पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 104


खंड 104

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को, कर्टलैंड या उसके निकट, ओहायो में, 23 अप्रैल 1834 में, संयुक्त संघ के संबंध में दिया गया प्रकटीकरण (देखें खंड 78 और 82 के शीर्षक देखें) । संभावना है कि अवसर संयुक्त संघ के सदस्यों की परिषद की सभा का था, जिसने गिरजे की संसारिक जरूरतों पर तुरंत ध्यान देने की चर्चा की थी । फर्म की इससे पहले की सभा में 10 अप्रैल को पारित किया गया था कि संगठन को निरस्त किया जाए । यह प्रकटीकरण निर्देश देता है कि इसके स्थान पर फर्म को पुन:संगठित किया जाए; इसकी संपत्तियों को फर्म के सदस्यों के बीच उनके प्रबंधन के रूप में बांटा जाए । जोसफ स्मिथ के निर्देशन के अंतर्गत, प्रकटीकरण में “संयुक्त संघ” को बाद में बदल कर “संयुक्त संगठन” कर दिया गया था ।

1–10, संत जो संयुक्त संगठन के विरूद्ध उल्लंघन करेंगे श्रापित होंगे; 11–16, प्रभु अपने संतों के लिए अपने स्वयं के तरीके से उपलब्ध करता है; 17–18, सुसमाचार व्यवस्था गरीब की देखभाल को निंयत्रित करती है; 19–46, बहुत से भाइयों के प्रबंधन और आशीषें बताई जाती हैं; 47–53, संयुक्त आदेश कर्टलैंड में और आदेश सिय्योन में अलग-अलग कार्य करेंगे; 54–66, धर्मशास्त्रों की छपाई के लिए प्रभु का पवित्र खजाना स्थापित किया जाता है; 67–77, संयुक्त आदेश के सामान्य खजाने को सामूहिक सलाह के आधार पर संचालित करना है; 78–86, जो संयुक्त आदेश में हैं उन्हें अपने सभी कर्जों को चुकाना है, और प्रभु उन्हें आर्थिक गुलामी से मुक्त करेगा ।

1 मैं तुम से सच कहता हूं, मेरे मित्रों, मैं तुम्हें अपनी सलाह देता हूं, और एक आदेश, उन सब संपत्तियों के विषय में जो संगठन से संबंध रखती हैं जिनको मैं संगठित और स्थापित करने की आज्ञा देता हूं, एक संयुक्त संगठन होगा, और मेरे गिरजे के लाभ के लिए एक चिरस्थायी संगठन रहेगा, और मनुष्य के उद्धार के लिए मेरे आने तक—

2 अडिग और अटल प्रतिज्ञा के साथ, कि जब तक वे जिन्हें मैंने आदेश दिया है विश्वासी रहते हैं उन्हें अनेक आशीषों से आशीषित किया जाएगा;

3 लेकिन जब तक वे विश्वासी नहीं रहते वे श्रापित किए जाने के निकट हैं ।

4 इसलिए, जब तक मेरे कुछ सेवकों ने आज्ञाओं का पालन नहीं किया है, लेकिन स्वार्थ द्वारा और लोभ से अनुबंध को तोड़ा है, मैंने उन्हें बहुत ही कष्टदायक और दुखदायी श्राप से श्रापित किया है ।

5 क्योंकि मैं, प्रभु, ने अपने हृदय में निश्चय किया है, कि जब तक इस संगठन से संबंधित कोई मनुष्य उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, या, अन्य शब्दों में, उस अनुबंध को तोड़ेगा जिस से तुम बंधे हो, वह अपने जीवन में श्रापित किया जाएगा, और उसके द्वारा कुचला जाएगा जिसे मैं चाहूंगा;

6 क्योंकि मैं, प्रभु, इन बातों में मजाक उड़ाए जाने के लिए नहीं हूं—

7 और यह सब उनके लिए ताकि तुम्हारे बीच जो निर्दोष हो उसकी अन्याय से निंदा न की जाए; और कि तुम्हारे बीच अपराधी बच न पाए; क्योंकि मैं, प्रभु, ने तुम्हारे लिए मेरे दाहिने हाथ में मुकुट का वादा किया है ।

