पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 38


खंड 38

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, फैयट, न्यू यार्क, 2 जनवरी 1830 में, दिया गया प्रकटीकरण । यह गिरजे के सम्मेलन का अवसर था ।

1–6, मसीह ने सब वस्तुओं को रचा; 7–8, वह अपने संतों के मध्य है, जो उसे शीघ्र देखेंगे; 9–12, उसके समक्ष सब भ्रष्ट हैं; 13–22, उसने समय में और अनंतता में संतों के लिए प्रतिज्ञा के देश सुरक्षित रखा है; 23–27, संत को एक होने और भाइयों के समान एक दूसरे का आदर करने की आज्ञा दी जाती है; 28–29, युद्धों की भविष्यवाणी की जाती है; 30–33, संतों को स्वर्ग से शक्ति दी जानी है और सब राष्ट्रों में जाना है, 34–42, गिरजे को गरीब और जरूरतमंद की मदद करने और अनंतता के धन की खोज करने की आज्ञा दी जाती है ।

1 प्रभु तुम्हारा परमेश्वर, यीशु मसीह, इस प्रकार कहता है, महान मैं हूं, अलफा और ओमेगा, आरंभ और अंत, वही जो अनंतता की लंबाई और चौड़ाई देखता है, और सभी स्वर्ग के दूतों को, संसार की रचना से पहले;

2 वही जो सब बातों को जानता है, क्योंकि सब बातें मेरी आंखों के सामने हैं;

3 मैं वही हूं जिसने बोला, और संसार रचा गया था, और सभी वस्तुएं मेरे द्वारा उत्पन्न हुई हैं ।

4 मैं वही जिसने इनोक के सिय्योन को अपनी स्वयं की छाती पर ले लिया था; और मैं सच, कहता हूं, जितनों ने मेरे नाम में विश्वास किया है, क्योंकि मैं मसीह हूं, और मेरे स्वयं के नाम में, उस लहू के कारण जो मैंने बहाया था, मैंने पिता के समक्ष उनके लिए याचना की थी ।

5 लेकिन देखो, दुष्ट के अवशेष को मैंने अंधकार की जंजीर में बांध रखा जबतक न्याय का महान दिन आता है, जो कि पृथ्वी के अंत में आएगा;

6 और यहां तक कि मैं दुष्ट को बांधे रहूंगा, जो मेरी वाणी नहीं सुनेगा लेकिन अपने हृदयों को कठोर करेंगे, और हाय, हाय, हाय, उनका विनाश है ।

7 लेकिन देखो, मैं तुम से सच, सच कहता हूं, कि मेरी आंखें तुम पर हैं । मैं तुम्हारे मध्य में हूं और तुम मुझे नहीं देख सकते;

8 लेकिन दिन शीघ्र आता है कि तुम मुझे देखोगे, और जानोगे कि मैं हूं; क्योंकि अंधकार का परदा शीघ्र हटा दिया जाएगा, और वह जो शुद्ध नहीं किया गया है उस दिन खड़ा नहीं रह पाएगा ।

9 इसलिए, अपनी कमर कस लो और तैयार हो जाओ । देखो, राज्य तुम्हारा है, और शत्रु विजय प्राप्त नहीं कर पाएगा ।

10 मैं तुम से सच, कहता हूं, तुम शुद्ध हो, लेकिन सब के सब नहीं; और ऐसा कोई नहीं है जिससे मैं पूर्णता प्रसन्न हूं;

11 सभी लोग मेरे समक्ष भ्रष्ट हैं; और अंधकार की शक्तियां पृथ्वी पर छा गई हैं, मनुष्य की संतान के बीच, स्वर्गीय सेनाओं की उपस्थिति में—

12 जिसके कारण खामोशी छा गयी है, और संपूर्ण अनंत दुख में है, और स्वर्गदूत पृथ्वी पर फसल काटने के महान आदेश की प्रतिक्षा में हैं, घास को एकत्रित करने के लिए ताकि वे जलाई जा सके; और, देखो, शुत्र मिल गया है ।

