महा सम्मेलन
मंदिर, प्रभु के भवन पृथ्वी को घेर रहें हैं
अप्रैल 2024 महा सम्मेलन


मंदिर, प्रभु के भवन पृथ्वी को घेर रहें हैं

जब आप योग्य और प्रार्थनापूर्वक उसके पवित्र भवन में आते हैं, तो आप उसकी शक्ति से लैस हो जाओगे।

क्या आपको भी ये सुंदर शब्द पसंद हैं जिन्हें हमने अभी गाया है? “मैं तुझे दृढ़ करूंगा, तेरी सहायता करूंगा, और तुझे खड़ा करूंगा, … मेरे धर्मी, सर्वशक्तिमान हाथ थामे रहेंगे।”1 प्रभु सभी युग के अपने संतों को मजबूत कर रहा है जब वे उसके पवित्र भवन में आते हैं। किंशासा से जोलिकोफेन तक फुकुओका से ओकलैंड तक, अत्यधिक युवा, अपनी इच्छा से, हमारे बपतिस्मा कुंडों में आ रहे हैं। अतीत में, अधिकांश प्रिय विधि कार्यकर्ता सफद बाल वाले होते थे—लेकिन अब ऐसे नहीं होते। प्रचारक, सेवा प्रचारक, और लौटे हुए प्रचारक हर कोने में हैं। दुनिया भर में, एक बढ़ती हुई भावना है जो हमें प्रभु के भवन की ओर खींच रही है।

अभी एक साल पहले, अमरीका के पूर्वी तट पर रहनेवाली 95 साल की एक प्यारी पारिवारिक मित्र, जिसे प्रचारकों ने 70 साल तक सिखाया था, अपनी बेटी से कहा, “मैं तुम्हारे साथ मंदिर जाना चाहती हूं।”

उसकी बेटी ने जवाब दिया, “ठीक है, मां, आपको पहले बपतिस्मा लेना होगा।”

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बुजुर्ग बहन का बपतिस्मा।

“ठीक है,”” उसने उत्तर दिया, “फिर, मैं बपतिस्मा लेना चाहती हूं।” उनका बपतिस्मा हुआ। कुछ दिनों बाद, उन्होंने मंदिर के बपतिस्मा कुंड श्रद्धापूर्वक डुबकी लगाई थी। और सिर्फ एक महीने पहले, उन्होंने अपना वृत्तिदान और मुहरबंदी प्राप्त किया था। “परमेश्वर का ज्ञान और शक्ति बढ़ रही है; पृथ्वी का पर्दा हटने लगा है।”2

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बुजुर्ग बहन मंदिर के बाहर।

क्या आपने सोचा है कि प्रभु अपने भविष्यवक्ता को अपने पवित्र मंदिरों से पृथ्वी को अब घेरने का निर्देश क्यों देता है?3 वह, इस विशेष समय पर, अपने अनुबंधित लोगों को इतना समृद्ध क्यों करता है कि उनके पवित्र दशमांश के द्वारा, प्रभु के सैकड़ों भवनों को बनाया जा सके?

आज सुबह, अध्यक्ष डालिन एच. ओक्स ने दुनिया भर में बनाए जा रहे मंदिरों का एक सुंदर वर्णन किया था। कैथी और मैं हाल ही में फिलीपीन गए थे। इस चमत्कार के बारे में सोचें: मनीला मंदिर 1984 में समर्पित किया गया था। 2010 में सेबू शहर में, दूसरे मंदिर को पूरा हुए 26 साल हुए थे। अब, 14 साल बाद, 11 मंदिरों को निर्माण, डिजाइन या समर्पण के लिए तैयार किया जा रहा है। उत्तर से दक्षिण तक: लाओग, तुगुएगाराओ, सैंटियागो, उरदनेता, अलबांग, नागा, टैक्लोबन सिटी, इलोइलो, बैकोलॉड, कागायन डी ओरो और दावो। परमेश्वर के चमत्कारिक कार्यों को होते देखना बहुत अच्छा लगता है!

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फिलीपीन में मंदिर।

दुनिया भर में, प्रभु के भवन हमारे निकट आ रहे हैं। हमारे समय में क्यों?

