पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 31


खंड 31

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, थॉमस बी. मार्श को सितंबर 1830 में, दिया गया प्रकटीकरण । यह अवसर गिरजे के सम्मेलन के तुरंत बाद था (देखें खंड 30 का शीर्षक) । थॉमस बी. मार्श का महिने के आरंभ में बपतिस्मा हुआ था और यह प्रकटीकरण देने से पहले गिरजे में एल्डर के रूप में उसकी नियुक्ति हो चुकी थी ।

1–6, थॉमस बी. मार्श को सुसमाचार प्रचार करने के लिए नियुक्त किया जाता है और उसके परिवार की देख-भाल सुनिश्चित की जाती है; 7–13, उसे धैर्य रखने, हमेशा प्रार्थना करने, और सहायक का अनुसरण करने की सलाह दी जाती है ।

1 थॉमस, मेरे बेटे, मेरे कार्य में अपने विश्वास के कारण तुम आशीषित हो ।

2 देखो, तुमने अपने परिवार के कारण कई कष्टों को सहा है; फिर भी, मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को आशीष दूंगा, हां, तुम्हारे छोटों को; और दिन आता है कि वे विश्वास करेंगे और सच्चाई को जानेंगे और तुम्हारे साथ मेरे गिरजे में एक होंगे ।

3 अपने हृदय ऊपर उठाओ और आनंद मनाओ, क्योंकि तुम्हारे मिशन का समय आ गया है; और तुम्हें बोलने की शक्ति दी जाएगी, और तुम इस पीढ़ी को बड़े आनंद का समाचार सुनाओगे ।

4 तुम उन बातों की घोषणा करोगे जो मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जु., को प्रकट किया गया है, तुम इस समय से प्रचार आरंभ करोगे, हां, उस खेत को काटने के लिए जो कि पक कर जलाए जाने के लिए पहले से तैयार है ।

5 इसलिए, अपनी संपूर्ण आत्मा के साथ अपनी दरांती में जोर दो, और तुम्हारे पाप तुम्हारे लिए क्षमा किए गए हैं, और तुम्हारी पीठ पर पुलियों को लादा जाएगा, क्योंकि मज़दूर काम पर लाये जाने के लायक है । इसलिए, तुम्हारा परिवार जीवित रहेगा ।

6 देखो, मैं तुम से सच कहता हूं, उन से दूर थोड़े समय के लिए जाओ, और मेरे वचनों की घोषणा करो, और मैं उनके लिए स्थान तैयार करूंगा ।

7 हां, मैं लोगों के हृदयों को खोलूंगा, और वे तुम्हें ग्रहण करेंगे । और मैं तुम्हारे हाथ से गिरजा स्थापित करूंगा;

8 और तुम उन्हें मजबूत करोगे और उन्हें उस समय के लिए तैयार करोगे जब वे एकत्रित किए जाएंगे ।

9 कष्टों में धैर्य रखो, उनके विरूद्ध बुरा मत करो जो बुरा करते हैं । अपने घर को विनम्रता में नियंत्रित करो, और स्थिर रहो ।

10 देखो, मैं तुमसे कहता हूं कि तुम गिरजे के लिए एक चिकित्सक के समान हो, लेकिन संसार के लिए नहीं, क्योंकि वे तुम्हें स्वीकार नहीं करेंगे ।

11 अपने मार्ग में जाना जहां कहीं मैं तुम्हें ले जाऊंगा, और यह तुम्हें सहायक द्वारा दिया जाएगा तुम क्या करोगे और जहां तुम जाओगे ।

12 हमेशा प्रार्थना करना, कहीं ऐसा न हो कि तुम प्रलोभन में फंस जाओ और अपना प्रतिफल खो दो ।

13 अंत तक विश्वसनीय रहना, और देखो, मैं तुम्हारे साथ हूं । ये शब्द मनुष्य के नहीं और न ही मनुष्यों के, लेकिन मेरे, अर्थात यीशु मसीह, तुम्हारे मुक्तिदाता के हैं, पिता की इच्छा द्वारा । आमीन ।