8 इसलिए, जब तुम उल्लंघन करते हुए पाए जाते हो, तुम अपने जीवनों में मेरे क्रोध से नहीं बच सकते ।

9 जब तक तुम उल्लंघन करने के लिए कटे रहते हो, तुम शैतान के अत्याचारों से नहीं बच सकते मुक्ति के दिन तक ।

10 और मैं अब इस क्षण से तुम्हें शक्ति देता हूं, कि यदि तुम्हारे बीच कोई व्यक्ति, इस संगठन का, उल्लंघन करते पाया जाता है और बुराई का पश्चाताप नहीं करता, तो तुम उसे शैतान के अत्याचारों को सौंप दोगे; और उसके पास तुम पर बुराई लाने की शक्ति नहीं होगी ।

11 यह मुझ में समझदारी; इसलिए, एक आज्ञा मैं तुम्हें देता हूं, कि तुम अपने आपको संगठित करोगे और प्रत्येक व्यक्ति को उसके प्रबंधन में नियुक्त करोगे;

12 कि प्रत्येक व्यक्ति उस कार्य के प्रबंधन का हिसाब दे जिस पर मैंने उसे नियुक्त किया है ।

13 क्योंकि यह जरूरी है कि मैं, प्रभु, प्रत्येक व्यक्ति को जिम्मेदार बनाऊंगा, संसारिक आशीषों पर प्रबंधक, जो मैंने अपनी सृष्टि की हुई वस्तुओं के लिए बनाई और तैयार की हैं ।

14 मैं, प्रभु, आकाश को तानता हूं, और पृथ्वी का निर्माण करता हूं, यह मेरी हस्त कला है; और इसमें सब वस्तुएं मेरी हैं ।

15 और अपने संतों को उपलब्ध कराना मेरा उद्देश्य है, क्योंकि सब वस्तुएं मेरी हैं ।

16 लेकिन इसे मेरे स्वयं के तरीके से किया जाना चाहिए; और देखो तरीका यह है कि, मैं, प्रभु, ने अपने संतों को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया, कि गरीब ऊंचा किया जाएगा, अमीर इस में विनम्र किए जाएंगे ।

17 क्योंकि पृथ्वी भरपूर है, और यहां जरूरत से अधिक है; हां, मैंने सभी वस्तुएं तैयार की हैं, और मानव संतान को दी हैं स्वयं के लिए कार्य करने के लिए ।

18 इसलिए, यदि कोई व्यक्ति उस बहुतायत में से लेता जिसे मैंने बनाया है, और अपने हिस्से में से सुसमाचार की व्यवस्था के अऩुसार नहीं बाटंता, गरीब और जरूरतमंद को, वह, दुष्ट के साथ अधोलोक में पीड़ा उठाने के लिए अपनी आंखें उठाएगा ।

19 और अब, मैं तुम से सच कहता हूं, संगठन की संपत्तियों के संबंध में—

20 मेरा सेवक सिडनी रिगडन उसी स्थान पर नियुक्त रहे जहां वह अभी रहता है, और चमड़े के कारखाने वाले प्लॉट उसके प्रबंधन के लिए, उसके सहारे के लिए जबतक वह मेरी दाख की बारी में परिश्रम करता है, मैं भी ऐसा चाहता हूं, जब मैं उसको आदेश दूंगा ।

21 और सब बातें संगठन की सलाह के अनुसार की जानी चाहिए, और संयुक्त अनुमति या संगठन की वाणी, जो कर्टलैंड प्रदेश में निवास करती है ।

22 और यह भंडारीपन और आशीष, मैं, प्रभु, अपने सेवक रिगडन को प्रदान करता हूं उसके ऊपर आशीष के लिए, और उसके बाद उसके वंश पर;

