहुत से मित्र हमारे विश्वास के नहीं हैं उन मंदिरों में आएंगे और मंदिर के आशीषों के बारे में कुछ सीखेंगे । और उन आगंतुकों में से कुछ अधिक जानने के लिए प्रेरित होंगे । कुछ लोग ईमानदारी से पूछ सकते हैं कि वे मंदिर की आशीषों के लिए कैसे योग्य हो सकते हैं ।

गिरजे के सदस्यों के रूप में, हमें उनके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है । हम यह बता सकते हैं कि मंदिर की आशीष किसी भी और सभी लोगों के लिए उपलब्ध है जो स्वयं को तैयार करेंगे । लेकिन इससे पहले कि वे एक समर्पित मंदिर में प्रवेश कर सकें, उन्हें योग्यताएं पूरी करने की आवश्यकता है । प्रभु चाहता है कि उसके सभी बच्चे उसके मंदिर में उपलब्ध अनंत आशीष का हिस्सा बनें । उसने निर्देश दिया है कि प्रत्येक व्यक्ति को उसके पवित्र घर में प्रवेश करने के लिए योग्य होने के लिए क्या करना चाहिए ।

हमारे लिये इस प्रकार की शिक्षा आरंभ करने का मौका मंदिर के बाहरी हिस्से पर लिखे शब्दों पर ध्यान देना है: “प्रभु के लिये पवित्र; प्रभु का घर ।” आज अध्यक्ष आएरिंग के संदेश और कई अन्य लोगों ने हमें अधिक पवित्र बनने के लिए प्रेरित किया । प्रत्येक मंदिर एक पवित्र स्थान है; प्रत्येक मंदिर संरक्षक अधिक पवित्र बनने का प्रयास करता है ।

मंदिर में प्रवेश करने की सभी आवश्यकताएं व्यक्तिगत पवित्रता से संबंधित हैं । उस तैयारी की जांच करने के लिए, प्रत्येक व्यक्ति जो मंदिर के आशीष का आनंद लेना चाहता है, उसके दो साक्षात्कार होंगे: पहला धर्माध्यक्ष, धर्माध्यक्ष सलाहकार या शाखा अध्यक्ष के साथ; दूसरा स्टेक या मिशन अध्यक्ष या उसके एक सलाहकार के साथ । उन साक्षात्कारों में, कई प्रश्न पूछे जाएंगे।

उनमें से कुछ प्रश्नों को हाल ही में स्पष्ट करने के लिए संपादित किया गया है । मैं अब आपके लिए उनकी समीक्षा करना चाहूंगा:

  1. क्या आपको अनंत पिता परमेश्वर, उसके पुत्र, यीशु मसीह और पवित्र आत्मा में विश्वास और आपके पास इनकी गवाही है ?

  2. क्या आपके पास मसीह के प्रायश्चित और उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता के रूप में उसकी भूमिका की गवाही है ?

  3. क्या आपके पास यीशु मसीह के सुसमाचार की पुनःस्थापना की गवाही है ?

  4. क्या आप अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे के अध्यक्ष का भविष्यवक्ता, दूरदर्शी, और प्रकटीकर्ता और पृथ्वी पर एकमात्र व्यक्ति के रूप में समर्थन करते हैं जिनके पास सभी पौरोहित्य कुंजियों का उपयोग का अधिकार है ?

    क्या आप प्रथम अध्यक्षता और बारह प्रेरितों की परिषद के सदस्यों को भविष्यवक्ता, दूरदर्शी, और प्रकटीकर्ता के रूप में समर्थन करते हैं ?

    क्या आप गिरजे के अन्य जनरल अधिकारियों और स्थानीय अधिकारियों का समर्थन करते हैं ?

  5. प्रभु ने कहा है कि उसके समक्ष सभी कार्य “शुद्धता से किए जाएं” (सिद्धांत और अनुबंध 42:41)।

    क्या आप अपने विचारों और व्यवहार में नैतिक स्वच्छता का प्रयास करते हैं ?

    क्या आप यौन-शुद्धता के नियम का पालन करते हैं ?

  6. क्या आप अपने परिवार के सदस्यों और दूसरों के साथ अपने निजी और सार्वजनिक व्यवहार में यीशु मसीह के गिरजे की शिक्षाओं का पालन करते हैं ?

  7. क्या आप ऐसी किसी शिक्षाओं, प्रथाओं, या सिद्धांत का समर्थन या प्रचार करते हैं जो अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे के विपरीत हैं ?