अंतिम दिनों

प्रभु ने चेतावनी दी थी कि अंत के दिनों में, राष्ट्रों के बीच तनाव होगा,4 लोग “स्वार्थी होंगे,”5 “सब बातों में व्याकुलता होगी,”6 अफवाहों की अधिकता होगी,7 और “लोगों के जी में जी न रहेगा।”8 हमने निश्चित रूप से पुरुषों और महिलाओं के दिलों को उन्हें निराश करते देखा है: दुनिया की प्रलोभनों, आकर्षक आवाजों की व्याकुलता, आत्मिक बातें पाने की उपेक्षा, शिष्यत्व के कार्य करने में थकान।9 शायद आप दुखी होते होंगे जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं जिससे आप प्रेम करते हैं, जिसने एक समय में यीशु मसीह में अपने विश्वास के बारे में ईमानदारी से बात की थी, मॉरमन की पुस्तक की गवाही दी थी, और उत्सुकता से परमेश्वर के राज्य के निर्माण में मदद की थी, अचानक दूर चला गया/गई, कम से कम अभी के लिए, अपने विश्वासों से और गिरजे से दूर हो गया/गई है। आपको मेरी सलाह है निराश मत हो! सब ठीक है! क्योंकि परमेश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।10

संसार में इस भविष्यवाणी किए गए कोलाहल और अविश्वास के साथ, प्रभु ने प्रतिज्ञा की कि दुनिया में अनुबंधित लोग भी होंगे, ऐसे लोग जो बेसब्री से उसके लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं; ऐसे लोग जो पवित्र स्थानों में खड़े होते हैं और वे अपने स्थान से हटते नहीं हैं।11 उसने धर्मी लोगों के बारे में बोला था जो शैतान के धोखे का विरोध करते हैं, अपने विश्वास को मजबूत करते हैं, सिलेस्टियल सोचते हैं, और उद्धारकर्ता, यीशु मसीह पर पूरी तरह से भरोसा करते हैं।

प्रभु अभी अपने सैकड़ों मंदिरों को हमारे निकट क्यों ला रहा है? एक कारण यह है कि दुनिया की उथल-पुथल और प्रलोभनों के बीच, उसने अपने अनुबंधित संतों को मजबूत करने और आशीष देने का प्रतिज्ञ की है, और उसकी प्रतिज्ञाएं पूरी हो रही हैं!

कर्टलैंड मंदिर से प्रतिज्ञाएं

ये पवित्र भवन हमें कैसे मजबूत करते, दिलासा देते और हमारी रक्षा करते हैं? इसका उत्तर हमें कर्टलैंड मंदिर के समर्पण में भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ की प्रार्थना में मिलता है। इस मंदिर में संतों ने गाया था, “हम गाएंगे और हम स्वर्ग के लोगों के साथ पुकारेंगे।”12 उद्धारकर्ता स्वयं प्रकट हुआ, और अतीत के भविष्यवक्ता लौटे और पुन:स्थापित सुसमाचार की पौरोहित्य की अतिरिक्त कुंजियां प्रदान की गई थी।13

कर्टलैंड मंदिर में उस पवित्र अवसर पर, भविष्यवक्ता ने प्रार्थना की थी कि प्रभु के पवित्र भवन में, संत परमेश्वर की शक्ति प्राप्त करेंगे, कि यीशु मसीह का नाम उन पर होगा, कि उसके स्वर्गदूत उनकी रक्षा करेंगे, और कि वे प्रभु में प्रगति और पवित्र आत्मा की परिपूर्णता प्राप्त करेंगे।14 ये प्रभावशाली याचनाएं हमारे जीवन में तब पूरी होती हैं जब हम प्रभु के भवन में विश्वास से उपासना करते हैं।

शक्ति से लैस

उसके भवन में, हम वास्तव में स्वर्गीय शक्ति से वृत्तिदान प्राप्त करते हैं।15 यीशु मसीह में हमारा विश्वास और उस के प्रति हमारा प्रेम मजबूत और दृढ़ होता है। हमें आत्मिकरूप से अपनी सच्ची पहचान और जीवन के उद्देश्यों के बारे में आश्वस्त किया जाता है।16 जब हम विश्वासी रहते हैं, तो हम प्रलोभनों और व्याकुलता से सुरक्षा की आशीष पाते हैं। हम अपने उद्धारकर्ता के प्रेम को महसूस करते हैं जब वह हमारी कठिनाइयों और दुखों में मदद करता है। हम परमेश्वर की शक्ति से लैस हैं।