23 और मैं उस पर आशीषों को कई गुणा करूंगा, जब तक वह मेरे सम्मुख विनम्र होगा ।

24 और फिर, मेरे सेवक मार्टिन हैरिस को उस पर नियुक्त करो, उसके भंडारीपन के लिए, भूमि का वह प्लॉट जिसे मेरे सेवक जॉन जॉनसन ने अपनी पहली की विरासत के बदले प्राप्त किया था, उसके लिए और उसके बाद उसके वंश के लिए;

25 और जब तक वह विश्वसनीय है, मैं उस पर आशीषों को कई गुणा करूंगा और उसके बाद उसके वंश पर ।

26 और मेरा सेवक मार्टिन हैरिस अपने धन को मेरे वचनों का प्रचार करने के लिए सर्मपित करे, उसके अनुसार जैसा मेरा सेवक जोसफ स्मिथ, जु., निर्देश देगा ।

27 और फिर, मेरे सेवक फ्रैड्रिक जी. विलियम्स को उसी स्थान पर रहने दो जहां वह अभी रहता है ।

28 और मेरे सेवक ओलिवर कॉउड्री उस प्लॉट पर रहे जो घर के निकट है, जो छपाई भवन के लिए होगा, जोकि प्लॉन संख्या एक है, और वह प्लॉट भी जिस पर उसके पिता रहते हैं ।

29 और मेरे सेवक फ्रैड्रिक जी. विलियम्स और ओलिवर कॉउड्री छपाई भवन और इससे संबंधित प्रत्येक वस्तुओं को लें ।

30 और यह उनकी भंडारीपन रहेगा जो उन्हें नियुक्त किया जाएगा ।

31 और जब तक वे विश्वासी रहते हैं, देखो मैं आशीष दूंगा, और उन पर बहुतायत से आशीषें डालूंगा ।

32 और यह उस भंडारीपन का आरंभ है जो मैंने उनके लिए नियुक्त किया है, उनके लिए और उनके बाद उनके वंश के लिए ।

33 और जब तक वे विश्वासी रहते हैं, मैं उन पर और उनके बाद उनके वंश पर बहुतायत से आशीषें डालूंगा, यहां तक की कई गुणा आशीषें ।

34 और फिर, मेरे सेवक जॉन जॉनसन को उस घर में रहने दो जिसमें वह रहता है, और विरासत, सिवाय उस सब जगह के जिसे मेरे घरों के निर्माण के लिए सुरक्षित रखा गया है, जोकि उस विरासत से संबंध रखता है, और वे भूखंड जो मेरे सेवक ओलिवर कॉउड्री के लिए नामजद किए गए हैं ।

35 और जब तक वह विश्वसनीय रहता है, मैं उस पर बहुतायत से आशीषें डालूंगा ।

36 और यह मेरी इच्छा है कि वह उन भूखंडों को बेच दे जो मेरे संतों के लिए शहर का निर्माण करने के लिए रखे हैं, जब यह उसे आत्मा की वाणी से बताया जाएगा, और संगठन की सलाह के अनुसार, और आदेश की वाणी के द्वारा ।

37 और यह उस भंडारीपन का आरंभ है जो मैंने उसके लिए नियुक्त किया है, उसके लिए आशीष और उसके बाद उसके वंश के लिए ।

38 और जब तक वह विश्वसनीय है, मैं उस पर बहुतायत से कई गुणा आशीषें डालूंगा ।

39 और फिर, मेरा सेवक न्यूवेल के. विटनी को उन घरों और प्लॉटों पर रहे जिस पर वह अभी रहता है, और वह प्लॉट और भवन जिस पर व्यापारिक संस्थान खड़ा है, और वह प्लॉट भी जो व्यापारिक संस्थान के दक्षिणी कोने पर है, और वह प्लॉट भी जिस पर पोटाश की फैक्ट्री स्थित है ।

40 और ये सब मैंने अपने सेवक न्यूवेल के. विटनी के लिए नियुक्त किया है जो उसके भंडारीपन के लिए है, उसके लिए आशीष और उसके बाद उसके वंश के लिए, मेरे संगठन के व्यापारिक संस्थान के लाभ के लिए जिसे मैंने कर्टलैंड प्रदेश में अपने स्टेक के लिए स्थापित किया है ।