13 और अब मैं तुम्हें एक रहस्य दिखाता हूं, एक बात जो गुप्त कोठरियों में है, समय की प्रक्रिया में तुम्हारे लिए विनाश लाने के लिए, और तुम इसे नहीं जानते;

14 लेकिन मैं तुम्हें बताता हूं, और तुम आशीषित हो, तुम्हारे दुष्टता के कारण नहीं, न ही तुम्हारे हृदयों के अविश्वास के; क्योंकि सच में तुम में से कुछ मेरे समक्ष अपराधी हो, लेकिन मैं तुम्हारी कमजोरी में दयालु रहूंगा ।

15 इसलिए, अब से तुम मजबूत हो जाओ; डरो नहीं, क्योंकि राज्य तुम्हारा है ।

16 और तुम्हारे उद्धार के लिए मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, क्योंकि मैंने तुम्हारी प्रार्थनाओं सुना है, और गरीब ने मुझे से याचना की है, और अमीर को मैंने बनाया है, और सब लोग मेरे हैं, और मैं लोगों में भेद-भाव नहीं करता हूं ।

17 और मैंने पृथ्वी को संपन्न बनाया है, और देखो यह मेरे पांव की चौकी है, इसलिए, फिर मैं इस पर खड़ा होंगा ।

18 और मेरे पास हैं और तुम्हें देना चाहता हूं महान संपत्ति, यहां तक कि प्रतिज्ञा का प्रदेश, ऐसा प्रदेश जहां दूध और शहद बहता है, जिस पर कोई श्राप न होगा जब प्रभु आता है;

19 और मैं तुम्हें तुम्हारा पैतृक प्रदेश दूंगा, यदि तुम अपने संपूर्ण हृदय से इसकी खोज करोगे ।

20 और तुम्हारे साथ मेरा यह अनुबंध होगा, तुम इसे अपने पैतृक प्रदेश के रूप में प्राप्त करोगे, और अपनी संतान के लिए हमेशा, जबतक पृथ्वी कायम है, और तुम इसे अनंतता में फिर प्राप्त करोगे, फिर कभी न खोने के लिए ।

21 लेकिन, मैं तुम से, सच कहता हूं कि समय में तुम्हारा कोई राजा या शासक न होगा, क्योंकि मैं तुम्हारा राजा होंगा और तुम्हारी देख-भाल करूंगा ।

22 इसलिए, मेरी वाणी सुनो और मेरा अनुसरण करो, और तुम स्वतंत्र लोग होगे, और तुम्हारे लिए कोई व्यवस्था न होगी परंतु मेरी व्यवस्था जब मैं आऊंगा, क्योंकि मैं तुम्हारी व्यवस्था देने वाला हूं, और मेरे हाथ कौन रोक सकता है?

23 लेकिन, मैं तुम से सच, कहता हूं, एक दूसरे को सीखाओ अपने पद के अनुसार जिस पर मैंने तुम्हें नियुक्त किया है;

24 और प्रत्येक पुरूष अपने भाई को अपने समान आदर करे, और मेरे समक्ष नैतिकता और पवित्रता से व्यवहार करे ।

25 और फिर मैं तुम से कहता हूं, प्रत्येक पुरूष अपने भाई को अपने समान आदर दे ।

26 क्योंकि तुम्हारे मध्य किसी व्यक्ति के बारह बेटे हों, और उनमें भेद-भाव नहीं करता, और वे उसकी आज्ञाकारिता से सेवा करते हैं, और वह उनमें एक से कहता है: तुम अच्छे कपड़े पहनों और यहां बैठो; और दूसरे से: तुम चिथड़े पहनो और वहां बैठो—और अपने बेटों की ओर देखो और क्या मैं न्याय नहीं करता?

