पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 67


खंड 67

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, हायरम, ओहायो में, नवंबर 1831 के आरंभ में दिया गया प्रकटीकरण । अवसर विशेष सम्मेलन का था, और प्रभु से भविष्यवक्ता द्वारा पहले ही प्राप्त किए गए प्रकटीकरणों के प्रकाशन पर विचार और कार्य किया जा चुका था (देखें खंड 1 का शीर्षक) । विलियम डब्ल्यू. फ्लेप्स ने हाल ही में इन्डिपेनडंस, मिसूरी में गिरजे का छापाखाना स्थापित किया था । सम्मेलन में प्रकटीकरणों को Book of Commandments (निर्देशों की पुस्तक) में प्रकाशित करने और 10,000 प्रतियां छापने का निर्णय लिया था (जिसे बाद में अनपेक्षित परेशानियों के कारण कम करके 3,000 प्रतियां कर दिया गया) । बहुत से भाइयों ने प्रभावशाली गवाही दी थी कि प्रकटीकरण जोकि प्रकाशन के लिए संकलित किए गए हैं बहुत सच्चे थे, जैसा कि पवित्र आत्मा ने उन पर प्रकट किया था । जोसफ स्मिथ का इतिहास लिखता है कि खंड 1 के रूप में ज्ञात प्रकटीकरण को प्राप्त किए जाने के बाद, प्रकटीकरणों में प्रयोग की गई भाषा के संबंध में कुछ बातें हुई थी । वर्तमान प्रकटीकरण मिला था ।

1–3, प्रभु अपने एल्डरों की प्रार्थनाओं को सुनता और उनकी सुरक्षा करता है; 4–9, वह सबसे बुद्धिमान व्यक्ति को उसके छोटे से छोटे प्रकटीकरणों को दोहराने की चुनौती देता है; 10–14, विश्वासी एल्डर आत्मा के द्वारा चेतना पाएंगे और परमेश्वर के चेहरे को देखेंगे ।

1 देखो और ध्यान से सुनो, ओ तुम मेरे गिरजे के एल्डरों, जिन्होंने मिलकर स्वयं को एकत्रित किया है, जिनकी प्रार्थनाएं मैंने सुनी हैं, और जिनके हृदय मैं जानता हूं, और जिनकी इच्छाएं मुझ तक पहुंची हैं ।

2 देखो और ध्यान रखो, मेरी आंखें तुम पर लगी हैं, और स्वर्ग और पृथ्वी मेरे हाथों में हैं, और अनंतकाल की संपत्तियां मेरी हैं और किसी को भी दे सकता हूं ।

3 तुमने विश्वास करने का प्रयास किया था कि तुम्हें उस आशीष को प्राप्त करना चाहिए जो तुम्हें प्रदान की गई थी; लेकिन देखो, मैं तुम से सच कहता हूं तुम्हारे हृदयों में भय था, और सच में यही कारण था कि तुमने प्राप्त नहीं की ।

4 और अब मैं, प्रभु, तुम्हें इन निर्देशों की सच्चाई की गवाही देता हूं जो तुम्हारे सामने रखे हुए हैं ।

5 तुम्हारी आखें मेरे सेवक जोसफ स्मिथ जू., पर हैं और उसकी भाषा तुम जानते हो, और उसकी कमजोरियां तुम जानते हो; और तुमने अपने हृदयों में चाहा कि तुम उसकी भाषा से बेहतर व्यक्त कर सकते हो; यह तुम भी जानते हो ।

6 अब, तुम इस निर्देशों की पुस्तक में खोजो, इन में छोटे से छोटा भी, और उसे नियुक्त करो जो तुम्हारे बीच बुद्धिमान है ।

7 या, यदि तुम्हारे बीच कोई है जो इनके समान एक लिख सकता है, तब तुम्हारा यह कहना सही है कि तुम नहीं जानते कि ये सच्चे हैं;

8 लेकिन यदि तुम इनके समान एक जैसा नहीं लिख सकते, तो तुम दंड के अधीन हो यदि तुम गवाही नहीं देते कि ये सच्चे हैं ।

9 क्योंकि तुम जानते हो कि इनमें कुछ भी अधार्मिकता नहीं है, और कि जो धार्मिक है ऊपर से नीचे आता है, ज्योतियों के पिता की ओर से ।

10 और फिर, मैं तुम से सच कहता हूं कि यह तुम्हारा सौभाग्य है, और एक प्रतिज्ञा मैं तुम्हें देता हूं जो इस सेवकाई में नियुक्त किए गए हैं, कि जितना तुम स्वयं से ईर्ष्याओं और डरों को अलग करते, और स्वयं को मेरे सम्मुख विनम्र करते हो, क्योंकि तुम पर्याप्तरूप से विनम्र नहीं हो, परदा फट जाएगा और तुम मुझे देखोगे और जानोगे कि मैं हूं—न तो संसारिक और न ही प्राकृतिक मन से, सिवाय आत्मिक मन से ।

11 क्योंकि किसी व्यक्ति ने परमेश्वर को कभी नहीं देखा है, सिवाय परमेश्वर की आत्मा द्वारा चेतना प्राप्त किए ।

12 न तो कोई प्राकृतिक मनुष्य परमेश्वर की उपस्थिति को सहन कर सकता है, और न ही संसारिक मन के अनुसार ।

13 तुम अभी परमेश्वर की उपस्थिति को सहने के योग्य नहीं हो, और न ही स्वर्गदूतों की सेवकाई; इसलिए, धैर्यवान बने रहो जब तक तुम परिपूर्ण नहीं हो जाते ।

14 तुम्हारे मन वापस न लौटें; और जब तुम योग्य हो, मेरे स्वयं के निर्धारित समय, तुम उसे देखोगे और जानोगे जो तुम पर हाथों के रखने के द्वारा मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जू., ने प्रदान किया था ।