सबकुछ हमारी भलाई के लिए
समय और अनन्त काल में, सृष्टि का उद्देश्य और स्वयं परमेश्वर का स्वभाव हमारी भलाई के लिए सभी बातों को एक साथ लाना है।
आज 6 अप्रैल है—यीशु मसीह द्वारा अपने अंतिम-दिनों के गिरजे को पुनःस्थापित करने की वर्षगांठ—और ईस्टर का अवसर जब हम खुशी से यीशु मसीह के सिद्ध जीवन, प्रायश्चित बलिदान और गौरवशाली पुनरुत्थान की गवाही देते हैं।
एक चीनी कहानी शुरू होती है जब किसी व्यक्ति के बेटे एक सुंदर घोड़ा मिलता है।
“कितना भाग्यशाली है,” पड़ोसियों ने कहा।
“हम देखेंगे,” व्यक्ति ने कहा।
फिर बेटा घोड़े से गिर जाता है और हमेशा के लिए घायल हो जाता है।
“कितना दुर्भाग्यपूर्ण है,” पड़ोसियों ने कहा।
“हम देखेंगे,” व्यक्ति ने कहा।
सेना लोगों को भर्ती करने आती है लेकिन घायल बेटे को नहीं ले जाती।
“कितना भाग्यशाली है,” पड़ोसियों ने कहा।
“हम देखेंगे,” व्यक्ति ने कहा।
इस अस्थिर संसार में हम अक्सर उतार-चढ़ाव, अनिश्चितता, कभी-कभी भाग्यशाली, और—बहुत बार—दुर्भाग्य महसूस करते हैं। फिर भी पीड़ित संसार में,1 “हम जानते हैं कि जो परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है।”2 अवश्य ही जब हम सीधाई से चलते और अनुबंधों को याद रखते हैं , तो “सब बातें मिलकर हमारे लिए भलाई ही को उत्पन्न करती है।”3
सब कुछ हमारी भलाई के लिए।
अद्भुत प्रतिज्ञा! स्वयं परमेश्वर की ओर से दिलासा देने वाला आश्वासन! चमत्कारी तरीके से, सृष्टि का उद्देश्य और परमेश्वर का स्वभाव, आरंभ और अंत को जानना,4 और सब कुछ जो हमारी भलाई के लिए है उसे पूरा करना, और यीशु मसीह के अनुग्रह और प्रायश्चित के द्वारा हमें पावन और पवित्र बनने में मदद करना है।
यीशु मसीह का प्रायश्चित हमें पाप से उद्धार और मुक्ति दिला सकता है। लेकिन यीशु मसीह भी हमारे हर दर्द, दुख, बीमारी,5 कष्ट, अकेलेपन को अच्छी तरह से समझता है। समय और अनन्त काल में, मृत्यु और नरक के ऊपर उसकी विजय सभी बातों को सही कर सकती है।6 वह टूटे हुए और तिरस्कृत लोगों को चंगा करने में मदद करता है, क्रोधित और बिछड़े हुए लोगों को मिलाता है, अकेले और एकान्त में पड़े लोगों को दिलासा देता है, अनिश्चित और अपूर्ण को प्रोत्साहित करता है, और उन चमत्कारों को करता है जिसे करना केवल परमेश्वर के लिए संभव है।
हम हल्लिलूय्याह गाते और होसन्ना कहते हैं! अनन्त शक्ति और अनंत भलाई के साथ, परमेश्वर की सुख की योजना में, सबकुछ हमारी भलाई के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। हम जीवन का सामना आत्मविश्वास से कर सकते हैं न कि भय के साथ।
केवल अपने दम पर, शायद हम अपने स्वयं की भलाई की बातें नहीं जान सकते हैं। जब “मैं अपने दम पर कार्य करता हूं,” तो मैं अपनी सीमाओं, कमजोरियों, कमियों के साथ कार्य करता हूं। अंततः, भलाई करने के लिए, हमें अवश्य ही भला भी होना चाहिए।7 सिवाए परमेश्वर के कोई भला नहीं है,8 हम यीशु मसीह में परिपूर्ण होना चाहते हैं।9 हम सबसे सच्चे, सबसे अच्छे तभी बनते हैं जब हम प्राकृतिक पुरुष या स्त्री स्वभाव को दूर करते और परमेश्वर के समक्ष बच्चे के समान जाते हैं।
