पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 82


खंड 82

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, इंडिपेन्डस, जैक्सन काउंटी, मिसूरी में, 26 अप्रैल 1832 में, दिया गया प्रकटीकरण । अवसर गिरजे की उच्च याजकों और एल्डरों परिषद का था । इस परिषद में जोसफ स्मिथ का उच्च पौरोहित्य का अध्यक्ष के रूप में सर्मथन किया गया था, जिस पद के लिए उन्हें अमर्स्ट, ओहायो में, 25 जनवरी 1832 को उच्च याजकों, एल्डरों, और सदस्यों के सम्मेलन में पहले ही नियुक्त किया जा चुका था (देखें खंड 75 का शीर्षक) । यह प्रकटीकरण इससे पहले दिए गए प्रकटीकरण एक फर्म स्थापित करने के निर्देशों को दोहराता है (खंड 78)—जो यूनाइटिड फर्म के रूप में जानी गई (जोसफ स्मिथ के निर्देश के अंतगर्त, शब्द “आदेश” के स्थान “फर्म” लिखा गया था)—गिरजे का व्यापारिक और छपाई के कार्यों का प्रबंध करने के लिए ।

1–4, जहां अधिक दिया जाता है, अधिक की अपेक्षा होती है; 5–7, अधंकार संसार में राज्य करता है; 8–13, प्रभु विवश होता है जब हम उसे करते हैं जो वह कहता है; 14–18, सिय्योन को सुंदरता और पवित्रता में आगे बढ़ना चाहिए; 19–24, प्रत्येक व्यक्ति को अपने पड़ोसी के हित का ध्यान रखना चाहिए ।

1 मैं तुम से, सच, सच, कहता हूं, मेरे सेवकों, कि जैसे तुम एक दूसरे की गलतियों को क्षमा करते हो, वैसे ही मैं, प्रभु, तुम्हें क्षमा करता हूं ।

2 फिर भी, तुम्हारे बीच वे हैं जिन्होंने अत्यधिक पाप किए हैं; हां, असल में तुम सबों ने पाप किया है; लेकिन मैं तुम से सच कहता हूं, अब से सावधान रहना, और पाप से दूर रहना, कहीं ऐसा न हो कि कष्टदायक दंड तुम्हारे सिरों पर आए ।

3 क्योंकि जिसे अधिक दिया जाता है उससे अधिक की अपेक्षा होती है; और वह जो अधिक ज्ञान के होते हुए पाप करता है अधिक दंड प्राप्त करेगा ।

4 तुमने प्रकटीकरणों के लिए मेरे नाम को पुकारते हो, और मैं इन्हें तुम्हें देता हूं; और जितना तुम मेरी बातों का पालन नहीं करते हो, जो मैं तुम्हें देता हूं, तुम अपराधी बन जाते हो; और न्याय और दंड सजा है जो मेरी व्यवस्था के साथ जुड़े हैं ।

5 इसलिए, जो मैं एक से कहता हूं मैं सब से कहता हूं: सावधान रहो, क्योंकि शैतान अपने नियंत्रण को फैला रहा है और अंधकार राज करता है;

6 और परमेश्वर का क्रोध पृथ्वी के निवासियों के विरूद्ध भड़क रहा है; और भलाई करने वाला कोई नहीं है, क्योंकि सब भटक गए हैं ।

7 और अब, मैं तुम से सच कहता हूं, मैं, प्रभु, तुम पर कोई पाप नहीं लगने दूंगा; जाओ और फिर पाप न करना; लेकिन वह आत्मा जो पाप करती है उसके पिछले पाप लौट आएंगे, प्रभु तुम्हारा परमेश्वर कहता है ।

8 और फिर, मैं तुम से कहता हूं, मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, ताकि तुम अपने संबंध में मेरी इच्छा को जान सको;

9 या, अन्य शब्दो में, मैं तुम्हें निर्देश देता हूं कि तुम्हें मेरे सम्मुख कैसे चलना चाहिए, ताकि यह तुम्हारे उद्धार के लिए लाभदायक हो ।