41 हां, सच में, यह वह भंडारीपन है जिसे मैंने अपने सेवक एन. के. विटनी को नियुक्त किया है, संपूर्ण व्यापारिक संस्थान भी, उसे और उसके प्रतिनिधि, और उसके बाद उसके वंश के लिए ।

42 और जब तक वह मेरी आज्ञाओं का पालन करने में विश्वसनीय रहता है, जो मैंने उसे दी हैं, मैं उस पर बहुतायत से आशीषें दूंगा और उसके बाद उसके वंश पर, कई गुणा आशीषें भी ।

43 और फिर, मेरा सेवक जोसफ स्मिथ, जु., उस भूखंड पर नियुक्त रहे जो मेरे घर के निर्माण के लिए रखा गया है, जो कि दो सौ मीटर लंबा और साठ मीटर चौड़ा है, और वह विरासत भी जिस पर अभी उसके पिता रहते हैं ।

44 और यह उस भंडारीपन की शुरूआत है जो मैंने उसे नियुक्त की है, उसकी आशीष के लिए, और उसके पिता पर ।

45 क्योंकि देखो, मैंने उसके पिता के लिए विरासत सुरक्षित रखी है, उनके सहारे के लिए; इसलिए वह मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जु., के घराने में गिना जाएगा ।

46 और मैं अपने सेवक जोसफ स्मिथ, जु., के घराने पर बहुतायत से आशीषें डालूंगा, जब तक वह विश्वसनीय रहता है, कई गुणा आशीषें भी ।

47 और अब, एक आज्ञा मैं तुम्हें सिय्योन के संबंध में देता हूं, कि तुम संयुक्त संगठन के रूप में सिय्योन के अपने भाइयों के साथ बंधे नहीं रहोगे, केवल इस तरीके से—

48 तुम्हारे संगठित होने के बाद, तुम कर्टलैंड शहर में, सिय्योन स्टेक के संयुक्त संगठन कहलाओगे । और तुम्हारे भाई, उनके संगठित होने के बाद, सिय्योन शहर के संयुक्त संगठन कहलाएंगे ।

49 और वे अपने स्वयं के नामों में संगठित होंगे, और अपने स्वयं के नाम में; और वे अपने स्वयं के नाम में व्यवसाय करेंगे, और अपने स्वयं के नामों में;

50 और तुम अपने स्वयं के नाम में व्यवसाय करोगे, और अपने स्वयं के नामों में ।

51 और मैंने इस किए जाने का आदेश दिया तुम्हारे उद्धार के लिए, और उनके उद्धार के लिए भी, उनके खदेड़े जाने के परिणाम स्वरूप और जो होने वाला है ।

52 उल्लंघन के द्वारा अनुबंधों को तोड़ा गया है, स्वार्थ और लोभ के शब्दों द्वारा—

53 इसलिए, तुम्हें अपने भाइयों के साथ एक संयुक्त संगठन के रूप में भंग कर दिया गया है, कि तुम इस क्षण से उन के साथ बाध्य नहीं हो, केवल इस तरीके से, जैसा मैंने कहा था, ऋण के द्वारा जब परिषद में इस संगठन की सहमति होगी, जैसे तुम्हारी परिस्थितियां अनुमति देंगी और परिषद का मत निर्देश देगा ।

54 और फिर, एक आज्ञा मैं तुम्हें देता हूं तुम्हारे भंडारीपन के संबंध में जो मैंने तुम्हें नियुक्त किया है ।

55 देखो, ये सारी संपत्तियां मेरी है, वरना तुम्हारा विश्वास व्यर्थ है, और तुम पाखंडी पाए जाते हो, और जो अनुबंध तुमने मेरे साथ बनाए हैं तोड़ दिए जाते हैं;

56 और यदि संपत्तियां मेरी हैं, तब तुम मेरे प्रबंधक हो; और वरना तुम कोई प्रबंधक नहीं हो ।

57 लेकिन, मैं तुम से सच कहता हूं, मैंने तुम्हें अपने घर का प्रबंधक होने के लिए नियुक्त किया है ।