उसका नाम हम पर

उसके पवित्र भवन में, हम उसका नाम संपूर्णरूप से अपने ऊपर धारण करते हैं। जब हम बपतिस्मा लेते हैं, तो हम उस पर अपने विश्वास और उसकी आज्ञाओं का पालन करने की इच्छा स्वीकार करते हैं। मंदिर में, हम अपने अनुबंधों के द्वारा, हमेशा उसका अनुसरण करने की पुष्टि और पावन प्रतिज्ञा करते हैं।

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हेबर घाटी यूटाह मंदिर का प्रस्तुतीकरण।

इस गिरजे के युवा अविश्वसनीय हैं। इस कठिन संसार में, वे अपने ऊपर मसीह का नाम धारण करते हैं। हेबर सिटी, यूटाह में, मंदिर बनाने की योजना पर चर्चा करने के लिए एक सार्वजनिक सभा आयोजित की गई थी। प्रस्तावित मंदिर के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए तीन सौ युवा बगल के पार्क में एकत्र हुए थे। एक युवक ने खुले मंच पर सरकारी अधिकारियों से बात करते हुए बताया था, “मैं इस मंदिर में विवाह करने की आशा कर रहा हूं। मुझे स्वयं को पवित्र और शुद्ध रखने के लिए [मंदिर मदद करेगा]। दुसारे ने मंदिर को प्रकाश और आशा का प्रतीक बताया था। दुनिया भर में गिरजे के युवक और युवतियां यीशु मसीह का नाम ग्रहण कर रहे हैं।17

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हेबर सिटी में युवाओं से भरा पार्क।

हमारे साथ स्वर्गीय दूत

कर्टलैंड मंदिर में, भविष्यवक्ता जोसफ ने प्रार्थना की थी कि “स्वर्गदूत [उसके संतों] की रक्षा करेंगे।”18 मंदिर में अपने पूर्वजों के लिए नियमित तौर पर विधियां संपन्न करने से इस बात की मधुर और दृढ़ पुष्टि होती है कि जीवन परदे के पार भी जारी रहता है।

हालांकि प्रभु के भवन में हुए हमारे कई अनुभव सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किए जाते हैं, लेकिन कुछ को हम साझा कर सकते हैं। चालीस साल पहले, फ्लोरिडा में रहते हुए, कैथी और मैंने अटलांटा, जॉर्जिया में मंदिर गए थे। बुधवार की रात, 9 मई 1984 को, जब हमने मंदिर में एक सत्र पूरा किया, तो एक विधि कार्यकर्ता ने मुझसे संपर्क किया और पूछा कि क्या मैं सिर्फ एक प्रारंभिक विधि करने का समय निकाल सकता हूं। जिस व्यक्ति का मैंने प्रतिनिधित्व किया था उसका नाम असामान्य था। उसका नाम एलेजर सेर्सी था।।

अगले दिन, मंदिर संतों से भरा हुआ था। जब मैं उस दिन अपने दूसरे वृत्तिदान को प्राप्त करने की तैयारी कर रहा था, मुझे उस व्यक्ति का नाम दिया गया जिसका मुझे प्रतिनिधित्व करना था। हैरानी की बात है कि यह नाम उसी व्यक्ति का था जो एक दिन पहले दिया गया था, एलेजर सेर्सी। मैंने प्रभु की आत्मा को महसूस किया जब वृत्तिदान संपन्न हो गया था। बाद में दोपहर में, अभी भी मंदिर में, कैथी ने एक बुजुर्ग पारिवारिक मित्र, बहन डॉली फर्नांडीज को देखा, जो अब अटलांटा में रहती थी। उसके साथ उसके परिवार का कोई पुरुष सदस्य नहीं होने के कारण, उसने पूछा कि क्या मैं उसके पिता के माता-पिता को उसके पिता के साथ मुहरबंद होने में सहायता कर सकता हूं। मैंने अवश्य ही सम्मानित महसूस किया था।

जब मैंने इस पवित्र विधि के लिए वेदी के किनारे घुटने टेके, तो मैंने एक बार फिर से वह नाम सुना जो अब मुझे अच्छी तरह से याद हो गया था, उसके पिता, एलेजर सेर्सी। मुझे पूरा विश्वास है कि इस जीवन के बाद, मैं एक ऐसे व्यक्ति से मिलूंगा और गले लगाऊंगा जिसे उसके नश्वर जीवन में एलेजर सेर्सी के नाम से जाना जाता है।

प्रभु के भवन में हमारे अधिकांश अनुभव नाटकीय न होकर आनंदमय शांति और स्थिर प्रकटीकरण होते हैं। लेकिन आश्वस्त रहें: स्वर्गदूत हमारी रक्षा करते हैं!

