पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 68


खंड 68

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, हायरम, ओहायो, में 1 नवंबर 1831 को, प्रार्थना के जवाब में दिया गया प्रकटीकरण कि ओरसन हाइड, लूक एस. जोनसन, लिमन ई. जोनसन, और विलियम ई. मैकलेलिन के संबंध में प्रभु के मन को जाना जाए । यद्यपि यह प्रकटीकरण इन चार पुरूषों को निर्देशित था, अनुबंध का अधिकतर विषय वस्तु संपूर्ण गिरजे से संबंधित है । इस प्रकटीकरण की व्याख्या जोसफ स्मिथ के निर्देशन के अंर्तगत की गई थी इसे 1835 में सिद्धांत और अनुबंध के संस्करण प्रकाशित किया गया था ।

1–5, एल्डरों के शब्द जब वे पवित्र आत्मा द्वारा प्रभावित होते हैं धर्मशास्त्र हैं; 6–12, एल्डरों प्रचार और बपतिस्मा देना है, और चिन्ह सच्चे विश्वासियों के साथ चलेंगे; 13–24, हारून के पुत्रों के बीच पहलौठा अधीक्षक धर्माध्यक्ष के रूप में सेवा करेगा (अर्थात, धर्माध्यक्ष के रूप में अध्यक्षता की कुंजियां धारण करेगा) प्रथम अध्यक्षता के निर्देशन के अतंर्गत; 25–28, माता-पिता को अपने बच्चों को सुसमाचार सीखाने का आदेश दिया जाता है; 29–35, संतों को सब्त दिन का पालन, मेहनत से कार्य, और प्रार्थना करनी है ।

1 मेरा सेवक, ओरसन हाइड, अपनी नियुक्ति के द्वारा अनंत सुसमाचार की घोषणा करने के लिए नियुक्त किया गया था, जीवित परमेश्वर की आत्मा के द्वारा, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति, और एक शहर से दूसरे शहर, दुष्ट के समूहों में, उनके आराधना स्थलों में, बहस करते हुए और सभी धर्मशास्त्रों को उन्हें समझाते हुए ।

2 और, देखो, और नजर उठाओ, यह उन सभी के लिए उदाहरण है जिन्हें इस पौरोहित्य से नियुक्त किया गया था, जिनका उद्देश्य उन्हें प्रचार करने के लिए नियुक्त करना है—

3 और यह उनके लिए एक उदाहण है, ताकि वे बोलेंगे जब वे पवित्र आत्मा के द्वारा प्रभावित होते हैं ।

4 और जो कुछ वे बोलेंगे जब पवित्र आत्मा द्वारा प्रभावित होते हैं धर्मशास्त्र होगा, प्रभु की इच्छा होगी, प्रभु का विचार होगा, प्रभु का वचन होगा, प्रभु की वाणी होगी, और उद्धार के लिए परमेश्वर की शक्ति ।

5 देखो, तुम से प्रभु की यह प्रतिज्ञा है, ओ तुम मेरे सेवकों ।

6 इसलिए, हिम्मत रखो, और भयभीत न हो, क्योंकि मैं प्रभु तुम्हारे साथ हूं, और तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा; और तुम मेरी, अर्थात यीशु मसीह की गवाही दोगे, कि मैं जीवित परमेश्वर का पुत्र हूं, कि मैं था, कि मैं हूं, और कि मैं आने वाला हूं ।

7 यह तुम्हारे लिए प्रभु का वचन है, मेरे सेवक ओरसन हाइड, और मेरे सेवक लूक जोनसन के लिए, और मेरे सेवक लिमन जोनसन के लिए, और मेरे सेवक विलियम ई. मैकलेलिन के लिए, और मेरे गिरजे के सभी विश्वासी एल्डरों के लिए भी—

8 तुम सब संसार में जाओ, प्रत्येक प्राणी को सुसमाचार प्रचार करो, उस अधिकार से कार्य करते हुए जो मैंने तुम्हें दिया है, पिता के, और पुत्र के, और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा देते हुए ।

9 और वह जो विश्वास करता और बपतिस्मा लेता है बचाया जाएगा, और वह जो विश्वास नहीं करता दोषी ठहराया जाएगा ।

10 और वह जो विश्वास करता है आशीषित होंगे चिन्ह उनके साथ चलेंगे, जैसा लिखा गया है ।

11 और तुम्हें समय के चिन्हों, और मानव पुत्र के आने के चिन्हों को पहचानने की समझ दी जाएगी ।

12 और जितने पिता की गवाही देगें, तुम्हें उन्हें अनंत जीवन के लिए मुहरबंद करने का अधिकार दिया जाएगा । आमीन ।

13 और अब अनुबंधों और निर्देशों के अतिरिक्त अन्य बातों के संबंध में, वे ये हैं—

14 अब के बाद, प्रभु के उचित समय में, अन्य धर्माध्यक्षों को गिरजे में नियुक्त किया जाना है, पहलों की तरह सेवा करने के लिए;

15 इसलिए वे उच्च याजक होंगे जो योग्य हैं, और वे मेल्कीसेदेक पौरोहित्य की प्रथम अध्यक्षता द्वारा नियुक्त किए जाएंगे, सिवाय वे हारून के वास्तविक वंशज हों ।