58 और इस उद्देश्य के लिए मैं तुम्हें अपने आप को संगठित करने का आदेश दिया है, मेरे वचनों को छापने का भी, मेरे धर्मशास्त्रों की परिपूर्णता, प्रकटीकरण जो मैंने तुम्हें दिए हैं, और जो मैं, इस के बाद समय समय पर मैं तुम्हें दूंगा—

59 पृथ्वी पर मेरे गिरजे और राज्य का निर्माण करने के उद्देश्य के लिए, और मेरे लोगों को उस समय के लिए तैयार करने के लिए जब मैं उन के साथ निवास करूंगा, जोकि निकट आने को है ।

60 और तुम अपने आप एक स्थान खजाने के लिए तैयार करोगे, और इसे मेरे नाम को समर्पित करोगे ।

61 और तुम अपने बीच से एक को खजाने की देख-रेख के लिए नियुक्त करोगे, और उसके लिए इस आशीष को नियुक्त किया जाएगा ।

62 और खजाने पर एक मुहर होगी, और सभी पवित्र वस्तुएं खजाने में भेजी जाएंगी; और तुम्हारे बीच कोई भी व्यक्ति इसे अपना नहीं कहेगा, या इसके किसी भाग को, क्योंकि यह सर्वसम्मति से तुम सभी की होगी ।

63 और इस क्षण से मैं तुम्हें इसे सौंपता हूं; और अब इसकी देख-रेख करो, ताकि तुम जाओ और उस भंडारीपन का उपयोग करो जिस पर मैंने तुम्हें नियुक्त किया है, पवित्र वस्तुओं को छोड़कर, इन पवित्र बातों की छपाई के उद्देश्य के लिए जैसे मैंने कहा है ।

64 और पवित्र वस्तुओं के लाभ खजाने में रखे जाएंगे, और इस पर मुहर रखी जाएगी; और इसे किसी के द्वारा उपयोग या खजाने के बाहर नहीं ले जाया जाएगा, और न ही इस पर लगाई गई मुहर को खोला जाएगा, सिवाय संगठन के वाणी के द्वारा, या आज्ञा के द्वारा ।

65 और इस प्रकार तुम पवित्र वस्तुओं के लाभ को खजाने में सुरक्षित रखोगे, पवित्र और धार्मिक उद्देश्यों के लिए ।

66 और इसे प्रभु का पवित्र खजाना कहा जाएगा; और इस पर मुहर रखी जाएगी ताकि इसे प्रभु को पवित्र और समर्पित हो ।

67 और फिर, एक अन्य खजाना तैयार किया जाएगा, और खजाने की देख-रेख के लिए एक खजांची नियुक्त किया जाएगा, और इस पर एक मुहर रखी जाएगी;

68 और सारा धन जो तुम अपने भंडारीपन में प्राप्त करते हो, संपत्तियों का सुधार करने के द्वारा जिस पर मैंने तुम्हें नियुक्त किया है, घरों में, या जमीनों में, या जानवरों में, और सब वस्तुओं में सिवाय पवित्र और धार्मिक लेखों के, जिन्हें मैंने स्वयं के लिए पवित्र और धार्मिक उद्देश्यों के लिए सुरक्षित रखा है, जो धन तुम प्रप्त करते हो इसे तुरंत खजाने में रख दिया जाना चाहिए, सौ में, या पचास में, या बीस में, या दस में, या पांच में ।

69 या अन्य शब्दों में, यदि तुम्हारे बीच कोई व्यक्ति पांच डॉलर प्राप्त करता है वह इसे खजाने में रख दे; या वह दस प्राप्त करता है, या बीस, या पचास, या सौ, उसे इसी प्रकार करना चाहिए;

70 और तुम्हारे बीच कोई न कहे कि यह मेरा अपना है; क्योंकि यह उसका नहीं कहलाया जाएगा, और न ही उसका कोई भाग ।