परमेश्वर पर अपने भरोसे और विश्वास के साथ, परीक्षाओं और कष्टों को हमारी भलाई के लिए समर्पित किया जा सकता है। यूसुफ को, मिस्र में बेचा गया, बाद में उसने अपने परिवार और लोगों को बचाया था। भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ ने लिबर्टी जेल में कैद होने पर सीखा था कि, “ये सब बातें उसे अनुभव देंगी, और उसके भले के लिए होंगी।”10 विश्वासी रहते हुए, ऐसी परीक्षाएं और बलिदान जिन्हें हम कभी नहीं चुनते हमें और दूसरों को ऐसी आशीषें दे सकते हैं जिनकी कभी कल्पना नहीं की गई थी। 11
हम प्रभु में विश्वास और भरोसा बढ़ाते हैं कि सभी बातें हमारी भलाई के लिए एक साथ काम कर सकती हैं जब हम अनन्त दृष्टिकोण प्राप्त करते हैं; 12 सीखते हैं कि हमारी परिक्षाएं “थोड़े समय के लिए” होंगी;13 जानते हैं कि दुख को हमारी भलाई के लिए समर्पित किया जा सकता है;14 स्वीकार करते हैं कि दुर्घटनाएं, असामयिक मृत्यु, शारीरिक कमजोरियां और बीमारी नश्वर जीवन का हिस्सा हैं; और भरोसा रखते हैं कि हमारा प्यारा स्वर्गीय पिता दंड देने या न्याय करने के लिए कष्ट नहीं देता है। वह न तो रोटी मांगने वाले को पत्थर देता है और न ही मछली मांगने वाले को सांप।15
जब कष्ट आते हैं, तो अक्सर हम चाहते हैं कि कोई हमारी बात सुने और हमारी सहायता करे।16 फिलहाल, घिसी-पिटी सलाह से कोई लाभ नहीं मिलता, भले ही इनका इरादा दिलासा देना हो। कभी-कभी हम किसी ऐसे व्यक्ति की सहायता चाहते हैं जो हमारे शोक, दर्द और रोने में शामिल हो; आओ हम दर्द, हताशा, कभी-कभी गुस्सा भी व्यक्त करें; और स्वीकार करें कि हमारे भीतर ऐसी बातें हैं जिन्हें हम नहीं जानते हैं।
जब हम परमेश्वर और हमारे प्रति उसके प्रेम पर भरोसा करते हैं, तो हमारी सबसे बड़ी चुनौतियां भी अंत में हमारी भलाई के लिए हो सकती हैं।
मुझे वह दिन याद है जब मुझे एक गंभीर कार दुर्घटना की सूचना मिली थी जिसमें वे लोग शामिल थे जिन्हें मैं प्यार करता हूं। ऐसे समयों में, पीड़ा और विश्वास में, हम केवल अय्यूब के समान कह सकते हैं, ”प्रभु ने दिया और प्रभु ही ने लिया; प्रभु का नाम धन्य है।”17
इस विश्वव्यापी गिरजे में, लगभग 3,500 स्टेक और जिले और कुछ 30,000 वार्ड और शाखाएं जीवन के कठिन समय में आश्रय और सुरक्षा प्रदान करती हैं।18 लेकिन हमारे स्टेकों और वार्डों के भीतर, कई विश्वासी परिवारों और व्यक्तियों को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, भले ही यह जानते हुए कि (अभी तक यह जाने बिना कैसे) ये हमारी भलाई के लिए एक साथ काम करेंगी।
इंग्लैंड के हडर्सफील्ड में, भाई सैमुअल ब्रिजस्टॉक को नए स्टेक अध्यक्ष की नियुक्ति मिलने से कुछ समय पहले चौथे चरण के कैंसर का पता चला था। अपने गंभीर रोग को देखते हुए, उन्होंने अपनी पत्नी अन्ना से पूछा, उन्हें साक्षात्कार के लिए भी क्यों जाना चाहिए।
“क्योंकि,” बहन ब्रिजस्टॉक ने कहा, “आपको स्टेक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाएगा।”
शुरू में उनके जीवित रहने के एक या दो साल बताए गए थे, अध्यक्ष ब्रिजस्टॉक (आज यहां हैं) को सेवा करते चार वर्ष हो गए हैं। उनके जीवन में उतार चढ़ाव आया है। उनका स्टेक विश्वास, सेवा और दया के साथ आगे बढ़ रहा है। यह आसान नहीं है, लेकिन उनकी पत्नी और परिवार विश्वास, कृतज्ञता से जीते हैं, और उन्हें भरोसा है कि उनकी निराशा यीशु मसीह के पुन:स्थापित प्रायश्चित के माध्यम से अनन्त आनंद बन जाएगी।19