  8. क्या आप घर और गिरजे दोनों स्थानों में सब्त दिन को पवित्र रखने का प्रयास करते हैं; अपनी सभाओं में जाते हैं; प्रभु-भोज की तैयारी करते और योग्यता से भाग लेते हैं; और सुसमाचार की व्यवस्था और आज्ञाओं के अनुसार अपना जीवन जीते हैं ?

  9. क्या आप अपने सभी कार्य में ईमानदार होने का प्रयास करते हैं ?

  10. क्या आप पूरा दसमांश देते हैं ?

  11. क्या आप ज्ञान के शब्दों को समझते और पालन करते हैं ?

  12. क्या आपके पास अपने पूर्व पति/पत्नी और बच्चों के प्रति आर्थिक जिम्मेदारियां हैं ?

    यदि हां ? तो क्या आप निरंतर उन जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं ?

  13. क्या आप उन अनुंबधों का पालन करते हैं जो आपने मंदिर में बनाए थे, मंदिर पोशाक को पहनने सहित जैसा वृतिदान में निर्देश दिया गया था ?

  14. क्या आपके जीवन में गंभीर पाप हैं जिन्हें आपके पश्चाताप के हिस्से के तौर पर पौरोहित्य अधिकारियों के साथ समाधान कराए जाने की आवश्यकता है ?

  15. क्या आप स्वयं को प्रभु के घर में प्रवेश करने और मंदिर की विधियों में भाग लेने के योग्य समझते हैं ?

कल, ये संशोधित मंदिर संस्तुति प्रश्न विश्व-भर में गिरजे के मार्गदर्शकों को वितरित किए जाएंगे ।

उन प्रश्नों का ईमानदारी से उत्तर देने के अतिरिक्त, यह समझा जाता है कि प्रत्येक वयस्क मंदिर संरक्षक अपने नियमित कपड़ों के भीतर पौरोहित्य के पवित्र पोशाक पहनेंगे । यह एक आंतरिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो प्रतिदिन प्रभु की तरह बनने के लिए प्रयास करना है । यह हमें बनाए गए अनुबंधों के प्रति हर दिन वफादार रहना और उच्च और पवित्र तरीके से हर दिन अनुबंध मार्ग पर चलना भी याद दिलाता है ।

अब, सिर्फ एक क्षण के लिए, मैं हमारे युवाओं से बात करना चाहूंगा । हम आपको सीमित-उपयोग के मंदिर की संस्तुति के योग्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं । प्रतिनिधि बपतिस्मा एवं पुष्टिकरण की विधियों के लिए आपकी तैयारी में केवल उपयुक्त प्रश्नों को ही आपसे पूछा जाएगा । हम आपकी पवित्रता और उस पवित्र मंदिर के कार्य में भाग लेने की इच्छा के लिए बहुत आभारी हैं । हम आपको धन्यवाद देते हैं !

प्रभु के घर में प्रवेश करने के लिए व्यक्तिगत योग्यता के लिए बहुत अधिक आत्मिक तैयारी की आवश्यकता होती है । लेकिन प्रभु की मदद से कुछ भी असंभव नहीं है । कुछ मामलों में, मंदिर आने के लिए लोगों को तैयार करने की तुलना में मंदिर बनाना आसान है । प्रभु के समान बनने के लिए, एक ईमानदार नागरिक होने के लिए, एक बेहतर उदाहरण होने के लिए, और एक पवित्र व्यक्ति होने के लिए मन और हृदय के संपूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता होती है ।

मैं इस बात की गवाही देता हूं कि इस प्रकार की तैयारी से इस जीवन में अगिनत आशीषें और आने वाले जीवन के लिए अकल्पनीय आशीषें आती हैं, “कभी न समाप्त होने वाली प्रसन्नता की अवस्था” जो आपके परिवार में अनंत काल तक कायम रहती है ।1

अब मैं एक अन्य विषय की बात करना चाहूंगा: आने वाले वर्ष के लिये योजनाएं । वर्ष 2020 के वसंत में, जोसेफ स्मिथ ने ईश्वर-विभव का अनुभव किया थे जिसे प्रथम दिव्यदर्शन के रूप में जाना जाता है, यह ठीक 200 साल पहले हुआ था । परमेश्वर पिता और उनका प्रिय पुत्र, यीशू मसीह, 14 साल के युवा जोसफ को दिखाई दिए थे । यह घटना यीशु मसीह के सुसमाचार की पुनास्थापना को उसकी पूर्णता में आरंभ करने के रूप में चिह्नित की जाती है, ठीक उसी तरह जैसे पवित्र बाइबिल में भविष्यवाणी की गई थी ।2