16 और यदि वे हारून के वास्तविक वंशज हों तो उनके पास धर्माध्यक्षता का कानूनी अधिकार है, यदि वे हारून के पुत्रों के बीच पहलौठे हैं;

17 क्योंकि पहलौठा इस पौरोहित्य पर अध्यक्षता का अधिकार रखते हैं, और इसका कुंजियां या अधिकार ।

18 किसी भी व्यक्ति को इस पद का कानूनी अधिकार नहीं है, इस पौरोहित्य की कुंजियां रखने का, सिवाय वह हारून का वास्तविक वंशज और पहलौठा हो ।

19 लेकिन, मेलकीसेदेक पौरोहित्य के उच्च याजक के रूप में सभी छोटे पदों पर कार्य करने का अधिकार है वह धर्माध्यक्ष के पद पर कार्य कर सकता है जब हारून का कोई वास्तविक वंशज नहीं मिलता है, यदि वह इस अधिकार के लिए बुलाया और नियुक्त और प्रदान किया जाता है, मेलकीसेदेक पौरोहित्य की प्रथम अध्यक्षता के हाथों द्वारा ।

20 और हारून के वास्तविक वंशज को, इस अध्यक्षता द्वारा मनोनीत भी किया जाना चाहिए, और इस पौरोहित्य के हाथों द्वारा योग्य पाया जाना, और अभिषेक, और नियुक्त किया जाना चाहिए, वरना वे कानूनीरूप से अपने पौरोहित्य में कार्य करने के लिए अधिकृत नहीं हैं ।

21 लेकिन, पिता से बेटे को पौरोहित्य के मिलने के उनके अधिकार के संबंध में आदेश के आधार द्वारा, वे अपने अभिषेक का दावा कर सकते हैं यदि वे किसी भी समय अपनी वंशावली साबित कर देते हैं, या प्रभु से प्रकटीकरण द्वारा उपरोक्त बताई अध्यक्षता के हाथों द्वारा इसे सुनिश्चित कर देते हैं ।

22 और फिर, ऐसे किसी धर्माध्यक्ष या उच्च याजक पर जो इस सेवकाई के लिए नियुक्त किया जाएगा किसी भी अपराध के लिए मुकदमा नहीं चलाया जाएगा या दंडित किया जाएगा, सिवाय यह गिरजे की प्रथम अध्यक्षता के सम्मुख हो ।

23 और यदि वह इस अध्यक्षता के सम्मुख अपराधी पाया जाता है, गवाही के द्वारा जिसे गलत साबित नहीं किया जा सकता, वह दंडित किया जाएगा ।

24 और यदि वह पश्चाताप करता है तो उसे क्षमा कर दिया जाएगा, गिरजे के अनुबंधों और निर्देशों के अनुसार ।

25 और फिर, यदि सिय्योन में, या इसके किसी स्टेक में जो कि संगठित हैं, माता-पिता अपने बच्चों को आठ वर्ष के होने पर, पश्चाताप का सिद्धांत, जीवित परमेश्वर के पुत्र मसीह में विश्वास, और बपतिस्मा और हाथों के रखने के द्वारा पवित्र आत्मा का उपहार की समझ नहीं देते, तो पाप उन माता-पिता के सिर पर होगा ।

26 अन्य शब्दों में यह सिय्योन, या इसके किसी स्टेक जो कि संगठित हैं के निवासियों के लिए नियम होगा ।

27 और उनके बच्चों को आठ वर्ष के होने पर उनके पापों की क्षमा के लिए बपतिस्मा दिया जाएगा, और हाथों के रखने को स्वीकार करेंगे ।

28 और वे अपने बच्चों को प्रार्थना करना, और प्रभु के सम्मुख ईमानदारी से चलना भी सीखाएंगे ।

29 और सिय्योन के निवासी सब्त के दिन को पवित्र रखने के लिए इस का पालन भी करेंगे ।

30 और सिय्योन के निवासी अपने कार्यों को भी स्मरण रखेंगे, यदि वे कार्य करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं, संपूर्ण विश्वसनीयता में; क्योंकि आलसी व्यक्ति प्रभु के समक्ष स्मरण किए जाएंगे ।

31 अब, मैं, प्रभु, सिय्योन के निवासियों से प्रसन्न नहीं हूं, क्योंकि उनके बीच आलसी व्यक्ति हैं; और उनके बच्चे भी दुष्टता में बड़े हो रहे हैं; वे मन लगाकर अनंतता की संपत्तियों की चाह भी नहीं रखते, इसके स्थान पर उनकी आंखें लालच से भरी हैं ।

32 ये बातें नहीं होनी चाहिए, और उनके बीच से हटा दी जानी चाहिए; इसलिए, मेरा सेवक ओलिवर कॉउड्री को इन वचनों को सिय्योन प्रदेश ले जाए ।

33 और एक आज्ञा मैं उन्हें देता हूं—कि वह जो प्रभु के समक्ष इसके उचित समय में प्रार्थना नहीं करता, उसे मेरे लोगों के न्यायधीक्ष के समक्ष स्मरण किया जाए ।

34 ये वचन सच्चे और विश्वसनीय हैं, इनका उल्लंघन न करें, और न ही इसमें से कुछ निकाले ।

35 देखो, मैं अलफा और ओमेगा हूं, और मैं शीघ्र आता हूं । आमीन ।