पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 65


खंड 65

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, हायरम, ओहायो में, 30 अक्टूबर 1831 में प्रार्थना पर दिया गया प्रकटीकरण ।

1–2, परमेश्वर के राज्य की कुंजियां पृथ्वी के निवासियों को समर्पित की जाती हैं, और सुसमाचार के कार्य विजय पाएंगे; 3–6, स्वर्ग के राज्य के हजार वर्ष आएंगे और पृथ्वी पर परमेश्वर के राज्य के साथ एक होंगे ।

1 ध्यान से सुनो, और देखो, ऊपर से एक वाणी नीचे आई, जोकि पराक्रमी और शक्तिशाली है, जोकि पृथ्वी के अंतिम छोर तक जाती है, हां, जिसकी वाणी मानवजाति के लिए है—तुम प्रभु के मार्ग तैयार करो, उसकी राहें सीधी करो ।

2 परमेश्वर के राज्य की कुंजियां पृथ्वी के निवासियों को समर्पित की जाती हैं, और यहां से सुसमाचार पृथ्वी के अंतिम छोर तक फैलेगा, उस पत्थर के समान जो बिना किसी के खोदे पहाड़ से उखड़कर आगे बढ़ता रहेगा, जब तक यह संपूर्ण पृथ्वी पर फैल न जाए ।

3 हां, वाणी चिल्ला रही है—तुम प्रभु के मार्ग तैयार करो, तुम मेमने का भोज तैयार करो, दुल्हे के लिए तैयार करो ।

4 प्रभु से प्रार्थना करो, उसके पवित्र नाम को पूकारो, उसके आश्चर्यजनक कार्यों की लोगों के बीच घोषणा करो ।

5 प्रभु को पूकारो, कि उसका राज्य पृथ्वी पर फैल जाए, ताकि इसके निवासी इसे स्वीकार कर सकें, और आने वाले दिनों के लिए तैयार हों, जब मानव पुत्र स्वर्ग से नीचे आएगा, अपने महिमा के तेजस्वी वस्त्रों को धारण किए हुए, परमेश्वर के राज्य से मिलने के लिए जोकि पृथ्वी पर स्थापित किया गया है ।

6 इसलिए, परमेश्वर का राज्य आगे बढ़े, ताकि स्वर्ग का राज्य आए, ताकि आप, हे परमेश्वर, की महिमा जैसे स्वर्ग में होती है वैसे पृथ्वी पर हो, ताकि आपकी शत्रु पराजित हों; क्योंकि सम्मान, पराक्रम और महिमा, सदा और हमेशा आपकी है । आमीन ।