फिर स्वर्गीय दूतों की यात्राओं का सिलसिला आरंभ हुआ था, जिसमें मोरोनी, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला और आरंभिक प्रेरित पतरस, याकूब और यूहन्ना शामिल थे । इसके बाद अन्य लोग आए जैसे मूसा, एलिय्याह और एलिजा । प्रत्येक ने एकबार फिर से धरती पर परमेश्वर के बच्चों को आशीष देने के लिए दिव्य अधिकार प्रदान किया था ।

चमत्कारी रूप से, हमें मॉरमन की पुस्तक भी प्राप्त हुई: यीशु मसीह का एक अन्य नियम, पवित्र बाइबल का एक साथी धर्मशास्त्र । सिद्धांत और अनुबंध और अनमोल मोती में प्रकाशित प्रकटीकरणों ने भी परमेश्वर की आज्ञाओं और अनंत सच्चाई की हमारी समझ को बहुत विकसित किया है ।

पौरोहित्य की कुंजियां और पद पुनास्थापित किए गए हैं, जिनमें प्रेरित, सत्तर, कुलपति, उच्च याजक, एल्डर, धर्माध्यक्ष, याजक, शिक्षक और डीकन के पद शामिल हैं । और जो महिलाएं प्रभु से प्यार करती हैं, वे सहायता संस्था, प्राथमिक, युवतियों, रविवार विद्यालय, और अन्य गिरजे की नियुक्तियों में पूरी तरह से सेवा करती हैं - यीशु मसीह के सुसमाचार की पुनास्थापना के सभी महत्वपूर्ण भाग सहित इसकी संपूर्णता में ।

इस प्रकार, वर्ष 2020 को दो सौ साल पूरे होने के लिये प्राधिकृत किया जाएगा । अगले अप्रैल का महा सम्मेलन किसी भी पिछले सम्मेलन से भिन्न होगा । अगले छह महीनों में, मुझे आशा है कि प्रत्येक सदस्य और प्रत्येक परिवार एक अनूठे सम्मेलन की तैयारी करेंगे, जो कि पुनास्थापित किए गए सुसमाचार की नींव को याद करेगा ।

अनमोल मोती में लिखे प्रथम दिव्यदर्शन का जोसेफ स्मिथ के वर्णन को पढ़कर आप अपनी तैयारी आरंभ कर सकते हैं । आओ, मेरा अनुसरण करो में अगले वर्ष के लिए अध्ययन का हमारा पाठ्यक्रम मॉरमन की पुस्तक है । आप महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार करने की इच्छा कर सकते हैं जैसे, “मेरा जीवन किस प्रकार भिन्न होगा यदि मॉरमन की पुस्तक से प्राप्त ज्ञान को अचानक वापस ले लिया जाता है ?” या “कैसे प्रथम दिव्यदर्शन के बाद होने वाली घटनाओं ने मेरे लिये और मेरे प्रियजनों के लिये अतंर पैदा किया है ?” इसके अलावा, मॉरमन की पुस्तक के वीडियो अब उपलब्ध हो रहे हैं, आप उन्हें अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक अध्ययन में शामिल कर सकते हैं ।

अपने प्रश्नों का चुनाव करें । अपनी स्वयं की योजना बनाएं । स्वयं को पुनास्थापना के शानदार प्रकाश में ओत-प्रोत कर दें । जब आप ऐसा करते हैं, तो अगले अप्रैल में होने वाला महा सम्मेलन न केवल यादगार होगा, बल्कि अविस्मरणीय होगा ।

अब समापन में, मैं आप को अपना प्रेम और अपनी आशीष देता हूं ताकि आप में से प्रत्येक गुजरते दिन के साथ खुश और पवित्र बन सके । इस बीच, कृपया आश्वस्त रहें कि गिरजे में प्रकटीकरण मिलना जारी हैं और प्रभु के निर्देशन में तब तक जारी रहेगें जब तक कि “परमेश्वर के उद्देश्य पूरे नहीं होंगे, और महान यहोवा कहेगा कि काम पूरा हो गया है ।”3

मैं आपको बहुत आशीष देता हूं, आपके प्रति अपने प्रेम की पुनापुष्टि करते हुए, अपनी गवाही के साथ कि परमेश्वर जीवित है ! यीशु ही मसीह है ! यह उसका गिरजा है और हम उसके लोग हैं । यीशु मसीह के पवित्र नाम में, आमीन ।