71 और इस का कोई भी हिस्सा उपयोग नहीं किया जाएगा, या खजाने के बाहर नहीं ले जाया जाएगा, केवल वाणी और संगठन की आम सहमति के द्वारा ।

72 और यह वाणी और संगठन की आम सहमति होगी—कि तुम्हारे बीच कोई व्यक्ति खजांची से कहे: मुझे अपने भंडारीपन में मदद के लिए इसकी आवश्यकता है—

73 यदि यह पांच डॉलर हो, या यदि दस डॉलर हो, या बीस, या पचास, या सौ, खजांची उसे उतना धन देगा जितना उसे अपने भंडारीपन में मदद के लिए जरूरत होगी—

74 जब तक वह उल्लंघन करते नहीं पाया जाता, और संगठन की परिषद के सम्मुख स्पष्टरूप से प्रमाणित होता कि वह अविश्सनीय और अज्ञानी प्रबंधक है ।

75 लेकिन जब तक वह पूर्ण सदस्यता में है, और अपने भंडारीपन में विश्वासी और बुद्धिमान रहता है, यह खजांची के पास उसका प्रतीक होगा जिसे खजांची मना नहीं करेगा ।

76 लेकिन उल्लंघन करने की दशा में, खजांची परिषद और संगठन की वाणी के अधीन होगा ।

77 और अगर ऐसा होता है कि खजांची अविश्वसी और अज्ञानी भंडारी पाया जाता है, तो वह संगठन की परिषद और वाणी के अधीन होगा, और उसके स्थान से हटा दिया जाएगा, और उसके स्थान पर अन्य को रख दिया जाएगा ।

78 और फिर, मैं तुम से सच कहता हूं, तुम्हारे कर्जों के संबंध में—देखो यह मेरी इच्छा कि तुम अपना सारे कर्जों का भुगतान करोगे ।

79 और यह मेरी इच्छा है कि तुम अपने आपको मेरे सम्मुख विनम्र करोगे, और इस आशीष को अपने परिश्रम और विनम्रता और विश्वास की प्रार्थना से प्राप्त करोगे ।

80 और जब तक तुम परिश्रमी और विनम्र रहते हो, और विश्वास की प्रार्थना करते हो, देखो, मैं उनके हृदयों को कोमल करूंगा जिनके तुम कर्जदार हो, जब तक कि मैं तुम्हारी मुक्ति के साधनों को तुम तक भेजता हूं ।

81 इसलिए न्यूयॉर्क को शीघ्रता से लिखो और उसके अनुसार लिखो जो मेरी आत्मा द्वारा निर्देशित किया जाएगा और मैं उनके हृदयों को कोमल करूंगा जिनके कर्जे में तुम हो, कि ये तुम पर दुख लाने का विचार उनके मनों से बाहर निकाला जाएगा ।

82 और जब तक तुम विनम्र और विश्वनीय रहते हो और मेरे नाम को पुकारते हो, देखो, मैं तुम्हें सफलता दूंगा ।

83 मैं तुम्हें एक प्रतिज्ञा देता हूं, कि तुम एक बार अपनी इस गुलामी से बाहर निकाले जाओगे ।

84 जब तक तुम्हें कर्ज लेने का मौका मिलता है सैकड़ों, या हजारों, यहां तक कि तुम पर पर्याप्त कर्ज होगा कि तुम स्वयं को गुलामी से मुक्त करोगे, यह तुम्हारा सौभाग्य है ।

85 और उस संपत्ति को गिरवी रखना जो मैं तुम्हारे हाथों में देता हूं, एक बार, अपने नामों को आम सहमति से देकर या किसी अन्य तरह, जैसा यह तुम्हें उचित लगेगा ।

86 मैं तुम्हें यह विशेषाधिकार देता हूं, एक बार; और देखो, यदि तुम उन बातों को करते हो जो मैंने तुम्हारे समक्ष रखी हैं, मेरी आज्ञाओं के अनुसार, ये सब वस्तुएं मेरी हैं, और तुम मेरे प्रबंधक हो, और स्वामी नहीं चाहेगा कि उसका घर तोड़ा जाए । तो भी । आमीन ।