जब हम स्थिर, खुले मन और श्रद्धापूर्ण होते हैं, तो हम प्रभु द्वारा प्रदान की जाने वाले अनुबंध संबंध की सुंदरता, उद्देश्य और शांति को महसूस कर सकते हैं। पवित्र क्षणों में, वह हमें उस विशाल अनंत सच्चाई की झलक दे सकता है जिसका हिस्सा हमारा दैनिक जीवन है, जहां छोटी और सरल बातें, देने और लेने वालों की भलाई के लिए मिलकर काम करती हैं।
मेरे पहले मिशन अध्यक्ष की बेटी रीबेका ने साझा किया था कि कैसे प्रभु ने दिलासा के लिए किसी अन्य की प्रार्थना का उत्तर देने के अप्रत्याशित अवसर के तौर पर उसकी प्रार्थना का उत्तर दिया था।
एक शाम देर से, रीबेका, अपनी मां के हाल ही में हुए निधन से दुखी, अपनी कार के लिए पैट्रोल खरीदने के लिए जाने की प्रेरणा प्राप्त हुई थी। जब वह पैट्रोल पंप पहुंची, तो वहां उसे एक बुजुर्ग महिला मिली जिसे बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर से सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही थी। बाद में, रीबेका ने उस महिला को अपनी मां की पोर्टेबल ऑक्सीजन मशीन दी थी। इस बुजुर्ग बहन ने कृतज्ञतापूर्वक कहा, “आपने मुझे मेरी स्वतंत्रता वापस दे दी है।” सब कुछ भलाई के लिए एक साथ काम करता है जब हम यीशु मसीह के समान सेवा करते हैं।
एक पिता ने अपने शिक्षक की आयु के बेटे के साथ सेवकाई करने वाले साथी के रूप में समझाया था, “सेवकाई तब होती है जब हम पड़ोसी होने से आत्मिक उत्तर देने वाले बन जाते हैं।” यीशु मसीह में अनुबंध संबंध दिलासा देता, जोड़ता है, पवित्र करता है।
कठिनाइयों में भी, आत्मिक तैयारी हमें याद दिला सकती है कि स्वर्गीय पिता जानता है जब हम बहुत कमजोर और अकेला महसूस करते थे। उदाहरण के लिए, कोई परिवार जिसके बच्चे को एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल ले जाया गया था, बाद में पवित्र आत्मा के याद दिलाए जाने पर दिलासा मिली थी कि क्या आशा की जाना चाहिए।
कभी-कभी बड़ी अनंत सच्चाईी जो प्रभु हमें महसूस कराता है उसमें परदे के उस पार का परिवार शामिल होता है। एक बहन को यीशु मसीह के पुन:स्थापित सुसमाचार में परिवर्तन में आनंद प्राप्त हुआ था। दो सदमों ने उसके जीवन को गहराई से प्रभावित किया था—एक नौका डूबने की दुर्घटना और अपनी मां को दर्दनाक तरीके खोना, जिसने आत्महत्या की थी।
फिर भी इस बहन ने पानी के अपने भय पर काबू पा लिया ताकि डुबकी द्वारा बपतिस्मा लिया जा सके। और जो एक बहुत ही आनंद का दिन बन गया, उसने देखा कि कोई उसकी मृत मां को मंदिर में बपतिस्मा देने के लिए प्रतिनिधि के रूप में काम कर रही है। बहन ने कहा: “मंदिर के बपतिस्मे ने मेरी मां को चंगाई और इसने मुझे स्वतंत्र किया था। “यह पहली बार था जब मैंने अपनी मां की मृत्यु के बाद शांति महसूस की थी।
हमारा पवित्र संगीत उनके आश्वासन को प्रदर्शित करता है कि सबकुछ हमारी भलाई के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
शांत, मेरी आत्मा: परमेश्वर कार्य करता है
भविष्य का मार्गदर्शन करने के लिए क्योंकि उसने अतीत में किया है।
आशा, आत्मविश्वास कुछ भी न डगमगाए;
अब सभी रहस्य अंत में उजागर होंगे।20
आओ, आओ, संतों, कोई परिश्रम और न श्रम भय;