पवित्र आत्मा की परिपूर्णता

पवित्र आत्मा का उपहार हमें तब दिया जाता है जब हम गिरजे के सदस्य होने की पुष्टिकरण प्राप्त करते हैं। प्रत्येक सप्ताह जब हम अपने उद्धारकर्ता की याद में योग्यता से रोटी और पानी ग्रहण करते हैं, तो हम से प्रतिज्ञा की जाती है कि उसकी आत्मा हमेशा हमारे साथ रहेगी।19 जब हम पृथ्वी पर अति पवित्र स्थान, प्रभु के भवन में इच्छुक हृदयों के साथ आते हैं, तो हम प्रभु में आगे बढ़ते और “पवित्र आत्मा की परिपूर्णता प्राप्त करते हैं।”20 पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा, हम शांति, आनंद और अकथनीय आशा से परिपूर्ण होते हैं।21 हम तब भी उसके शिष्य बने रहने की शक्ति प्राप्त करते हैं जब हम स्वयं को पवित्र स्थानों से बाहर होते हैं।

अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने सिखाया था: “हमारा उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता,यीशु मसीह, कुछ उसके अति महान कार्य करेंगा अब और उसके आगमन के बीच में। हम चमत्कारी संकेत देखेंगे कि परमेश्वर पिता और … यीशु मसीह … भव्यता और महिमा में इस गिरजे की अध्यक्षता करें।”22 प्रभु के भवनों से पृथ्वी को घेरना एक शक्तिशाली कार्य और चमत्कारी संकेत है।23

मेरे प्यारे दोस्तों, यदि हम सक्षम हैं और पहले से ही मंदिर में अपनी उपस्थिति में प्रगति नहीं की है, तो आइए हम नियमित रूप से प्रभु के भवन में आराधना करने के लिए अधिक समय निकालें। आइए हम उन मंदिरों के लिए प्रार्थना करें जिनकी घोषणा गई है, कि भूमि खरीदी जा सकें, कि सरकारें योजनाओं को मंजूरी देंगी, कि प्रतिभाशाली कार्यकर्ता अपनी प्रतिभाओं का विकास करेंगे, और यह कि पवित्र समर्पण स्वर्ग की स्वीकृति और स्वर्गदूतों से मिलाएगा।

प्रतिज्ञाएं

मंदिर सच में प्रभु का भवन है। मैं आपसे प्रतिज्ञा करता हूं कि जब आप योग्य और प्रार्थनापूर्वक उसके पवित्र भवन में आते हैं, तो आप उसकी शक्ति प्राप्त करेंगे, उसका नाम आपको दिया जाएगा, उसके स्वर्गदूत आप की रक्षा करेंगे, और आप पवित्र आत्मा की आशीष में विकास करेंगे।

प्रभु ने प्रतिज्ञा की है, “प्रत्येक प्राणी जो अपने पापों को त्याग करता और मेरे निकट आता, और मेरा नाम लेता, और मेरी वाणी का पालन करता, और मेरी आज्ञाओं का पालन करता है, मुझे प्रत्यक्ष देखेगा और जानेगा कि मैं हूं।”24 मसीह के चेहरे को देखने के विभिन्न तरीके हैं, लेकिन उसके पवित्र भवन की तुलना से बेहतर कोई स्थान नहीं है।25

व्याकुलता और उत्तेजना के इस समय में, मैं गवाही देता हूं कि हमारा प्रत्येक मंदिर उसका भवन है और हमें सुरक्षित रखने, हमारी रक्षा करने और हमें उस गौरवशाली दिन के लिए तैयार करने में मदद करेगा, जब यीशु मसीह अपने सभी पवित्र स्वर्गदूतों के साथ, महिमा, शक्ति और महान महिमा में लौटता है। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।

विवरण

  1. “How Firm a Foundation,” Hymns,,no. 85.