27 देखो, यह मैंने तुम्हें एक दृष्टांत के रूप में कहा है, और मैं भी ऐसा ही हूं । मैं तुम से कहता हूं, एक रहो; और यदि तुम एक नहीं हो तो तुम मेरे नहीं हो ।

28 और फिर, मैं तुम से कहता हूं कि शत्रु गुप्त कोठरियों में तुम्हारे जीवन के पीछे हैं ।

29 तुम दूर देशों में युद्धों के बारे में सुनते हो, और तुम कहते हो कि शीघ्र दूर देशों में बड़े युद्ध होंगे, लेकिन तुम अपने प्रदेश में लोगों के हृदयों को नहीं जानते ।

30 मैं तुम्हें यह बातें तुम्हारी प्रार्थनाओं के कारण बताता हूं; इसलिए, अपनी छाती में ज्ञान संजोकर रखो, कहीं ऐसा न हो कि मनुष्य की दुष्टता की बातें उनकी दुष्टता के द्वारा तुम पर प्रकट हों, जो इतनी तेज तुम्हारे कानों में बोलती है जोकि पृथ्वी कांपा देगी; लेकिन यदि तुम तैयार हो तो तुम डरोगे नहीं ।

31 और कि तुम शत्रु की शक्ति से बच सको, और मेरे धर्मी लोगों से घिरे रहो, बिन दाग और निर्दोष—

32 इसलिय, इस कारण मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं कि तुम्हें ओहायो जाना चाहिए; और वहां मैं तुम्हें अपनी व्यवस्था दूंगा; और वहां तुम्हें स्वर्ग से शक्ति प्रदान की जाएगी;

33 और यहां से, जो कोई जाएगा मैं सब राष्ट्रों के मध्य जाऊंगा, और यह उन्हें बताया जाएगा कि उन्हें क्या करना होगा; क्योंकि मैंने एक महान कार्य बचा कर रखा है, क्योंकि इस्राएल उद्धार पाएगा, और मैं उनका हर जगह मार्गदर्शन करूंगा जहां मैं चाहूंगा, और कोई शक्ति मेरे हाथ को न रोकेगी ।

34 और अब, मैं इस भाग में गिरजे को आज्ञा देता हूं, कि उनके बीच कुछ लोग नियुक्त किए जाएंगे, और वे गिरजे में ध्वनि-मत से नियुक्त किए जाएंगे;

35 और वे गरीब और जरूरतमंद की देख-भाल करेंगे, और उनकी राहत का कार्य करें ताकि वे कष्ट न सहें; और उन्हें उस स्थान पर भेजें जिसकी आज्ञा मैंने उन्हें दी है;

36 और यह उनका कार्य होगा, इस गिरजे की संपत्ति के मामलों का संचालन करना ।

37 और वे जिनके पास खेत हैं जिन्हें बेचा नहीं जा सकता, उन्हें छोड़े दें या किराये पर जैसा उन्हें उचित लगे ।

38 देखो कि सब वस्तुएं सुरक्षित रखी जाएं; और जब मनुष्य को स्वर्ग से शक्ति प्रदान की जाती है और भेजे जाते हैं, सब वस्तुएं गिरजे के मध्य में एकत्रित की जाएंगी ।

39 और यदि तुम उस संपत्ति की खोज करते हो जो पिता तुम्हें देना चाहता है, तुम सब लोगों में धनी होगे, क्योंकि तुम्हारे पास अनंतता की संपत्ति होगी; और यह जान लो कि पृथ्वी की संपत्ति मेरी है और किसी को भी दे सकता हूं; लेकिन घमंड से सर्तक रहना, कहीं ऐसा न हो तुम प्राचीन नफाइयों के समान बन जाओ ।

40 और फिर, मैं तुम से कहता हूं, मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, कि प्रत्येक मनुष्य, सभी एल्डर, याजक, शिक्षक, और सदस्य भी, परिश्रम करो, अपने हाथों की कार्य से, तैयार रहे और उन बातों को पूरा करो जिसकी आज्ञा मैंने तुम्हें दी है ।

41 और तुम्हारा प्रचार चेतावनी की आवाज में हो, प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी को, शांति से और विनम्रता से ।

42 और तुम दुष्ट के बीच से बाहर निकल आओ । अपने आप को बचाओ । तुम शुद्ध रहो प्रभु के पात्रों को ढोने वालों । तो भी । आमीन ।