10 मैं, प्रभु, विवश होता हूं जब तुम उसे करते हो जो मैं कहता हूं; लेकिन जब तुम उसे नहीं करते जो मैं कहता हूं, तुम्हारे लिए कोई प्रतिज्ञा नहीं है ।

11 इसलिए, मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरे सेवकों एडर्वड पार्टिज और न्यूवेल के. नाइट, ए. सिडनी गिलबर्ट और सिडनी रिगडन, और मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, और जोन विटमर और ओलिवर कॉउड्री, और डब्ल्यू. डब्ल्यू. फेलप्स और मार्टिन हैरिस के लिए यह उचित है कि बंधन और अनुबंध के द्वारा मिलकर एक रहें ताकि उल्लघंन के द्वारा अलग न किए जा सके, वरना प्रभु का दंड तुम्हारे अलग-अलग प्रबंधनों में तुरंत आएगा—

12 गरीब के कामकाज, और धर्माध्यक्षता के संबंध में सब बातों का प्रबंध करने में सिय्योन प्रदेश में और कर्टलैंड में दोनों स्थान पर;

13 क्योंकि मैंने कर्टलैंड प्रदेश को समर्पित किया है मेरे स्वयं के उचित समय में सर्वशक्तिमान के संतों, और सिय्योन स्टेक के कल्याण के लिए ।

14 क्योंकि सिय्योन को सुंदरता में, और पवित्रता में आगे बढ़ना चाहिए; उसकी सीमाएं फैलनी चाहिए; और उसके स्टेक मजबूत होने चाहिए; हां, मैं तुम से सच कहता हूं, सिय्योन ऊपर उठे और अपने सुंदर वस्त्र धारण कर ले ।

15 इसलिए, मैं तुम्हें यह आज्ञा देता हूं, कि तुम स्वयं को इस अनुबंध से बांध लो, और यह प्रभु की व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा ।

16 देखो, यह मुझ में भी समझदारी है तुम्हारी भलाई के लिए ।

17 और तुम एक समान हो, या अन्य शब्दों में, तुम सब का संपत्तियों पर एकसमान दावा है, तुम्हारे प्रबंधनों के कामकाज के नियंत्रण के लाभ के लिए, प्रत्येक व्यक्ति का उसकी मागों और जरूरतों के अनुसार, जब तक उसकी मांगें उचित हैं—

18 और यह सब जीवित परमेश्वर के गिरजे के लाभ के लिए, ताकि प्रत्येक उसकी प्रतिभा को सुधार सके, ताकि प्रत्येक व्यक्ति अन्य प्रतिभाएं भी प्राप्त कर सके, हां, यहां तक की सौ गुणा, प्रभु के भंडारगृह में देने के लिए, संपूर्ण गिरजे की सार्वजनिक संपत्ति होने के लिए—

19 प्रत्येक व्यक्ति को अपने पड़ोसी के हित का ध्यान रखना चाहिए, और सब कार्य करने चाहिए दृष्टि को सिर्फ परमेश्वर की महिमा की ओर लगाते हुए ।

20 यह संस्था मैंने तुम्हारे, और तुम्हारे वंशजों के लिए एक अनंत संस्था होने के लिए नियुक्त की है, जब तक तुम पाप नहीं करते हो ।

21 और वह आत्मा जो इस अनुबंध के विरूद्ध पाप करती है, और इसके विरूद्ध अपने हृदय को कठोर करती है, उसके साथ मेरे गिरजे की व्यवस्था के अनुसार व्यवहार किया जाएगा, और शैतान के उत्पीड़न के लिए सौंपा जाएगा मुक्ति के दिन तक ।

22 और अब, मैं तुम से सच कहता हूं, और यह समझदारी है, अधर्मी के धन के द्वारा स्वयं के लिए मित्र बनाओ, और वे तुम्हें नष्ट नहीं करेंगे ।

23 न्याय करना मुझ पर छोड़ दो, क्योंकि यह मेरा काम है और मैं ही बदला लूंगा । तुम्हें शांति मिले; मेरी आशीषें तुम्हारे साथ बनी रहें ।

24 क्योंकि अभी राज्य तुम्हारा है, और हमेशा रहेगा, यदि तुम अपनी विश्वासनीयता में डगमगाते नहीं हो । तो भी । आमीन ।