पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 24


खंड 24

जोसफ स्मिथ भविष्यवक्ता और ओलिवर कॉउड्री को, हारमनी, पैनसिलविनिया में, जुलाई 1830 में, दिया गया प्रकटीकरण । यद्यपि गिरजा संगठित होने के बाद से चार महिने से कम का समय बीत चुका था, अत्याचार अधिक तीव्र हो गया था, और मार्गदर्शकों को सुरक्षा के लिए आंशिक एकांतवास में जाना पड़ा था । ये तीन प्रकटीकरण इस समय पर उन्हें मजबूती, उत्साह, और निर्देश देने के लिए दिए गए थे ।

1–9, जोसफ स्मिथ को धर्मशास्त्रों का अनुवाद, प्रचार, और व्याख्या करने के लिए नियुक्त किया जाता है; 10–12, ओलिवर कॉउड्री को सुसमाचार प्रचार करने के लिए नियुक्त किया जाता है; 13–19, व्यवस्था प्रकट की जाती है चमत्कारों, श्रापों, पैरों से धूल झाड़ने, और बिना बटुआ या झोले के जाने के संबंध में ।

1 देखो, तुम्हें मॉरमन की पुस्तक को लिखने के लिए नियुक्त और चुना गया था, और मेरी सेवकाई के लिए; और मैंने तुम्हें तुम्हारे कष्टों से उपर उठाया है, और तुम्हें सलाह दी है, कि तुम्हें तुम्हारे सभी शत्रुओं से बचा लिया गया है, और तुम्हें शैतान की शक्तियों और अंधकार से बचा लिया गया है!

2 फिर भी, तुम अपने उल्लंघनों में क्षमा योग्य नहीं हो; फिर भी, तुम अपना कार्य करना और पाप न करना ।

3 अपनी पद का सम्मान करना; और अपने खेतों में फसल बोने और सुरक्षा के पश्चात, तुरंत गिरजे जाना जोकि कोल्सविले, फैयट, और मैनचैस्टर में हैं, और वे तुम्हारा भरण-पोषण करेंगे; और मैं उन्हें आत्मिक और भौतिक दोनों तरह से आशीषित करूंगा ।

4 लेकिन यदि वे तुम्हें ग्रहण नहीं करते हैं, तो मैंने उन पर आशीष के बजाए श्राप दूंगा ।

5 और तुम परमेश्वर से मेरे नाम प्रार्थना करना जारी रखोगे, और उन बातों को लिखोगे जो तुम्हें सहायक द्वारा तुम्हें दी जाएंगी, और गिरजे को सभी धर्मशास्त्रों की व्याख्या करोगे ।

6 और तुम्हें क्या बोलना और लिखना है यह तुम्हें उसी क्षण बता दिया जाएगा, और वे इसे सुनेंगे, अन्यथा मैं उन्हें आशीष के बजाए श्राप दूंगा ।

7 क्योंकि तुम अपनी सारी सेवा सिय्योन के प्रति समर्पित करोगे; और इसमें तुम्हें मजबूती मिलेगी ।

8 कष्टों में धैर्य रखना, क्योंकि तुम्हें बहुत से मिलेंगे; लेकिन उन्हें सहन करना, क्योंकि, देखो, मैं तुम्हारे जीवन-भर सदा तुम्हारे संग हूं ।

9 और संसारिक कार्यों में तुम्हारे पास शक्ति न होगी, क्योंकि यह तुम्हारी नियुक्ति नहीं है । अपनी नियुक्ति में कार्य करना और तुम्हारे पद सम्मान करने के लिए जो आवश्यक है तुम्हें मिलेगा, और सभी धर्मशास्त्रों की व्याख्या करने, और हाथों को रखना निरंतर जारी रखने और गिरजों के पुष्टीकरण के लिए ।

10 और तेरा भाई ओलिवर संसार के समक्ष मेरे नाम की गवाही देना जारी रखेगा, और गिरजे के समक्ष भी । और वह सोच नहीं सकेगा कि वह मेरे समर्थन में बहुत कुछ बोल सकता है; और देखो, मैं अंत तक उसके साथ हूं ।

11 मुझे में उसके पास महिमा होगी, और स्वयं उसमें नहीं, न तो दुर्बलता में और न ही बल में, न तो दासत्व में और न ही स्वतंत्रता में;

12 और हर समय पर, और हर स्थानों में, वह अपने मुहं खोलेगा और मेरे सुसमाचार की घोषणा करेगा जैसे तुरही की आवाज के समान, दिन और रात दोनों समय । और मैं उसे इतना बल दूंगा जितना किसी मनुष्य कभी सुना न होगा ।

13 चमत्कारों की मांग न करना, सिवाय जब मैं तुम्हें आदेश दूंगा, सिवाय जब दूष्टात्माओं निकालना हो, बीमारों को चंगा करना हो, और जहरीले सांपों के विरूद्ध, और घातक विष के विरूद्ध;

14 और ये बातें तुम नहीं करोगे, जबतक उनके द्वारा मांग न की जाए जो इन्हें कराने की इच्छा करते हैं, ताकि धर्मशास्त्रों को पूरा किया जा सके; क्योंकि तुम उसी के अनुसार करोगे जो लिखा गया है ।

15 और किसी भी स्थान में तुम प्रवेश करते हो, और वे तुम्हें नाम में ग्रहण नहीं करते, तुम उन्हें आशीष के स्थान पर श्राप देना, अपने पांवों की धूल झाड़ना ताकि उन पर गवाही हो, और मार्ग पर अपने पांव साफ कर लेना ।

16 और ऐसा होगी कि जो कोई तुम्हें नुकसान पहुंचाने के लिए तुम पर हाथ उठाएगा, तुम मेरे नाम से दंड देने का आदेश दोगे; और देखो, मैं तुम्हारे शब्दों के अनुसार उन्हें दंड दूंगा, अपने स्वयं के समय में ।

17 और जो कोई तुम्हारे विरूद्ध कानूनी कारवाई करेगा कानून द्वारा श्रापित होगा ।

18 और तुम कोई न बटुआ न झोला, न लाठी, न दो कुरते लोगे, क्योंकि गिरजा जब तुम्हें जरूरत होगी उसी क्षण तुम्हें भोजन, और कपड़े, और जूते और धन, और झोला देगा ।

19 क्योंकि तुम्हें मेरे बगीचे में अत्यधिक परिश्रम करने के लिए नियुक्त किया गया है, हां, अंत के दिनों में; हां, और उन्हें भी जिन्हें तुमने नियुक्त किया है, और वे भी इसी अनुसार परिश्रम करेंगे । आमीन ।