लेकिन आनंद से अपने मार्ग पर चलते रहो।
हालांकि आपके लिए कठिन यह यात्रा प्रतीत हो सकती है,
अनुग्रह एक दिन आपका होगा। …
और यदि हम अपनी यात्रा से पहले मर जाते हैं,
शुभ दिन! सब ठीक है!21
मॉरमन की पुस्तक वह प्रमाण है जिसे हम अपने हाथ में रख सकते हैं कि यीशु ही मसीह है और परमेश्वर उसकी भविष्यवाणियों को पूरा करता है। प्रेरित भविष्यवक्ताओं द्वारा लिखा गया है, जिन्होंने हमारे समय को देखा, मॉरमन की पुस्तक स्वाभाविक घटनाचक्र से शुरू होती है—एक परिवार जो गहरे मतभेदों से घिरा है। फिर भी, जब हम 1 नफी 1 से मोरोनी 10 तक अध्ययन और मनन करते हैं, तो हम इस दृढ़ गवाही के साथ यीशु मसीह की ओर आकर्षित होते हैं कि उस समय जो वहां हुआ था वह हमें आज यहां आशीष दे सकता है।
जब प्रभु अपने जीवित भविष्यवक्ता के द्वारा प्रभु के अनेक भवनों को कई स्थानों पर निकट ला रहा है, तो हम देखते हैं कि मंदिर की आशीषें हमारी भलाई के लिए एक साथ काम कर रही हैं। हम अपने पिता परमेश्वर और यीशु मसीह से अनुबंध और विधि ग्रहण करते हुए और नश्वर जीवन की अनन्त समझ प्राप्त करते हैं। एक-एक करके, नाम दर नाम, हम प्रिय परिवार के सदस्यों—पूर्वजों—को उद्धार की पवित्र विधियों और सिय्योन पर्वत पर प्रभु के समान उद्धारकर्ता बनकर अनुबंध आशीषें प्रदान करते हैं।22
जबकि कई स्थानों पर हमारे निकट मंदिरों का निर्माण हो रहा है, तो ऐसा बलिदान जिसे हम मंदिर में भेंट चढ़ा सकते हैं, वह प्रभु के भवन में निरंतर पवित्रता की खोज करना हो सकता है। कई वर्षों से, हमने मंदिर में आने के लिए धन बचाया, योजना बनाई और बलिदान दिया है। अब, जब आपकी परिस्थितियां अनुमति देती हैं, कृपया प्रभु के पवित्र घर में अधिक बार आएं। नियमित मंदिर आराधना और सेवा आपको और आपके परिवार को आशीष, रक्षा और प्रेरणा दे—वह परिवार जो आपके पास है या वह परिवार जो किसी दिन आपके पास होगा।
इसके अलावा, जहां आपकी परिस्थितियां संभव हों कृपया अपने लिए मंदिर पोशाक ग्रहण करने की आशीष पाने पर विचार करें।23 एक साधारण परिवार की एक दादी ने संसार की उस वस्तु के बारे में बताया था, जिसे वह सबसे ज्यादा चाहती थी वह उसकी अपनी मंदिर की पोशाक थी। उसके पोते ने कहा, “दादी ने चुपक के से कहा था, ‘मैं अपने मंदिर की पोशाक में सेवा करूंगी, और जब मैं मर जाऊंगी, तो मुझे उनमें दफना देना। और जब समय आया, तो उसकी इच्छा पूरी हुई थी।
जैसा अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने सिखाया है, “सबकुछ जो हम विश्वास करते हैं और प्रत्येक प्रतिज्ञा जो परमेश्वर ने अपने अनुबधित बच्चों से की है मंदिर में एकसाथ प्राप्त होती हैं।”24
समय और अनन्त काल में, सृष्टि का उद्देश्य और स्वयं परमेश्वर का स्वभाव हमारी भलाई के लिए सभी बातों को एक साथ लाना है।
यह प्रभु का अनंत उद्देश्य है। यह उसका अनंत दृष्टिकोण है। यह उसकी अनंत प्रतिज्ञा है।
जब जीवन अव्यवस्थित होता है, जब उद्देश्य स्पष्ट नहीं होता है, जब आप बेहतर जीना चाहते हैं लेकिन यह नहीं जानते कि कैसे, तो कृपया हमारे पिता परमेश्वर और यीशु मसीह के पास आएं। भरोसा रखें वे आपसे प्यार करते हैं, और सबकुछ आपकी भलाई के लिए चाहते हैं। ये गवाही मैं यीशु मसीह के पावन और पवित्र नाम में देता हूं, आमीन।