पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 59


खंड 59

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा सिय्योन, जैक्सन काऊंटी, मिसूरी में, 7 अगस्त 1831 को दिया गया प्रकटीकरण । इस प्रकटीकरण का यह अभिलेख लिखने से पहले, जमीन को समर्पित किया गया था, जैसा प्रभु ने निर्देश दिया था, और भविष्य के मंदिर के लिए स्थान को अर्पित किया । इस प्रकटीकरण को प्राप्त करने वाले दिन, पॉली नाईट, जोसफ नाईट सि., की मृत्यु हुई थी, वह सिय्योन में मरने वाली गिरजे की प्रथम सदस्य थी । आरंभिक सदस्यों ने इस प्रकटीकरण को संतों ने सब्त का पालन करने और उपवास रखना और प्रार्थना करने के रूप में चिन्हित किया था ।

1–4, सिय्योन में विश्वासी संत आशीषित होंगे; 5–8, उन्हें प्रभु से प्रेम और सेवा करनी है और उसकी आज्ञाओं का पालन करना है; 9–19, प्रभु के दिन को पवित्र रखकर, संत सांसारिकरूप से और आत्मिकरूप से आशीषित होते हैं; 20–24, धर्मियों से इस संसार में शांति और आने वाले संसार में अनंत जीवन का वादा किया जाता है ।

1 देखो, प्रभु कहता है, आशीषित हैं वे जो मेरी महिमा के प्रति समर्पित होकर इस प्रदेश में आए हैं, मेरी आज्ञाओं के अनुसार ।

2 क्योंकि वे जो जीवित रहेंगे विरासत में प्राप्त करेंगे, और वे जो मर जाएंगे अपने परिश्रमों से विश्राम पाएंगे, और उनके कर्म उनके साथ जाएंगे; और वे मेरे पिता के महलों में मुकुट प्राप्त करेंगे, जिसे मैंने उनके लिए तैयार किया है ।

3 हां, आशीषित हैं वे जिनके पांव सिय्योन प्रदेश में दृढ़ रहते हैं, जिन्होंन मेरे सुसमाचार का पालन किया है; क्योंकि वे पृथ्वी की अच्छी वस्तुओं को अपने प्रतिफल में प्राप्त करेंगे, और वह प्रचुरता से इन्हें उत्पन्न करेगी ।

4 और उन्हें स्वर्ग से आशीषों का मुकुट भी पहनाया जाएगा, हां, और थोड़ी बहुत आज्ञाओं से नहीं, और प्रकटीकरणों से इनके उचित समय में—वे जो मेरे सम्मुख विश्वासी और परिश्रमी रहते हैं ।

5 इसलिए, मैं उन्हें यह कहते हुए एक आज्ञा देता हूं: तुम प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय, अपने सारी शक्ति, बुद्धि, और बल से प्रेम रखोगे; और तुम यीशु मसीह के नाम में उसकी सेवा करोगे ।

6 तुम अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखोगे । तुम चोरी नहीं करोगे; न ही व्यभिचार करोगे, न ही हत्या, न ही इसके समान अन्य कार्य करोगे ।

7 तुम सब बातों में प्रभु अपने परमेश्वर को धन्यवाद दोगे ।

8 तुम प्रभु अपने परमेश्वर को धार्मिकता में भेंट चढ़ाओगे, यहां तक कि एक टूटा हुआ हृदय और एक शोकार्त आत्मा ।

9 और कि तुम स्वयं को संसार से संपूर्णरूप से निष्कलंक रखोगे, तुम मेरे पवित्र दिन प्रार्थना के घर जाओगे और प्रभु-भोज में भाग लोगे;

10 क्योंकि वास्तव में यह दिन तुम्हारे लिए अपने कामों से विश्राम करने, और परम प्रधान को अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए नियुक्त किया गया है;

11 लेकिन तुम्हारी मन्नतें धार्मिकता में हर दिन और हर समय भेंट की जाएंगी;

12 लेकिन याद रखना कि इस, प्रभु के दिन, तुम परम प्रधान को अपनी भेंटें दोगे और प्रभु-भोज में भाग लोगे, अपने भाइयों से, और प्रभु के सम्मुख अपने पापों का अंगीकार करोगे ।

13 और इस दिन तुम कोई अन्य कार्य नहीं करोगे, केवल तुम्हारा भोजन हृदय की एकाग्रता से पकाया जाए ताकि तुम्हारा उपवास परिपूर्ण हो, या, अन्य शब्दों में, ताकि तुम्हारा आनंद भरपूर हो ।

14 सच में, यह उपवास और प्रार्थना है, या अन्य शब्दों में, आनंद और प्रार्थना ।

15 और जितना अधिक तुम धन्यवाद के साथ ये कार्य करते हो, आनंदित हृदयों और अभिव्यक्ति के साथ, अधिक हंसी के साथ नहीं, क्योंकि यह पाप है, परन्तु खुश हृदय और आनंदित अभिव्यक्ति के साथ—

16 मैं सच सच कहता हूं, कि जितना अधिक तुम इसे करते हो, पृथ्वी की परिपूर्णता तुम्हारी है, जमीन के जानवर और आकाश के पक्षी, और जो वृक्षों पर चढ़ते हैं और पृथ्वी पर चलते हैं;

17 हां, और जड़ी-बूटी, और अच्छी वस्तुएं जो पृथ्वी से प्राप्त होती हैं, चाहे भोजन के लिए या पहनने के लिए, या घरों के लिए, या खलिहानों के लिए, या बागों के लिए, या बगीचों के लिए, या दाख की बारी के लिए;

18 हां, सभी वस्तुएं जो पृथ्वी से प्राप्त होती हैं, उनके मौसम में, मनुष्य के लाभ और उपयोग के लिए बनी हैं, आंख की संतुष्टि और हृदय की खुशी दोनों के लिए;

19 हां, भोजन के लिए और पहनने के लिए, स्वाद के लिए और सुगंध के लिए, शरीर को मजबूत करने और आत्मा को प्रफुल्लित करने के लिए ।

20 और यह परमेश्वर को खुशी देता है कि उसने ये वस्तुएं मनुष्य को दी हैं; क्योंकि इसी उपयोग के लिए इन्हें बनाया गया था, समझदारी के साथ, अधिकता से नहीं, न ही जबरदस्ती द्वारा ।

21 और मनुष्य किसी भी कार्य से परमेश्वर का अपमान नहीं करता, या किसी भी अन्य कार्य के विरुद्ध उसका क्रोध नहीं भड़कता, सिवाय उनके जो सभी कार्यों में उसके हाथ को स्वीकार नहीं करते, और उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करते ।

22 देखो, यह व्यवस्था और भविष्यवक्ताओं के अनुसार है; इसलिए, इस संबंध में मुझ से अधिक शिकायत न करना ।

23 लेकिन सीखो कि जो धार्मिकता के कार्य करता है अपना प्रतिफल प्राप्त करेगा, यहां तक कि इस संसार में शांति, और आने वाले संसार के अनंत जीवन में ।

24 मैं, प्रभु, ने यह कहा है, और आत्मा गवाही देती है । आमीन ।