  2. “The Spirit of God,” Hymns, no. 2।

  3. वर्तमान में 182 संचालित मंदिर हैं। छह का जीर्णोद्धार चल रहा है। सात समर्पण की प्रतीक्षा कर रहे हैं और एक अन्य पुन: समर्पण की प्रतीक्षा कर रहा है। 45 निर्माणाधीन हैं और 94 और हैं जिनकी घोषणा की गई है या योजना और डिजाइन में हैं।

  4. देखें लूका 21:10

  5. 2 तीमुथियुस 3:2

  6. सिद्धांत और अनुबंध 88:91

  7. एल्डर डेविड ए. बेडनार ने कहा: “सुसमाचार के नियम मेरे लिए और आपके लिए जहाज में किसी पतवार के समान हैं। सही नियम हमें अपना मार्ग खोजने और दृढ़ बने रहने, दृढ़ और अचल खड़े होने में सक्षम बनाते हैं ताकि हम अपना संतुलन न खोएं और अंधेरे और भ्रम के उग्र अंतिम-दिनों के तूफानों में गिर न जाएं” (“The Principles of My Gospel,” Liahona, May 2021)।

  8. सिद्धांत और अनुबंध 45:26

  9. “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आपका इंकार करे, और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले” (मत्ती 16:24)।

  10. देखें लूका 1:37

  11. देखें सिद्धांत और अनुबंध 87:8

  12. स्तुतिगीत, सं. 2।

  13. देखें सिद्धांत और अनुबंध 110। इस समय से पहले, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ ने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से हारूनी पौरोहित्य और उसकी कुंजियां प्राप्त की थी, और उसने प्रेरितों पतरस, याकूब और यूहन्ना से मलिकिसिदक पौरोहित्य और उसकी कुंजियां प्राप्त की थी (देखें सिद्धांत और अनुबंध 13। 13:1; 27:12–13).

  14. सिद्धांत और अनुबंध 109:15; पद 22 भी देखें।

  15. अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने कहा था, “मंदिर हमारी इस इच्छा में मदद कर सकता है। वहां हम परमेश्वर की शक्ति से वृत्तिदान प्राप्त करते हैं, जो हमें शैतान पर विजय प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती है, जो सभी विवादों का भड़काने वाला है” (“Peacemakers Needed,” Liahona, May 2023, 101)।

  16. देखें Russell M. Nelson, “Choices for Eternity” (worldwide devotional for young adults, May 15, 2022), Gospel Library।

  17. Elder Colin Stauffer, personal correspondence, Jan. 30, 2024.

  18. सिद्धांत और अनुबंध 109:22

  19. (देखेंसिद्धांत और अनुबंध 20:77, 79।)

  20. सिद्धांत और अनुबंध 109:15

  21. देखें रोमियों 15:13

  22. रसल एम. नेल्सन, “Revelation for the Church, Revelation for Our Lives,” Liahona, मई 2018, 96।

  23. ब्रिघम यंग ने कहा था, “हमारे पास सैकड़ों मंदिर होंगे और हजारों पुरुष और महिलाएं होंगी जो उन लोगों के लिए कार्य करेंगे जो सो गए हैं, सुसमाचार सुनने और पालन करने का सौभाग्य प्राप्त किए बिना” (Teachings of Presidents of the Church: Brigham Young [1997], 312) और एज्रा टाफ्ट बेन्सन ने कहा: “हमारे पूर्वजों ने भविष्यवाणी की है कि मंदिर उत्तर और दक्षिण अमेरिका, प्रशांत द्वीपों, यूरोप और अन्य जगहों पर बनाए जाएंगे। यदि मुक्ति का यह कार्य उस पैमाने पर किया जाना है, जिस पैमाने पर किया जाना चाहिए, तो सैकड़ों मंदिरों की आवश्यकता होगी” (The Teaching of Ezra Taft Benson, 247)।

  24. सिद्धांत और अनुबंध 93:1

  25. एल्डर डेविड बी. हेट ने कहा:

    “यह सच है कि कुछ लोगों ने वास्तव में उद्धारकर्ता को देखा है, लेकिन जब कोई शब्दकोश देखता है, तो वह सीखता है कि शब्द देखने के कई अन्य अर्थ हैं, जैसे कि उसे जानना, उसे समझना, उसे और उसके कार्य को पहचानना, उसके बारे में जानना महत्व देना, या उसे समझने के लिए आगे आना।

    “इस तरह के स्वर्गीय ज्ञान और आशीषें हम में से प्रत्येक के लिए उपलब्ध हैं” (“Temples and Work Therein,” Ensign, नवंबर 1990, 61)।